नोएडा :अपार्टमैंट दिलाने के नाम पर एक करोड़ की ठगी …23 के खिलाफ की शिकायत !
अपार्टमैंट दिलाने के नाम पर एक करोड़ की ठगी
नोएडा में पीड़ित बोला-कब्जा लेने पहुंचे, तो कोई दूसरा रहता मिला; 23 के खिलाफ की शिकायत
नोएडा में अपार्टमैंट बेचने के नाम पर एक करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है। आरोप है कि एक बिल्डर ने पैसे लिए। अपार्टमैंट किसी और को दिया। मामले में पीड़ित ने दिल्ली में 23 के खिलाफ शिकायत की है। पुलिस की EOW विंग मामले की जांच कर रही है।
द्वारका एक्सप्रेस के पास लिया था अपार्टमैंट सेक्टर-104 में ATS वन हेमलेट सोसाइटी में रहने वाले जयंत गुप्ता ने बताया-जून/जुलाई 2012 में मेरी मुलाकात रियल एस्टेट एजेंट अमित जैदका से हुई, जो मैसर्स शिवम एसोसिएट के निदेशक हैं।
उन्होंने मुझे गुरुग्राम सेक्टर-37D में द्वारका एक्सप्रेस के पास BPTP ग्रुप के हाउसिंग प्रोजेक्ट की जानकारी दी। 30 जुलाई 2012 को मैंने 7 लाख रुपए देकर इस प्रोजेक्ट में अपार्टमैंट के लिए रजिस्ट्रेशन कर दिया। 9 अक्टूबर 2012 को टॉवर नंबर-25 में तीसरी मंजिल पर अपार्टमैंट नंबर-303 मुझे अलॉट किया गया।
42 महीने में मिलना था कब्जा जयंत गुप्ता ने बताया-रजिस्ट्रेशन के वक्त ही ये तय हो गया था कि 42 महीने के अंदर कब्जा दे दिया जाएगा। आवंटन पत्र में इस बात का जिक्र भी है। 17 जनवरी 2013 को मैंने एक करोड़ रुपए का लोन बैंक से लिया। तब से उसकी किस्त लगातार जमा कर रहा हूं। लोन के बदले इस अपार्टमैंट के कागजात बैंक के पास जमा हैं।
अपार्टमैंट में पहुंचे, तो कोई और रहता मिला शिकायकर्ता ने बताया-एक करोड़ रुपए से ज्यादा जमा करने के बावजूद मुझे अपार्टमैंट पर कब्जा नहीं दिया गया। मैं कई बार हाउसिंग ग्रुप के दिल्ली कनॉट प्लेस ऑफिस गया। वहां भी टाल-मटोल करते रहे। 8 जुलाई 2024 को जब मैं साइट पर पहुंचा, तो वहां मेरे अपार्टमैंट के बाहर किसी और शख्स का नाम लिखा हुआ था।
पैसे वापस मांगने पर मिल रहीं धमकियां जयंत गुप्ता ने बताया-अब मुझे न तो अपार्टमैंट मिला और न ही रुपए वापस मिले। इसके बदले मुझे धमकियां मिल रही हैं। जबकि मैं बैंक की EMI अभी तक जमा कर रहा हूं। कब्जा नहीं देने को लेकर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज कराई। जिस पर लगातार सुनवाई चल रही है। अगली तारीख 29 अगस्त 2024 लगी है।
इनके खिलाफ की शिकायत जयंत गुप्ता ने 15 जुलाई 2024 को एक शिकायत दिल्ली पुलिस की EOW विंग से की है। इसमें BPTP लिमिटेड, कंट्रीवाइड प्रमोटर्स प्रालि, हाउसिंग डवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड, प्रनव मत्ता, सीएम शर्मा, जलज सिंह, रोहित मोहन, कबुल चावला, सुधांशु त्रिपाठी, अनुपम बंसल, मेघा बजाज, अमित जैदका, संध्या राय, पंकज वर्मा, प्रेरणा वर्मा, सुभष चंद्र सेटिया, चित्रा मेनन, केकी एम मिस्त्रे, शशिधर जगदीशन, कैजाद भरूचा, श्रीनिवासन वैद्यनाथन, मानिक मलिक और हरविंदर ढिल्लो पर जालसाजी करने के आरोप लगाए गए हैं।
दिल्ली पुलिस की EOW विंग के अधिकारियों का कहना है कि शिकायत पर गहनता से जांच की जा रही है। जो तथ्य सामने आएंगे, उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर, दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को शिकायकर्ता जयंत गुप्ता को चिट्ठी भेजकर जानकारी दी है कि इस केस की जांच DCP स्तर के अधिकारी को भेज दी गई है।