एमिटी यूनिवर्सिटी के छात्र की मौत के बाद हंगामा !
एमिटी यूनिवर्सिटी के छात्र की मौत के बाद हंगामा, छात्रों ने यूनिवर्सिटी परिसर घेरा
एमिटी यूनिवर्सिटी के छात्र की डेंगू से मौत हो गई। छात्र की तबियत जब खराब हुई थी तो उसने अवकाश मांगा था लेकिन प्रबंधन ने नहीं दिया। बाद में छात्र की मौत हो गई। ऐसे में एमिटी यूनिवर्सिटी के छात्रों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
- डेंगू की वजह से हुई थी छात्र की मौत
- बीमार होने पर प्रबंधन ने नहीं दिया था आवकाश
- अवकाश न देने से छात्राें में था आक्रोश
ग्वालियर. ग्वालियर की एमिटी यूनिवर्सिटी के छात्र की मौत के मामले में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ । छात्रों ने यूनिवर्सिटी पहुंचकर प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों का आरोप है कि बीफार्मा के छात्र आदित्य राजपूत की मौत का कारण एमिटी विश्वविद्यालय है, लाखों की फीस भरने के बाद भी अगर छात्र को विपरीत परिस्थिति में अवकाश नही दिया जाता है तो ऐसे में होने वाली घटना के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन ही जिम्मेदार है। इस मामले में पूरे विश्वविद्यालय के छात्रों में काफी नाराजगी है वहीं प्रबंधन की बात करें तो कोई भी अधिकारी अभी स्पष्ट पक्ष नहीं रख रहे हैं।
बता दें कि हाल ही में ग्वालियर की एमिटी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले बी-फार्मा के छात्र आदित्य सिंह राजपूत की डेंगू से मौत हो गई। इसको लेकर छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय प्रबंधन पर आरोप लगाए जा रहे हैं। छात्रों के गुस्से का सीधा सा कारण और आरोप यह हैं कि उनके साथ पढ़ने वाले आदित्य सिंह राजपूत को बीते दिनों से डेंगू के लक्षण महसूस हो रहे थे। परेशानी बढ़ने पर छात्र ने संस्थान में आवेदन कर अवकाश मांगा था जिससे वह अपना सही से उपचार करवा सके। लेकिन संस्थान ने उसे अवकाश नहीं दिया । जिसका परिणाम यह हुआ कि छात्र की हालत बिगड़ी और डेंगू से उसकी मौत हो गई।
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एमिटी यूनिवर्सिटी के छात्र की मौत का मामला:सैकड़ों छात्र यूनिवर्सिटी के बाहर मेडिकल लीव और एचडी को हटाने की कर रहे मांग
ग्वालियर शहर के एमिटी यूनिवर्सिटी में पिछले चार दिनों से सैकड़ो अपने साथी मृतक आदित्य प्रताप राजपूत को न्याय दिलाने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, छात्र यूनिवर्सिटी में पदस्थ साक्षी फार्मेसी विभाग के एचडी को हटाने और मेडिकल लीव देने की मांग कर रहे हैं। जिसके लिए यूनिवर्सिटी गेट के बाहर छात्र अपनी नाराजगी जताते हुए नारेबाजी कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी वह अपना प्रदर्शन इसी तरह जारी रखेंगे।
ऐसे समझिए पूरा मामला
ग्वालियर के डीडी नगर निवासी 22 वर्षीय छात्र आदित्य राजपूत एमिटी यूनिवर्सिटी ऑफ ग्वालियर में बी फार्मा सातवें सेमेस्टर का स्टूडेंट था। पिछले सात दिन से उसकी तबीयत खराब थी। लगातार वह प्रबंधन से छुट्टी मांग रहा था, लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिल पा रही थी। 22 सितंबर रविवार को उसकी हालत बेहद खराब हो गई, जिस पर उसे महाराजपुरा डीडी नगर में ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी प्लेट्सलेट तेजी से डाउन होती चली गईं। उसकी पल्स भी हर पल के साथ कम होती जा रही थी। रविवार रात 8 बजे उसे भर्ती कराया गया था और रात 9 बजे छात्र की मौत हो गई। छात्र की मौत से उसके साथी आक्रोशित हो गए थे। छात्र की मौत की सूचना परिजन को दे दी गई थी, सोमवार दोपहर तक वह भी ग्वालियर पहुंच गए थे। जिसके बाद सोमवार शाम से रात 9 बजे तक छात्राें ने मुरार जिला अस्पताल में हंगामा किया था। हंगामा कर रहा है छात्र मृतक छात्र आदित्य का पोस्टमार्टम कराने और एमिटी यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर मामला दर्ज करने की मांग कर रहे थे।
छात्र बोले मांग पूरी नहीं हुई तब तक करेंगे प्रदर्शन
छात्रों का कहना है आदित्य को डेंगू था और उसकी प्लेटलेट कम होती जा रही थी, इसके बावजूद भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने उसे मेडिकल लीव नहीं दी। साथ ही फार्मेसी विभाग की एचओडी ने भी उनके साथ दुर्व्यवहार किया है।यूनिवर्सिटी के छात्र कैंपस से लेकर यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर चार दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार सुबह से एमिटी यूनिवर्सिटी के बाहर छात्रों ने धरना प्रदर्शन चल रहा है। वह किसी भी छात्र को अब यूनिवर्सिटी में अंदर एंटर नही होने दे रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती वह यहां पर प्रदर्शन करते रहेंगे।
यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर कहा जो जांच कमेटी डिसीजन लेगी उसपर एक्शन लिया जाएगा
वही एमिटी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर वीके शर्मा का कहना है कि छात्रों से बात की गई है। उनकी मांग सिर्फ एक है कि उन्हें मेडिकल लीव दी जाए और एचडी को हटाया जाए लेकिन एचडी को हटाना संभव नहीं है अपना एक कमेटी की गठन किया है कमेटी का जो डिसीजन आएगा अगर उन्हें हटाने की बात सामने आएगी तो हटाया जाएगा। लेकिन वह अपनी जिद पर आड़े हुए हैं, जो नियमों के हिसाब से पूरी करने लायक नहीं है।