भिंड में क्वांरी नदी पर 5.78 करोड़ लागत का स्टॉप डैम टूटा ?
बाढ़ ने डैम के भ्रष्टाचार की पोल खोली ….
भिंड में क्वांरी नदी पर 5.78 करोड़ लागत का स्टॉप डैम टूटा, मामला रफादफा
भिंड में डिडी गांव के नजदीक क्वांरी नदी पर लंबे समय से तैयार कराए जा रहे स्टॉप डैम की कलई बाढ़ के पानी में खुल गई। यहां बनाए जा रहे स्टॉप डैम का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। बीते दिनों क्वांरी नदी में आने वाली पहली बाढ़ को स्टॉप डैम झेल नहीं सका और एक भाग टूट कर बिखर गया है। आरोप है कि जल संसाधन विभाग के अफसर निर्माण एजेंसी से मिले हुए हैं। इस कारण से भ्रष्टाचार की जांच अब तक शुरू नही हो सकी है।
मामला यह है कि भिंड और फूप के बीच स्थित क्वांरी नदी पर डिडी गांव के नजदीक 5 करोड़ 78 लाख की लागत से स्टॉप डैम तैयार कराया जा रहा है। इस स्टॉप डैम का निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा कराया जा रहा है। इस स्टॉप डैम का निर्माण कार्य विनायक कंस्ट्रक्शन कंपनी दिया गया है। निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार होने के कारण यह डैम क्वांरी नदी की पहली बाढ़ नहीं झेल पाया। बाढ़ के पानी में डैम क्षतिग्रस्त हो गया। एक हिस्सा टूटकर नदी में बह गया।
डैम का भ्रष्टाचार दबाना चाहता विभाग
जल संसाधन विभाग के अफसरों ने स्टॉप डैम के एक हिस्सा बहने पर अब तक किसी को कोई खबर तक नही की। जल संसाधन विभाग के अफसर गुपचुप तरीके से निर्माण एजेंसी से शेष काम पूरा करने को कह रहे है। अब क्षतिग्रस्त भाग को पूरा करके निर्माण एजेंसी स्टॉप डैम जल संसाधन विभाग के सुपुर्द करने की तैयारी में था। बताया जा रहा है कि बाढ़ से पहले निर्माण एजेंसी व जलसंसाधन विभाग के अफसरों के बीच डैम सुपुर्दगी को लेकर चर्चा हो चुकी थी। निर्माण एजेंसी विनायक कंस्ट्रक्शन कंपनी के अफसर दस फीसदी का काम पूरा दर्शाकर जलसंसाधन विभाग के सुपुर्द करना चाहते थे।
5 करोड़ 12 लाख का भुगतान हुआ
निर्माण एजेंसी द्वारा डैम सुपुर्दगी की तैयारी पर बाढ़ के पानी ने पानी फेर दिया है। बाढ़ का पानी उतरते ही जो डैम सुरक्षित बचा है उसके ऊपरी हिस्से से सीमेंट बह गई। जगह जगह डैम की दीवारों पर कंकड़ और बालू नजर आने लगी। यह सबके बीच सवाल यह है कि ये डैम 5करोड 78 लाख से तैयार कराया जा रहा था। जिसका अब तक का भुगतान 5 करोड. 12 लाख कर दिया गया है। इस सबके बीच क्वालिटी की अनदेखी होती रही। जलसंसाधन विभाग का आफिस मुरैना के अंबाह में अफसर बैठे रहे। इधर भिंड में डैम निर्माण होता रहा। डैम में उपयोग की जाने वाली गिट्टी, सीमेंट और सरिया समेत अन्य सामग्री की जांच कराने में रूचि नहीं दिखाई। ना ही अफसरों मौके पर मौजूद रहकर पुल की ढलाई कराई।
पतले तारों पर टिकी डैम की दीवारें
इस डैम के निर्माण में काली गिट्टी की जगह सफेद गिट्टी व वोल्डर का उपयोग किया गया है। सरिया पतले लगाए गए है जोकि पानी का दबाव नही झेल पाए है। डैम की दीवारों में जो सरिया डाले गए है उनकी दूरी अधिक है। इस कारण दरार आई है। डैम का सुरक्षित हिस्सा के ऊपरी सतह की सीमेंट बह गई है। इस पर सीमेंट पुताई करके पुनः चमकाने की कोशिश की जा रही है।
बिहार की तर्ज पर किया भ्रष्टाचार
इस मामले को लेकर डिडी गांव के सरपंच वेताल सिंह यादव ने शिकाव शिकायत की है। उनका कहना है कि भिंड में बिहार की तर्ज स्टाप डैम में भ्रष्टाचार हुआ है। इस मामले में जलसंसाधन विभाग दूरियां बनाए है। उनका कहना है निर्माण एजेंसी से कुछ लोगों से बातचीत की। वो कहते है तुम गांव की सरपंची करो। डैम तो ऐसे ही बनते है। डैम की दीवार टूटने से गांव में पानी आ गया था। जिससे 18 घर बह गए थे। वहीं कई किसानों के खेतों की मिट्टी डैम टूटने से बह गई। इस सबकी शिकायत जिला प्रशासन से की है।
जांच कराएंगे
जल संसाधन विभाग के कार्यपालक यंत्री एमके गुप्ता से बातचीत की गई। उन्होंने दैनिक भास्कर को बताया कि स्टॉप डैम का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। ये डैम विनायक कंस्ट्रक्शन द्वारा बनाया जा रहा था जिसका नब्बे फीसदी काम पूरा हो गया। निर्माण एजेंसी को क्षतिग्रस्त हिस्से का काम पूरा करने को कहा गया। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।