अयोध्या में रामपथ-भक्तिपथ से 50 लाख की लाइटें चोरी ??

अयोध्या में रामपथ-भक्तिपथ से 50 लाख की लाइटें चोरी ..
3800 बैम्बू लाइट और 96 प्रोजेक्टर गायब; CCTV से लैस, फोर्स रहती है तैनात

अयोध्या में रामपथ के अलावा 10 वार्ड में डेकोरेटिव लाईट लगाई गई थीं। - Dainik Bhaskar

अयोध्या में रामपथ के अलावा 10 वार्ड में डेकोरेटिव लाईट लगाई गई थीं …

अयोध्या के रामपथ और भक्तिपथ से 50 लाख की लाइटें चोरी हो गईं। 3800 बैम्बू लाइट और 96 गोबो प्रोजेक्टर गायब मिले हैं। रामपथ और भक्तिपथ CCTV कैमरों से लैस है। इन दोनों मार्गों पर 24 घंटे पुलिसकर्मियों की तैनाती रहती है। दोनों पथ राम मंदिर से जुड़े हुए हैं।

लाइटों को लगाने वाली संस्था यश इंटरप्राइजेज के कर्मचारी शेखर शर्मा ने मंगलवार को रामजन्मभूमि थाने में FIR दर्ज करवाई है। उन्होंने बताया- रामपथ के पेड़ों पर 6400 बैम्बू लाइट, भक्तिपथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइटें लगाई गईं थीं।

19 अप्रैल तक सभी लाइटें थीं। 19 मई को निरीक्षण किया गया। इसमें पता चला कि कुछ लाइटें कम हैं। अब तक 3800 बैम्बू लाइट और 36 गोबो प्रोजेक्टर लाइट चोरी हो चुकी हैं। थाना रामजन्मभूमि के SO देवेंद्र पांडेय ने बताया- मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच के लिए दोनों पथों पर लगे CCTV को भी देखा जा रहा है।

वहीं, कमिश्नर गौरव दयाल ने कहा- इतनी कड़ी सुरक्षा के बीच लाइट चोरी होना संभव नहीं है। हो सकता है कि बंदरों ने कुछ लाइटों को क्षतिग्रस्त कर दिया हो।

जानकीघाट में श्रीरामवल्लभाकुंज से कारसेवकपुरम जाने वाली संकरी गली में डेकोरेटिव लाइट का एक खंभा टूट कर जमीन पर गिर गया था।
जानकीघाट में श्रीरामवल्लभाकुंज से कारसेवकपुरम जाने वाली संकरी गली में डेकोरेटिव लाइट का एक खंभा टूट कर जमीन पर गिर गया था।

दोनों पथों पर 37 CCTV, 1000 जवान तैनात

रामपथ की लंबाई 13 किलोमीटर है। इसमें हाई रेजोल्यूशन के 25 CCTV कैमरे लगे हैं। इनकी क्षमती ऐसी है कि लोगों के हाथ की लकीरें तक कैप्चर कर सकते हैं। वहीं, भक्ति पथ की लंबाई 800 मीटर है। इसमें जगह-जगह 12 CCTV कैमरे लगे हैं।

दोनों पथों पर लगे CCTV को नए घाट पर बने कंट्रोल रूम से मॉनिटर किया जाता है। दोनों पथों पर ट्रैफिक, सिविल और PAC के करीब 1000 जवान 50-50 मीटर की दूरी पर तैनात रहते हैं।

10 वार्डों में लाइट लगाने में 71.86 करोड़ आई थी लागत

अयोध्या धाम के 10 वार्डों में 71 करोड़ 86 लाख रुपए फैन्सी लाइट लगाई गईं थीं। लाइटों की गुणवत्ता को लेकर स्थानीय पार्षदों ने पहले भी सवाल उठाए थे। सपा-भाजपा पार्षदों ने योजना की जांच की मांग 12 जुलाई को की थी।

पार्षदों का कहना था- जो लाइटें लगाई गईं हैं। वह कभी जलती हैं, तो कभी नहीं। कई पोल टूटकर गिर चुके हैं। उस वक्त महापौर महंत गिरीशपति तिवारी ने डैमेज कंट्रोल किया था। उन्होंने भाजपा के रूठे पार्षदों को मनाया था। कहा था- यह अयोध्या को बदनाम करने की साजिश है।

वह ज्ञापन है। इसमें लाइटों की जांच की मांग सपा और भाजपा पार्षदों ने उठाया था।
वह ज्ञापन है। इसमें लाइटों की जांच की मांग सपा और भाजपा पार्षदों ने उठाया था।

बारिश के बाद सड़क धंसी तो लाइटों का मुद्दा भी सामने आया

बारिश में रामपथ की सड़क धंसने के बाद लाइट की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे थे। लोगों का कहना था कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की चकाचौंध में 2 महीनों तक किसी का ध्यान नहीं गया। फिर लोकसभा चुनाव आ गए। इसलिए मुद्दा दबकर रह गया। अब लाइटों की स्थिति सामने आ गई है।

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