भोपाल पर पड़ी नशे की नजर..
भोपाल पर पड़ी नशे की नजर…:फैक्ट्री से 2 किमी दूर ही एमडी ड्रग्स का गोदाम,यहां से 350 करोड़ रु. कीमत का माल पकड़ा
भोपाल के बगरोदा में जिस बंद फैक्ट्री से 1814 करोड़ रुपए की मेफेड्रोन (एमडी ड्रग्स) मिली थी, उससे 2 किमी दूर एक और गोदाम मिला है। मंगलवार को पुलिस को ग्राम रापड़िया में एमडी ड्रग्स बनाने की करीब 3500 लीटर सामग्री मिली है। जब्त माल की कीमत 60 लाख रुपए आंकी गई है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 350 करोड़ रुपए है। बता दें कि 3 दिन में 2100 करोड़ से अधिक की ड्रग्स सामग्री पकड़ी जा चुकी है। यह गोदाम विष्णु पाटीदार नाम के व्यक्ति का है।
पूछताछ में पता चला है कि भोपाल निवासी अमित चतुर्वेदी ने जुलाई में विष्णु की गणेश मार्केट स्थित दुकान नंबर-6 किराए पर ली थी। अमित ने विष्णु ने को बताया था कि वह बगरोदा में साबुन की फैक्ट्री चलाता है। माल रखने के लिए दुकान किराए पर लेनी है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र और डीसीपी जोन-2 संजय अग्रवाल ने बताया कि फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद से ही पुलिस आरोपियों का मूवमेंट पता कर रही है।
इस बीच, पता चला कि आरोपियों का ग्राम रापड़िया में काफी आना-जाना था। इस तरह पुलिस इस गोदाम तक पहुंची। इधर, विशेष न्यायालय (एनडीपीएस) ने हरीश को 14 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर दिया है। इससे पहले एनसीबी की टीम ने फैक्ट्री में पकड़ी गई ड्रग्स के 50 सैंपल लिए हैं। ये सभी जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजे जाएंगे।
भोपाल निवासी अमित ने यह गोदाम विष्णु पाटीदार नाम के व्यक्ति से किराए पर लिया था। विष्णु पाटीदार का कनेक्शन अब मंदसौर के प्रेमसुख पाटीदार से जोड़ा जा रहा है, जो आरोपी हरीश का पार्टनर है।
सबसे बड़ा सवाल- अकेले भोपाल में ही आरोपियों का कितना बड़ा ड्रग्स नेटवर्क?
अभिषेक विद्यार्थी | मंदसौर
भाजपा-कांग्रेस में राजनीतिक पहुंच से 5 साल पहले मंदसौर निवासी ड्रग्स सप्लायर हरीश आंजना की लाइफ स्टाइल बदल गई। उस पर एनडीपीएस एक्ट के दो केस नाहरगढ़ व ग्वालियर में दर्ज हुए, लेकिन रसूख ऐसा था कि उसके घर नोटिस लेकर पहुंचे नाहरगढ़ थाने के तत्कालीन एएसआई केरू सिंह सस्पेंड हो गए थे।
कुछ समय बाद नोटिस शाखा संभालने वाले प्रधान आरक्षक दिनेश खिंचावत पर भी यही कार्रवाई हुई। हरीश की आपत्ति व नेताओं के दखल के बाद ये सबकुछ हुआ था। इधर विवेचना में पुलिस ने अब तक हरीश की मंदसौर, नाहरगढ़, पिपलियामंडी समेत अन्य स्थानों पर प्रॉपर्टी चिह्नित की है। खासकर पिपलियामंडी में तो कुछ ही दिन पहले 70 लाख रुपए की जमीन को लेकर एग्रीमेंट तक किया था। इनका वर्तमान बाजार मूल्य करीब 5 करोड़ रु. है।
हरीश का गांव में भी आधुनिक, आलीशान घर है। इसका नाम उसने दिवंगत पिता के नाम पर रखा है। लेकिन हरीश के पकड़े जाने के बाद गांव में अधिकांश दुकानें बंद हैं। इधर, पुलिस तस्कर व विदेशी मुद्रा हेरफेर कर्ता ‘संपत्ति जब्ती’ अधिनियम 1976 की फाइल संबंधी तैयारी कर रही है। हरीश से जुड़े करीब 12 लोगों से पूछताछ जारी है। इनमें से ज्यादातर का पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। एसपी मंदसौर अभिषेक आनंद के अनुसार, नाहरगढ़, पिपलियामंडी से जुड़ी जमीनों में हरीश का निवेश सामने आया है। प्रेमसुख पाटीदार की तलाश जारी है।