जन सुराज पार्टी के पहले कार्यवाहक अध्यक्ष बने मनोज भारती
IFS, IIT से पढ़ाई और दलित चेहरा… जन सुराज पार्टी के पहले कार्यवाहक अध्यक्ष बने मनोज भारती
मनोज के चयन का ऐलान करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हमने कहा था कि दलित समाज का ही कोई व्यक्ति अध्यक्ष बनेगा. जिसकी जितनी संख्या है उसको उतनी भागीदारी दी जाएगी. हमारी सोच है कि हर समाज में काबिल आदमी है. पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव अगले साल मार्च तक होगा.
चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की नवगठित जन सुराज पार्टी का पहला कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज भारती को बनाया गया है. भारतीय विदेश सेवा (IFS) में रहे मनोज आईआईटी कानपुर और दिल्ली से पासआउट हैं. मनोज दलित समुदाय से आते हैं और बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले हैं.
नए अध्यक्ष का चुनाव अगले साल
मनोज के चयन का ऐलान करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हमने कहा था कि दलित समाज का ही कोई व्यक्ति अध्यक्ष बनेगा. जिसकी जितनी संख्या है उसको उतनी भागीदारी दी जाएगी. हमारी सोच है कि हर समाज में काबिल आदमी है. पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव अगले साल मार्च तक होगा.
भारतीय विदेश सेवा में लंबे समय तक काम करने वाले मनोज भारती आईआईटी दिल्ली से पासआउट हैं. वह अनुसूचित समाज से आते हैं. विदेश सेवा के दौरान वह चार देशों में भारत के राजदूत रहे हैं. वह यूक्रेन और बेलारूस जैसे देशों के राजदूत भी रहे हैं.
जमुई के सरकारी स्कूल से पढ़ाई
प्रशांत किशोर ने बताया कि मनोज ने बिहार के जमुई जिले के एक सरकारी स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की है. शुरुआती पढ़ाई करने के बाद वो नवोदय विद्यालय पढ़ने चले गए. यहां से मनोज का चयन आईआईटी कानपुर के लिए हो गया. उन्होंने यहां से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. आगे की पढ़ाई के लिए वह आईआईटी दिल्ली आ गए. फिर उनका चयन सिविल सेवा में हो गया और वे भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के लिए चुन लिए गए.
पार्टी की स्थापना दिवस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं चाहिए. हम राज्य में शराब बंदी को खत्म करेंगे और ऐसा करके भी बिहार में बहार लाएंगे. प्रशांत किशोर ने 2 साल पहले साल 2022 में ही जन सुराज पार्टी के नाम का रजिस्ट्रेशन करा लिया था.
प्रशांत ने कहा कि हम अपने जीवनकाल में एक ऐसा बिहार बनाएंगे कि कहीं पर भी कोई बिहारी को गाली ना दे सके. जन सुराजी वह है जो बिहारी गौरव को वापस ले आए. यह उन लोगों की सभा है. यहां पर पांच समय के नमाजी और शाखा चलाने वाले लोग भी शामिल हुए हैं क्योंकि हमारी विचारधारा ह्यूमेन फर्स्ट वाली है.