गौतमबुद्धनगर में सबसे ज्यादा कमाई कर रहे नौकरीपेशा लोग !
Noida News: गौतमबुद्धनगर में सबसे ज्यादा कमाई कर रहे नौकरीपेशा लोग
यूपी में सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय, 10 साल में 53.5 फीसदी से बढ़कर 6.47 लाख हुई
नोएडा। सालाना कमाई के मामले में गौतमबुद्धनगर के लोगों ने पूरे प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है। आईटी कंपनियों के अलावा उद्योगों में अच्छी सैलरी और स्टार्टअप के बढ़ते कदमों की वजह से प्रति व्यक्ति आय में गौतमबुद्धनगर शीर्ष पर है। कोरोना में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होने के बाद भी पिछले 10 साल में यह आय बढ़ी है। प्रदेश सरकार के नियोजन विभाग के अधीन निदेशक सांख्यिकी की हालिया जारी प्रति व्यक्ति निवल घरेलू उत्पाद रिपोर्ट के मुताबिक गौतमबुद्धनगर की प्रति व्यक्ति आय 6.47 लाख रुपये सालाना हो चुकी है। यह आंकड़ा 2021-22 के आय के आंकड़ों के आधार पर है।
—————–एक लाख रुपये सालाना कमाई वाले सिर्फ छह जिले
रिपोर्ट के मुताबिक एक लाख से अधिक सालाना कमाई वाले पूरे यूपी में केवल पांच जिले हैं। इनमें सबसे ऊपर गौतमबुद्धनगर है। इसके अलावा मेरठ दूसरे नंबर पर है जिसकी प्रति व्यक्ति आय 1,35,804 रुपये है। तीसरे नंबर पर एटा प्रति व्यक्ति आय 1,21,343 रुपये के साथ है। चौथे और पांचवे नंबर पर क्रमश: आगरा और लखनऊ है जिनकी प्रति व्यक्ति आय 1,15,889 और 1,15,455 रुपये है। छठे स्थान पर हमीरपुर 1,10,418 रुपये आय, सातवें स्थान पर अमरोहा 97,881 रुपये, आठवें स्थान पर कानपुर नगर 96,475 रुपये, नौवें स्थान पर गाजियाबाद 95,216 रुपये, 10वें स्थान पर हापुड़ 91,893 रुपये रहा। सबसे कम प्रति व्यक्ति आय वाला जिला बलरामपुर है। यहां प्रति व्यक्ति आय 31,475 रूपये सालाना है।
तेजी से विकसित हो रहा जिला
गौतमबुद्धनगर में कई बड़ी कंपनियां रोजगार दे रही हैं जोकि अच्छा वेतन भी देती हैं। औद्योगिक जिला होने की वजह से यहां उत्पादन भी काफी अधिक है। आंकड़ा देखें तो 1.03 लाख करोड़ रुपये गौतमबुद्धनगर की जीडीपी है जोकि पूरे प्रदेश का 10 फीसदी है। उम्मीद है कि आने वाले सालों में यह आंकड़े और बेहतर होंगे। – विपिन कुमार मल्हन, अध्यक्ष, नोएडा आंत्रप्रिन्यॉर्स एसोसिएशन
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आय की सही स्थिति नहीं पता चलती
प्रति व्यक्ति निवल घरेलू उत्पाद को प्रति व्यक्ति आय भी माना जा सकता है। प्रति व्यक्ति निवल घरेलू उत्पाद के लिए कुल आंकडे को आबादी के अनुपात में औसत निकालते है। लेकिन, इससे किस वर्ग की कितनी आय है, यह भी वितरण भी पता नहीं चलता। सीधी बात यह है कि कुछ लोगों की आय औसत से भी कई गुना होगी, कुछ औसत से भी कम सालाना आय पर गुजर-बसर करते हैं। -प्रो. अरूण कुमार, पूर्व अर्थशास्त्री, जेएनयू।