भोपाल : बड़े लोगों की छोटी हरकत … भोपाल में 900 से ज्यादा बंगले चेकिंग की जद में

बड़े लोगों की छोटी हरकत
सब्सिडी के लिए एक से ज्यादा मीटर… भोपाल में 900 से ज्यादा बंगले चेकिंग की जद में, सर्वे कर 412 को थमाए नोटिस

इन दिनों बिजली कंपनी का पूरा जोर उन बड़े और आलीशान बंगलों पर है जहां बिजली के एक से ज्यादा मीटर लगे हैं। इसके लिए चेकिंग अभियान लगातार चल रहा है। बिजली कंपनी का अमला जियो टैगिंग के जरिए सर्वे कर रहा है। फिलहाल की स्थिति में भोपाल में 900 से ज्यादा बंगले चेकिंग की जद में आए हैं। भोपाल सिटी सर्कल की टीम ने सर्वे करके 412 लोगों को नोटिस थमाए हैं। इन्हें 15 दिन की मोहलत दी गई है। इन लोगों के पास अब सिर्फ यही गुंजाइश बचती है कि 2 मीटर चाहिए तो केवाईसी कराएं।

समग्र आईडी और दो किचन बताएं। इस आधार पर इन्हें थोड़ी राहत मिल सकती है। यह पूरा मामला बिजली कंपनी की योजना के तहत 100 यूनिट पर ₹100 और 150 यूनिट पर 150 रुपए की सब्सिडी से जुड़ा है। कंपनी को संदेह है कि कई सक्षम लोग भी यह सब्सिडी ले रहे हैं। इसी वजह से यह पूरी कवायद की जा रही है।

ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव 3 दिन पहले चेकिंग करने खुद ही बिजली कंपनी के अफसरो को लेकर अरेरा कॉलोनी ई-1, ई-3 और ई-4 पहुंच गए थे। सिटी सर्कल के जनरल मैनेजर जाहिद अजीज खान ने बताया कि इसके लिए रोजाना सर्वे किया जा रहा है।

कंपनी पूरे क्षेत्र में 25 हजार 363 घरों की करेगी जांच

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के दायरे में आने वाले 16 जिलों में 25,363 घरों की जांच की जाएगी। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 15621 मकान ₹5000 वर्ग फीट से ज्यादा की दर के प्लाट पर बने हैं।

इधर, 158 बड़े बकायादारों के नाम सार्वजनिक किए

इधर बिजली कंपनी द्वारा बड़े बकायादारों से वसूली के लिए शुरू की गई विशेष मुहिम के तहत 158 बड़े बकायादारों के नाम सार्वजनिक किए गए हैं। कंपनी के पोर्टल पर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके नाम की सूची शेयर की गई है। इसके अलावा कंपनी बकाया वसूली के लिए शस्त्र लाइसेंस निलंबन का रास्ता भी अपना रही है। बड़े बकायादारों को उनके शस्त्र लाइसेंस निलंबित करने के नोटिस भेजे जा रहे हैं।

जियो पोर्टल से कलेक्टर गाइड लाइन पर हुई रजिस्ट्री का डाटा निकालेंगे ऐसे उपभोक्ताओं की जानकारी हासिल करने के लिए बिल्कुल अलग तकनीक अपनाई गई है। बिजली कंपनी द्वारा मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) के एमपी जियो पोर्टल की मदद से कलेक्टर गाइड लाइन पर हुई रजिस्ट्री की कमांड देकर डाटा निकाला जाएगा।

प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में यही तकनीक अपनाई जाएगी। इस कार्य में नगर निगम व नगर पालिका के साथ समन्वय स्थापित कर संपत्ति का डाटा एमपीएसईडीसी को दिया गया है। एमपीएसइडीसी जियो टेगिंग के माध्यम से बिजली उपभोक्ताओं की जानकारी निकाल कर बिजली कंपनियों को देगी।

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सब्सिडी का अवैध लाभ लेने वालों की जियो टैगिंग जांच:रजिस्ट्री से जुटाएंगे जानकारी, कौन से कंज्यमर आलीशान मकान, बंगलों में रहकर ले रहे सब्सिडी का फायदा

प्रदेश में तीनों ही विद्युत वितरण कम्पनियां अब शहरी इलाकों में महंगे प्लाट लेकर और आलीशान बनाकर रहने वाले उपभोक्ताओं की जांच रजिस्ट्री के माध्यम से करेंगी। जिलों में पंजीयन विभाग से रजिस्ट्री के आंकड़े लेकर कलेक्टर गाइडलाइन के आधार पर ऐसे उपभोक्ताओं की कमाई का आकलन किया जाएगा और जो अच्छी कमाई के बाद भी अटल ज्योति योजना में सब्सिडी का लाभ ले रहे हैं, उन्हें अपात्र घोषित करने का काम किया जाएगा।

प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियां पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी ऊर्जा विभाग के आदेश के बाद इसकी जांच के लिए एक्टिव हो गई हैं। ये बिजली कम्पनियां मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (एमपीएसइडीसी) के सहयोग से जियो टेगिंग तकनीक के माध्यम से अटल योजना का लाभ लेने वाले उपभोक्ताओं की वास्तविक स्थिति की जांच करेंगी। जांच की शुरुआत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के भोपाल व ग्वालियर के पॉश इलाकों से कर दी गयी है।

150 यूनिट का लाभ ले रहे आलीशान घरों में रहने वाले

सरकार को आशंका है कि आलीशान बंगलों और घरों में रहने वाले अटल ज्योति योजना का लाभ ले रहे है। अटल ज्योति योजना के दायरे में वे उपभोक्ता आते हैं जिनकी मासिक बिजली खपत 150 यूनिट तक है। ऐसे उपभोक्ताओं को ऊर्जा विभाग द्वारा सब्सिडी दी जाती है।

मध्यप्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के द्वारा अपनी बिलिंग प्रणाली का डाटा मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम लिमिटेड (एमपीएसइडीसी) को उपलब्ध कराया गया है। इस कार्य में नगर निगम व नगर पालिका के साथ समन्वय स्थापित कर संपत्ति डाटा भी एमपीएसइडीसी को दिया गया है।

जियो टैगिंग से लेंगे बड़े बंगलों, प्लाट्स वाले कंज्यूमर्स की लोकेशन

एमपीएसइडीसी द्वारा जियो टेगिंग के माध्यम से बिजली उपभोक्ताओं की जानकारी निकाल कर विद्युत वितरण कंपनियों को उपलब्ध कराई जाएगी। इससे बड़े भू-भाग व अधिक क़ीमत की गाइडलाइन वाले उपभोक्ता द्वारा अटल ज्योति योजना के अंतर्गत सब्सिडी लेने की जानकारी मिल सकेगी। इस जानकारी के आधार पर विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा ऐसे परिसरों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की योजना तैयार की जाएगी।

रजिस्ट्री की कमांड देकर निकालेंगे डेटा

एमपीएसइडीसी के एमपी जियो पोर्टल की मदद से कलेक्टर गाइड लाइन पर हुई रजिस्ट्री की कमांड देकर डेटा निकाला जाएगा और दूसरे कमांड पर इस गाइडलाइन पर रजिस्ट्री करवाने वाले ऐसे उपभोक्ताओं की जानकारी मिलेगी जिनके यहां बिजली की मासिक खपत 150 यूनिट तक है।

एक परिसर में अनेक कनेक्शन वाले उपभोक्ता कनेक्शनों को मर्ज कराएं

विद्युत वितरण कंपनियों ने विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि जिनके परिसर में अनेक कनेक्शन चल रहे वे अनेक विद्युत कनेक्शनों को समाहित (मर्ज) कराकर एक बिजली कनेक्शन करवा लें। इसके लिए वे नजदीकी विद्युत वितरण केंद्र अथवा जोन कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

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