दिल्ली में हर दिन हो रही 24 घरों में चोरी ?

इंटरनेशनल चोर भी हैं राजधानी में सक्रिय: दिल्ली में चोरों के हौसले बुलंद, हर दिन 24 घरों के तोड़ रहे ताले
दिल्ली का कोई इलाका ऐसा नहीं है, जहां बदमाश सेंधमारी की वारदात को अंजाम नहीं दे रहे हैं। ऐसे में पुलिस के पास इसपर अंकुश लगाने के लिए गश्त के अलावा कोई सुविधा नहीं है।
दिल्ली में हर दिन हो रही 24 घरों में चोरी ….

राजधानी में रोजाना औसतन 24 बंद घरों के ताले चोर तोड़ रहे हैं। शातिर चोर वारदात को ऐसे अंजाम देते है कि दिल्ली पुलिस सिर्फ आठ मामले ही सुलझा पा रही है। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल एक जनवरी से 26 अगस्त तक 5735 मामले सामने आए हैं। इसमें से मात्र 1880 मामले ही पुलिस सुलझा सकी है। दिल्ली में चोरी के मामले वैसे तो गैर संगीन अपराध में आता है। ऐसे में इसको सुलझाने को लेकर पुलिस की गंभीरता भी कम ही होती है।

चोरी के मामलों को सुलझाने में पुलिस तब गंभीर होती है जब चोर मोटी रकम या फिर कीमती सामानों पर हाथ साफ करता है। पिछले साल दिल्ली के निजामु्द्दीन इलाके में बदमाशों ने ज्वेलरी शोरूम को अपना निशाना बनाया था और उससे करोड़ों के गहने पर हाथ साफ कर दिया था। दिल्ली की सबसे बड़ी चोरी होने की वजह से पुलिस को इसे सुलझाने में पसीना बहाना पड़ा था। आखिरकार पुलिस ने बदमाश को गिरफ्तार कर लिया था।
दिल्ली का कोई इलाका ऐसा नहीं है, जहां बदमाश सेंधमारी की वारदात को अंजाम नहीं दे रहे हैं। ऐसे में पुलिस के पास इसपर अंकुश लगाने के लिए गश्त के अलावा कोई सुविधा नहीं है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चोरी के मामलों की जांच आसान नहीं है। ऐसी घटनाओं में सबसे पहले घटनास्थल और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की जाती है। इसमें यदि आरोपी कैद हो जाता है तो उसके पकड़े जाने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही यदि आरोपी का पिछला रिकार्ड पुलिस के पास होता है तो उसे पकड़ना आसान हो जाता है। हालांकि कई मामलों में सीसीटीवी कैमरों का फुटेज मिलने के बावजूद आरोपी पकड़ से दूर रहते हैं।
शुरू की गई ई-एफआईआर की सुविधा
दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2022 में घरों, कार्यालयों, दुकानों में चोरी और सेंधमारी के मामले में खुद ई-एफआइआर दर्ज करने की सुविधा शुरू की। लोगों को दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर जाकर वहां सिटीजन सर्विस पर क्लिक करने के बाद संबंधित कालम के अनुरूप मांगी गई जानकारी देनी होती है। चोरी और सेंधमारी के मामले में लोगों की शिकायत रहती थी कि थाना पुलिस उनकी शिकायत के अनुरूप मुकदमा दर्ज नहीं करती। लोगों को बार-बार थानों के चक्कर काटने पड़ते हैं। अधिकारियों की मानें तो ई-एफआइआर की सुविधा लाने के बाद अब लोगों की शिकायतें कम हुई है। ई-एफआईआर के मामले में ऐसी व्यवस्था बनाई गई कि इसके दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर थानाध्यक्ष के निर्देश पर जांच अधिकारी मौका-ए-वारदात पर पहुंचकर पीड़ित से मिलेंगे। पीड़ित से ई-एफआइआर की प्रिंट आउट कापी पर शिकायतकर्ता से हस्ताक्षर लेंगे। जांच अधिकारी अपराध स्थल पर जाकर पूरी जांच पड़ताल करेंंगे। घटना के बारे में आला अधिकारी को अवगत कराएंगे। साथ ही शिकायतकर्ता को समय-समय पर मामले की जांच संबंधी प्रगति रिपोर्ट से अवगत भी कराएंगे।
राजधानी में हुई सेंधमारी की बड़ी घटनाएं
. 26 सितंबर 2023 : जंगपुरा के भोगल इलाके में स्थित उमराव ज्वेलरी शोरूम दीवार तोड़कर 25 करोड़ रुपये के गहनों की चोरी। चोरों ने ज्वेलरी शोरूम की दीवार में छेद कर कर वारदात को अंजाम दिया। दीवार तोड़ने के बाद बदमाश शोरूम के लॉकर तक पहुंचे। दिल्ली में यह सबसे बड़ी चोरी की घटना में दर्ज है। बाद में पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश को पकड़ लिया।. 27 नवंबर 2015 : श्रीनिवासपुरी इलाके में एक्सिस बैंक के एटीएम में डालने के लिए ले जाए जा रहे साढ़े 22 करोड़ रुपये चोरी कर चालक प्रदीप फरार हो गया। घटना के 12 घंटे के बाद ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पैसे बरामद कर लिया गया। चालक ने गनमैन के गाड़ी से उतरते ही वारदात को अंजाम दिया।
. 22 अक्तूबर 2017 : करोलबाग स्थित गहनों के दो निर्माण इकाई में सेंधमारी कर बदमाश 12 करोड़ रुपये के गहने पर हाथ साफ कर दिया। सीसीटीवी कैमरे में कैद इस चोरी मे पता चला कि वारदात को यहां रहने वाले किराएदारों ने अंजाम दिया। जिसे बाद में पुलिस ने पकड़ लिया।
. 7 फरवरी 2024 : भजनपुरा के यमुना विहार में बदमाशों ने एक घर का ताला तोड़कर 40 लाख रुपये और लाखों के गहने पर हाथ साफ कर दिया। परिवार गंगा विहार के एक मकान बेचने से मिली रकम को घर में रखे हुए थे।
चोरों के सक्रिय गैंग
. चालक की नौकरी कर घर में करते हैं चोरी
दक्षिण जिला ने हाल में चोरों के गैंग का खुलासा किया, जो घरों में चालक की नौकरी करने के बहाने चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। गिरोह का सरगना अपनी पहचान छिपाने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराता था। इनके पास से लाखों रुपये की विदेशी मुद्रा, गहने और चोरी में इस्तेमाल की गई बाइक बरामद की गई।
. बांग्लादेशी चोरों का गैंग
दिल्ली में बांग्लादेशी चोरों का गैंग भी सक्रिय है। घरों में चोरी करने के बाद गैंग का सदस्य बांग्लादेश भाग जाता है। गैंग के सदस्य राजधानी में छोटे मोटे काम करते हैं। इस दौरान वह घरों की रेकी करते हैं और फिर वारदात को अंजाम देते हैं।
. घरेलू सहायिका बनकर चोरी करने वाला गैंग
गैंग के सदस्य फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए लोगों को नौकरानी मुहैया करवाते हैं। गैंग में शामिल महिलाएं घरों में काम करती है। लेकिन इससे पहले कि परिवार वाले उसके पुलिस सत्यापन करवाने की कोशिश करते हैं वह घरों से नकदी और लाखों के गहने पर हाथ साफ कर फरार हो जाती है।

. ठक ठक गैंग
इस गैंग के सदस्य सड़कों पर चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं। यह गाड़ी चालक या फिर मालिक को गाड़ी में खराबी होने की बात कहकर गुमराह करते हैं। वाहन चालक जब अपनी गाड़ी को रोकते हैं, इसी दौरान मौका पाकर गैंग के बदमाश कार से नकदी चोरी कर फरार हो जाते हैं।

साल दर साल बंद घरों में चोरी के मामले
2022 -6189
2023 -6916
2024 -5737

नोट: वर्ष 2024 के आंकड़े एक जनवरी से 26 अगस्त तक के हैं।

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