बीएएमएस डाक्टर कर रही थी गर्भवती महिलाओं की जांच !
बीएएमएस डाक्टर कर रही थी गर्भवती महिलाओं की जांच, टीम देख खिसकीं
एक मरीज उम्र 19 वर्ष निवासी मालनपुर जो प्रेगनेंसी जांच हेतु आई थी जिसे डा. सीएमओ ने निरीक्षण में देखा कि बीएएमएस डाक्टर प्रसूता महिलाओं का परीक्षण कर रही है। सुरभि ने देखा था, थायराइड की जांच कराने की सलाह दी गई, अस्पताल के रजिस्टर का भी निरीक्षण किया गया जिसमें न तो संस्था की सील पाई गई न ही पंजीकृत था।
- सीएमएचओ ने टीम के साथ किया आरएचएफपीसी का निरीक्षण?
- टीम ने एंबुलेंसों का भी किया निरीक्षण, जानी कमियां
- अस्पताल में अल्ट्रा साउंड करने वाले डाक्टर नहीं थे मौजूद
ग्वालियर: सीएमएचओ ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ गुरुवार को पंडित विहार कालोनी गोला का मंदिर में आरएचएफपीसी (रिप्रोडक्टिव सेक्सुअल हेल्थ एंड चाइल्ड हेल्थ केयर सेंटर) का निरीक्षण किया। यहां बीएएमएस डा. गर्भवतीमहिलाओं का इलाज कर रही थी। टीम को देखकर महिला मौके से खिसक गई। मरीजों को को जो डाक्टर देख रहीं थीं उनका नाम सुरभि भदकारिया है।
एक मरीज उम्र 19 वर्ष निवासी मालनपुर जो प्रेगनेंसी जांच हेतु आई थी जिसे डा. सुरभि ने देखा था, थायराइड की जांच कराने की सलाह दी गई, अस्पताल के रजिस्टर का भी निरीक्षण किया गया जिसमें न तो संस्था की सील पाई गई न ही पंजीकृत था।
एक मरीज यूरिन के इलाज के लिए आई थी जिसे डा. सुरभि द्वारा दवाई लिखी गई। एक अन्य रिठोर जिला मुरैना निवासी को पांच माह की प्रेग्नेंसी थी जांच कराने आई थी जिसे अल्ट्रासाउंड लिखा था जिसे भी डाक्टर ने देखा। यहां अल्ट्रासाउंड करने वाले भी मौजूद नहीं थे। यहां पहले भी कार्रवाई की थी। टीम में सीएमएचओ डा सचिन श्रीवास्तव सहित डीएचओ डा. दीपाली माथुर, डीपीएम विजय भार्गव शामिल थे।
एंबुलेंसों का किया निरीक्षण
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बारादरी लोकेशन पर 108 एंबुलेंस का निरीक्षण किया जिसमें पल्स आक्सीमीटर खराब मिला, इंजेक्शन कैल्शियम कार्बोनेट, डोपामाइन नहीं मिले जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल रखवाने के निर्देश दिए। वहीं लक्ष्मीगंज लोकेशन की 108 जननी का निरीक्षण के दौरान लगभग व्यवस्थाएं ठीक मिली लेकिन नीली बत्ती बंद मिली जिसे तत्काल ठीक कराने को कहा।
एमटीए की बैठक में डीन करेंगे फैसला
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन में मचे बवाल के बाद गुरुवार को मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में एमटीए के सभी सदस्यगण शामिल रहे। बैठक में विवाद को लेकर चर्चा कम हुई बल्कि डीन के माध्यम से निर्णय होने पर सहमति दी। एमटीए के सदस्यों के अनुसार विवाद की बात नहीं है। वहीं पर्दे के पीछे की कहानी यह है कि एमटीए के जो लोग आइएमए में जाना चाह रहे हैं उन्हें रोक लिया गया है जिससे एकजुटता का परिचय दिख सके। बतां दें, 29 सितंबर को होने वाले आइएमए के चुनाव में खड़े कुछ उम्मीदारवार एमटीए का समर्थन चाहते थे, लेकिन एमटीए के पदाधिकारी अपनी पसंद के उम्मीदवार का समर्थन कर रहे थे।