‘दुष्कर्म के दोषी के लिए मृत्युदंड !
‘दुष्कर्म के दोषी के लिए मृत्युदंड, 21 दिनों के भीतर पूरी होगी जांच’, कल मसौदा विधेयक पेश करेगी सरकार
मसौदा विधेयक में प्रस्ताव है कि हाल ही में पारित हुए भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 में पश्चिम बंगाल के संदर्भ में संशोधन किया जाए। इसका मकसद सजा को सख्त बनाना और महिलाओं व बच्चों के खिलाफ किए गए गंभीर अपराधों की तेजी से जांच और मुकदमों का ढांचा तैयार करना है।
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार मंगलवार को विधानसभा में दुष्कर्म विरोधी विधेयक पेश करेगी। इस विधेयक के मसौदे में दुष्कर्म के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रस्ताव है, यदि उनके कृत्यों के कारण पीड़िता का मृत्यु हो जाती है या वह बेहोश हो जाती है। इसके अलावा, मसौदे में कहा गया है कि दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म के दोषी व्यक्तियों को उनके शेष प्राकृतिक जीवन के लिए आजीवन कारावास की सजा मिलेगी।
‘अपराजिता महिला और बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन) विधेयक 2024’ नाम के इस विधेयक का मकसद महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा बढ़ाना है। इसमें दुष्कर्म और यौन अपराधों से जुड़े नए प्रावधान जोड़ने और पुराने प्रावधानों में संशोधन करने का प्रस्ताव है।
इस मसौदा विधेयक में प्रस्ताव है कि हाल ही में पारित हुए भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 में पश्चिम बंगाल के संदर्भ में संशोधन किया जाए। इसका मकसद सजा को सख्त बनाना और महिलाओं व बच्चों के खिलाफ किए गए गंभीर अपराधों की तेजी से जांच और मुकदमों का ढांचा तैयार करना है।
मसौदा विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि यह विधेयक राज्य में महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाने का प्रस्ताव करता है। यह राज्य की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि वह अपने नागरिकों, खासकर महिलाओं और बच्चों, के मौलिक अधिकारों को बनाए रखने और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म और यौन अपराधों जैसे घृणित कृत्यों से कानून की पूरी ताकत के साथ निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।
21 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी जांच
इस विधेयक के तहत दुष्कर्म के मामलों की जांच 21 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी। जो पहले दो महीने की समय सीमा से कम है। पिछले महीने राज्य संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के बाद विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस सत्र में विधेयक को राज्य के कानून मंत्री मलय घटक पेश करेंगे।
मसौदा विधेयक का मकसद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धाराओं 64, 66, 70 (1), 71, 72 (1), 73, 124 (1) और 124 (2) में संशोधन करना है। ये धाराएं आमतौर पर दुष्कर्म, दुष्कर्म और हत्या, सामूहिक दुष्कर्म, पुनरावृत्ति करने वाले अपराधियों, पीड़िता की पहचान उजागर करने और एसिड का इस्तेमाल कर चोट पहुंचाने जैसे अपराधों की सजा से संबंधित हैं।