प्रत्येक बैच का पहला लड्डू भगवान को चढ़ाया जाता है, जिसे फिर बाकी तैयारियों के साथ मिलाकर भक्तों में वितरित किया जाता है। मंदिर से निकलते समय मंदिर सभी को एक लड्डू मुफ्त देता है और प्रसाद की बड़ी मात्रा 50 रुपये प्रति लड्डू के दर से खरीदी जा सकती है।
विवादों में आए तिरुपति स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसादम लड्डू को बनाने में घी समेत 10 सामग्रियों का इस्तेमाल होता है। इसमें शुद्ध, सुगंधित और उच्च गुणवत्ता वाले घी के अलावा चने का आटा, चीनी, चीनी के छोटे टुकड़े, काजू, इलायची, कपूर और किशमिश का इस्तेमाल किया जाता है। हर दिन कम से कम 400-500 किलो घी, 750 किलो काजू, 500 किलो किशमिश और 200 किलो इलायची का इस्तेमाल भगवान को चढ़ाने वाले लड्डू और अन्य प्रसाद बनाने में किया जाता है। लड्डू की सामग्री से लेकर इसे बनाने वालों को कड़े नियमों से गुजरना पड़ता है। भगवान वेंकटेश्वर को चढ़ाए जाने वाला लड्डू वर्ष 1,715 से भक्तों को बांटा जा रहा है।
प्रयोगशाला में जांच के बाद ही रसोई में पहुंचती है सामग्री
टीटीडी के पास अत्याधुनिक खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला है। यह प्रत्येक बैच के लड्डू की गुणवत्ता जांच करती है। प्रत्येक लड्डू में काजू, चीनी और इलायची की सटीक मात्रा होनी चाहिए और लड्डू का वजन 175 ग्राम होना चाहिए। अत्याधुनिक प्रयोगशाला में सख्त गुणवत्ता नियंत्रण जांच से गुजरने के बाद ही सभी सामग्री रसोई में लाई जाती हैं।
प्रत्येक बैच का पहला लड्डू भगवान को
प्रत्येक बैच का पहला लड्डू भगवान को चढ़ाया जाता है, जिसे फिर बाकी तैयारियों के साथ मिलाकर भक्तों में वितरित किया जाता है। मंदिर से निकलते समय मंदिर सभी को एक लड्डू मुफ्त देता है और प्रसाद की बड़ी मात्रा 50 रुपये प्रति लड्डू के दर से खरीदी जा सकती है।
2014 में मिला जीआई टैग
वर्ष 2014 में पेटेंट, ट्रेडमार्क और भौगोलिक संकेत के रजिस्ट्रार ने तिरुपति लड्डू को जीआई का दर्जा दिया। इसका मतलब यह है कि कोई भी व्यक्ति लड्डू को तिरुपति लड्डू नाम देकर नहीं बेच सकता।
अमूल घी मुख्य आपूर्तिकर्ता
अधिकारी ने बताया कि अमूल घी के मुख्य आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के विपणन किए जाने वाले कर्नाटक के प्रसिद्ध नंदिनी ब्रांड के घी को बंद करने को लेकर पिछले साल राजनीतिक विवाद हुआ था। टीटीडी अधिकारियों ने तब आश्वासन दिया था कि प्रसादम के स्वाद पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि केएमएफ मंदिर की रसोई में घी के कई आपूर्तिकर्ताओं में से एक था और उसने पिछले दशक में केवल तीन बार 2014, 2019 और 2021 में बोली लगाई थी।
राजनीतिक फायदे के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं नायडू- सुब्बा रेड्डी
वाईएसआर-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व टीटीडी अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने आरोपों को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए कहा कि टीडीपी सुप्रीमो राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं। सुब्बा रेड्डी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, नायडू ने इस टिप्पणी से पवित्र तिरुमाला की पवित्रता और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है। तिरुमाला प्रसादम के लिए कोई भी व्यक्ति ऐसी दुर्भावनापूर्ण बात नहीं कर सकता।
जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ दर्ज कराएंगे शिकायत
वहीं, इस मामले में भाजपा नेता और टीटीडी बोर्ड सदस्य भानुप्रकाश रेड्डी ने बयान दिया है। उन्होंने तिरुपति प्रसादम’ में जानवरों की चर्बी का प्रयोग किए जाने की आलोचना करते हुए कहा कि वे पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि तिरुमाला के इतिहास में यह बहुतुरा है। हम बहुत दुखी हैं और हम इस मुद्दे की निंदा करते हैं। जगन मोहन रेड्डी की सरकार हिंदू तीर्थयात्रियों, विशेषकर बालाजी के भक्तों की भावनाओं को नुकसान पहुंचाना चाहती थी