बेरोजगारों का मानदेय ठेकेदारों ने उठाया ?
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना..
हर माह 8-10 हजार स्टाइपेंड का सच, न सीखा, न कमाया; बेरोजगारों का मानदेय ठेकेदारों ने उठाया
‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ के तहत बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देने का दावा किया जा रहा है। लेकिन हकीकत में यह योजना ठेकेदारों की कमाई का जरिया बन गई है। निर्माण कार्य से जुड़ी फर्मों ने बेरोजगार युवाओं के बजाय अपने रिश्तेदारों को ऑन-जॉब ट्रेनिंग के नाम पर रख लिया है। उनकी फर्जी उपस्थिति दिखाकर सरकार से वेतन लिया जा रहा है। कई युवाओं को पता नहीं कि वे किसी फर्म में ट्रेनिंग ले रहे हैं।
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, योजना के तहत प्रदेश में 4.24 लाख बेरोजगारों ने आवेदन किया था। इनमें से 25 हजार को ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया, पर हकीकत इसके विपरीत है। कई युवा या तो दूसरी जगह नौकरी कर रहे हैं या पढ़ाई कर रहे हैं।
ऑन जॉब ट्रेनिंग लेने वाले एक युवक को 8 से 10 हजार रुपए तक मासिक स्टाइपेंड का प्रावधान है। इसमें 75% सरकार और 25% ट्रेनिंग देने वाली कंपनी देती है। इसी 75% राशि के लिए फर्जीवाड़ा हो रहा है। योजना की शुरुआत में प्रतिष्ठानों को रजिस्ट्रेशन कराना था। इसमें जीएसटी नंबर व कम से कम 4 कर्मचारी होना अनिवार्य था।
फर्म किसी और की, नाम किसी और का…
मुरैना में पुरानी जीन गली नंबर-2 में अरबाज खान की फर्म एएफसी इंटरप्राइजेज का होना बताया है। मौके पर पीएम विश्वकर्मा केंद्र का बोर्ड है।
हैदराबाद में कैंटीन, नाम भिंड की कंपनी में; विदिशा-रायसेन में मौके पर फर्म ही नहीं
- पता ही नहीं कि वे ट्रेनिंग ले रहे…भिंड के अंकित और आकाश भारद्वाज को राधा कंस्ट्रक्शन में ट्रेनिंग पर दिखाया गया, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। अंकित दिल्ली में नौकरी कर रहे हैं, जबकि आकाश भिंड में नौकरी की तलाश में हैं।
- चाचा की कंपनी में ट्रेनिंग: मुरैना की दंडोतिया कंस्ट्रक्शन में रोहित दंडोतिया को ट्रेनिंग मिली, जो कंपनी मालिक मनोज दंडोतिया के भतीजे हैं। मनोज के भाई सोनेराम ने पुष्टि की है।
- सिर्फ ट्रेनिंग लेने वाले, कर्मचारी एक भी नहीं: दतिया के इंदरगढ़ में प्रताप सिंह कुशवाह की कंस्ट्रक्शन फर्म में सत्यापन के दौरान केवल दो ट्रेनी, रवि कुशवाह और दीपा कुशवाह मिले। जबकि प्रताप ने 19 कर्मचारियों का पंजीकरण कराया था, वहां अन्य कोई कर्मचारी नहीं था।
- ट्रेनिंग नहीं, उपस्थिति 50%:
- भिंड की विश्वप्रताप राजावत कंस्ट्रक्शन कंपनी में दीपेंद्र भदौरिया व सूरज सिंह को ट्रेनिंग पर दिखाया गया, जबकि दीपेंद्र हैदराबाद में कैंटीन चला रहे हैं। सूरज को कोई बुलावा नहीं मिला। उनकी उपस्थिति 50% दर्ज है।
- यहां फर्मों को अब ब्लैक लिस्ट कर रहे: विदिशा-रायसेन में कई लोगों ने बोगस फर्म बनाकर रजिस्ट्रेशन कराया। 1 साल में विदिशा में 9 फर्में मौके पर नहीं मिलीं। इन्हें ब्लैक लिस्टेड करने की प्रक्रिया जारी है।
- नौकरी में कोई नहीं, उपस्थिति 78%: मुरैना की सीएस कंस्ट्रक्शन में सतीश धाकड़, कुलदीप कुशवाह, टिंकू को ऑन जॉब ट्रेनिंग पर बताया। जबकि सतीश ठेकेदारी कर रहा है। कुलदीप ने सिर्फ फॉर्म भरा। पोर्टल पर उपस्थिति 78.57% है।