तमिलनाडु CM ने बेटे को डिप्टी CM बनाया .. सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया कहा था ?

तमिलनाडु CM ने बेटे को डिप्टी CM बनाया ….
उदयनिधि ने सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया कहा था; जेल से बाहर आए सेंथिल बालाजी भी मंत्री बने
मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद राजभवन में तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, सीएम एमके स्टालिन और डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बेटे उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी सीएम बना दिया है। इसके साथ ही कैबिनेट में फेरबदल भी किया। वी सेंथिल बालाजी, आर राजेंद्रन, डॉ गोवी चेझियान और एसएम नासर ने स्टालिन सरकार में मंत्री बनाया गया है।

रविवार को राजभवन में गवर्नर आरएन रवि ने सेंथिल बालाजी समेत चारों DMK नेताओं को शपथ दिलाई। सेंथिल बालाजी की स्टालिन कैबिनेट में वापसी हुई है। उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद इस साल फरवरी में इस्तीफा दे दिया था। उन्हें 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है।

उदयनिधि ने शपथ नहीं ली क्योंकि वे राज्य सरकार में पहले से मंत्री थे। सरकार ने कैबिनेट में उनका कद बढ़ा दिया है। उन्हें पहले ही डिप्टी सीएम मनोनीत किया जा चुका था। उदयनिधि पिछले साल सनातन धर्म पर अपने बयान को लेकर चर्चा में रहे थे। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया से की थी।

उदयनिधि को डिप्टी सीएम के अलावा एक और विभाग का जिम्मा उदयनिधि स्टालिन को उनके मौजूदा युवा कल्याण और खेल विकास विभाग के अलावा योजना और विकास मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। बालाजी को कौन सा मंत्रालय दिया जाएगा, यह अभी तक साफ नहीं हुआ है।

ED ने बालाजी को 14 जून 2023 को गिरफ्तार किया था। उस समय वे राज्य सरकार में ऊर्जा मंत्री थे। इसके अलावा उनके पास आबकारी एवं निषेध विभाग भी था। वे 15 महीने जेल में रहे। 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दी थी।

कई विभागों के मंत्री बदले, तीन मंत्रियों को हटाया गया स्टालिन सरकार में कई मंत्रियों का विभाग भी बदला है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग संभाल रहे आर. एस. राजकन्नप्पन को दूध एवं डेयरी विकास एवं खादी मंत्री बनाया गया है। तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. के पोनमुडी को वन मंत्री बनाया गया है।

पर्यावरण मंत्री शिव वी. मेय्यानाथन को पिछड़ा वर्ग मंत्री बनाया गया है। डॉ. एम. मथिवेंथन जो वन मंत्रालय संभाल रहे थे। उन्हें अब आदि द्रविड़ कल्याण विभाग दिया गया है। वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसु को पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन का अतिरिक्त विभाग दिया गया है। डेयरी विकास विभाग संभालने वाले मनो थंगराज सहित तीन मंत्रियों को हटाया गया है।

उदयनिधि को उत्तराधिकारी बनाने की तैयारी, दादा भी सीएम थे

उदयनिधि ने शपथ ग्रहण से पहले चेन्नई में करुणानिधि स्मारक पर दादा और पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि को श्रद्धांजलि दी।
उदयनिधि ने शपथ ग्रहण से पहले चेन्नई में करुणानिधि स्मारक पर दादा और पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि को श्रद्धांजलि दी।

ऐसा कहा जा रहा है कि DMK कार्यकर्ता पार्टी में उदयनिधि के कद बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे। उन्हें सरकार में भी प्रमोशन देने की मांग की जा रही थी, जिससे 2026 विधानसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिले।

DMK के नेताओं का दावा है कि उदयनिधि को आगामी विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी और सरकार का नेतृत्व करने के लिए अपने पिता के उत्तराधिकारी के रूप में प्रेजेंट करने की कोशिश की जा रही है। ऐसा हुआ तो वे पिता एमके स्टालिन और दादा एम करुणानिधि के बाद सरकार का नेतृत्व करने वाले परिवार के तीसरे सदस्य होंगे।

4 साल के पॉलिटिकल करियर में विधायक से डिप्टी सीएम बने उदयनिधि पिता एमके स्टालिन की तुलना में उदयनिधि का राजनीतिक सफर अब तक आसान रहा है। उदयनिधि 2021 में 44 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने। 4 साल के पॉलिटिकल करियर में वे विधायक से डिप्टी सीएम बन गए हैं। वे DMK की युवा शाखा के प्रमुख भी हैं।

2021 में राजनीति में एंट्री से पहले उदयनिधि तमिल फिल्मों में प्रोड्यूसर और एक्टर के तौर पर अपनी पहचान बना चुके थे। उन्होंने साउथ सुपरस्टार कमल हासन और विजय जैसे टॉप स्टार को लेकर कई तमिल फिल्में बनाई हैं। उन्होंने हिट फिल्म ओरु कल ओरु कन्नडी सहित कई तमिल फिल्मों में लीड रोल निभाया है।

मौजूदा सीएम एमके स्टालिन का राजनीतिक करियर किशोरावस्था में ही शुरू हो गया था। उन्होंने 14 साल की उम्र में 1967 के चुनावों में अपने चाचा मुरासोली मारन के लिए प्रचार किया था। 29 साल बाद, 1996 में एमके स्टालिन चेन्नई के मेयर बने। फिर 2009 से 2011 तक तमिलनाडु के पहले डिप्टी सीएम रहे। तब उनके पिता एम करुणानिधि राज्य के सीएम थे।

भाजपा बोली- उदयनिधि डिप्टी सीएम पद के लिए मैच्योर नहीं तमिलनाडु भाजपा के उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने राज्य सरकार के कैबिनेट फेरबदल और उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी बनाए जाने के फैसले की आलोचना की। उन्होंने एक वीडियो पोस्ट में कहा कि उदयनिधि स्टालिन के पास मंत्री पद संभालने की मैच्योरिटी नहीं है, डिप्टी सीएम बनना तो दूर की बात है।

नारायणन तिरुपति ने कहा, ‘मंत्रियों या उप-मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। हालांकि, उदयनिधि स्टालिन इतने मैच्योर नहीं है कि वे मंत्री भी बन सकें। एक शख्स जो कहता है कि सनातन धर्म को मिटा देगा, वह मंत्री बन जाता है। उसके लिए माफी भी नहीं मांगी। फिर वह डिप्टी सीएम कैसे बन सकता है?’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *