गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में पीएचडी की छात्रा के साथ शारीरिक शोषण करने का मामला सामने आया है। पीड़ित परिजन ने सोशल मीडिया के माध्यम से आवाज उठाई है। परिजनों का कहना है कि जीबीयू के डीन के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
एक्स पर पीड़िता की बहन ने लिखा कि डीन ने पीएचडी छात्रा को अपने आफिस में बुलाकर अश्लील शब्दों का प्रयोग कर दबाव बनाया। पीड़िता को बात आगे बढ़ाने पर पीएचडी पूरी नहीं करने की धमकी दी गई। पीड़ित पक्ष के मुताबिक मामले की शिकायत के बाद आइएसीसी कमेटी तो बनाई गई, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोप है कि कुछ लोग डीन को संरक्षण दे रहे हैं, जिस वजह से प्रशासन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
अहम है कि पहले भी जीबीयू में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। पीड़िता की बड़ी बहन ने कार्रवाई नहीं होने पर यूजीसी अध्यक्ष को भी पत्र लिखा है। वहीं कुलपति आरके सिन्हा ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राचार्य की अध्यक्षता में आइएसीसी कमेटी का गठन किया गया था। चार से पांच बार कमेटी मामले की सुनवाई कर चुकी है। छात्राओं की सुरक्षा विश्वविद्यालय की प्राथमिकता में है। जांच रिपोर्ट आने के बार कार्रवाई होगी।