सेबी प्रमुख के खिलाफ लोकपाल में शिकायत दर्ज !

महुआ मोइत्रा फिर एक्शन में, सेबी प्रमुख के खिलाफ लोकपाल में शिकायत दर्ज
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ लोकपाल में शिकायत दर्ज कर उन पर अनुचित आचरण और बदला लेने की व्यवस्था का आरोप लगाया है.

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा फिर एक्शन में दिख रही हैं. महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. लोकपाल में दर्ज शिकायत में उन्होंने सेबी चेयरपर्सन पर”अनुचित आचरण” और “बदला लेने की व्यवस्था” का आरोप लगाया है. महुआ मोइत्रा ने शिकायत दर्ज कर कहा कि माधबी पुरी-बुच के खिलाफ मेरी लोकपाल शिकायत इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक रूप में दर्ज की गई है.

महुआ मोइत्रा ने कहा कि 30 दिनों के भीतर लोकपाल को जांच करनी होगी. फिर लोकपाल को प्रारंभिक जांच और पूर्ण एफआईआर जांच के लिए ईडी और सीबीआई को भेजना होगा. महुआ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इसमें शामिल हर इकाई को बुलाने और हर लिंक की जांच करने की जरूरत है.

शिकायत में अप्रैल 2017 से अक्टूबर 2021 तक सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में और उसके बाद मार्च 2022 से अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान बुच के कथित कदाचार पर प्रकाश डाला गया.

महुआ मोइत्रा ने लोकपाल को लिखा पत्र

उन्होंने लिखा कि माधबी पुरी बुच को अप्रैल 2017 से अक्टूबर 2021 तक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय आयोग (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था और उसके बाद मार्च 2022 में सेबी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.

हालांकि, आने वाले खुलासों के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि बुच एक सिलसिलेवार अपराधी हैं, जो ऐसे कार्यों में लगी हुई हैं जो एक लोक सेवक की ओर से अनुचितता का कारण बनती हैं और बदले में बदले की व्यवस्था में भी शामिल हुई हैं, जो संभावित रूप से भारत के राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा है.

मोइत्रा की शिकायत में सेबी में सेवा के दौरान बुच को आईसीआईसीआई बैंक और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल से नियमित आय प्राप्त होने पर भी चिंता जताई गई. मोइत्रा ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत उल्लंघन की जांच की मांग की है.

सेबी प्रमुख ने आरोप का किया खंडन

उन्होंने लिखा कि 5 सितंबर 2024 को, एक अन्य दस्तावेजी साक्ष्य से पता चला कि बुच, 2011 और 2013 के बीच आईसीआईसीआई बैंक में अपने कार्यकाल के दौरान, एक निजी इक्विटी फंड, ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में भी कार्यरत थीं.

अगस्त में, एक अमेरिकी शॉर्ट-सेलर, हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया कि बुच और उनके पति ने अडानी समूह के शेयरों में निवेश करने के लिए गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी के समान ऑफशोर वाहनों में निवेश किया था. अडानी समूह की ओर से हिंडनबर्ग के सभी आरोपों का लगातार खंडन किया जा रहा है.

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि बुच और उनके पति द्वारा ऑफशोर फंड में कथित निवेश के कारण सेबी ने अडानी के खिलाफ अपनी जांच में “खाली निष्कर्ष निकाला”. इस बीच, माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया है.

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