सपा की पहली लिस्ट में सिर्फ फैमिली को ही तरजीह!

भतीजा-पत्नी-बेटा और बेटी… सपा की पहली लिस्ट में सिर्फ फैमिली को ही तरजीह!
उत्तर-प्रदेश उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी पूरी तरह से तैयार नजर आ रही है. जहां सपा ने पहली लिस्ट जारी करते हुए करहल, सीसामऊ, मझवां, फूलपुर, कटेहरी और मिल्कीपुर सीट पर अपने प्रत्याशी भी उतार दिए गए हैं. इसमें दिलचस्प बात यह है कि सपा ने पहली लिस्ट में परिवार के लोगों को प्राथमिकता दी हुई है.
UP By Election: भतीजा-पत्नी-बेटा और बेटी... सपा की पहली लिस्ट में सिर्फ फैमिली को ही तरजीह!

सपा ने जारी की पहली लिस्ट

हरियाणा चुनाव के नतीजे आने के अगले ही दिन समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने 6 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. करहल, सीसामऊ, मझवां, फूलपुर, कटेहरी और मिल्कीपुर सीट पर प्रत्याशी उतार दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सपा की ओर से जारी इस लिस्ट में सिर्फ फैमिली को तरजीह दी गई है. कहीं पर भतीजे को चुनावी मैदान में उतारा गया है तो कहीं पत्नी को. साथ ही बेटे और बेटी को भी चुनाव लड़ाया जा रहा है.

शुरुआत करहल से करते हैं. यह सीट सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद बनने की वजह से खाली हुई है. इस सीट पर अखिलेश ने अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को टिकट दिया है. मैनपुरी से सांसद रह चुके तेज प्रताप यादव की एक पहचान यह भी है कि वह लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान तेज प्रताप यादव भी किसी भी सीट से टिकट चाह रहे थे लेकिन अखिलेश ने उन्हें टिकट नहीं दिया था. अब वह विधायकी लड़ेंगे.

सीसामऊ सीट से नसीम सोलंकी

वहीं, सीसामऊ सीट से सपा ने पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है. सीसामऊ सीट से लगातार तीन बार विधायक रहे इरफान सोलंकी को कई मामलों में सजा मिली हुई है. इस वजह से वह अयोग्य करार दिए गए थे. अब उनकी पत्नी नसीम सोलंकी के कंधों पर परिवार की राजनीतिक विरासत को बढ़ाने का जिम्मा दिया गया है. पिछले दिनों ही नसीम सोलंकी ने सीसामऊ में अपने चुनावी कैंपेन की शुरुआत कर दी थी.

पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी

मझवां सीट से सपा ने डॉ. ज्योति बिंद को प्रत्याशी बनाया गया है. ज्योति बिंद की पहचान यह है कि वह पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी हैं, जो कि मझवां सीट से तीन बार विधायक भी रहे हैं. रमेश बिंद ने लोकसभा चुनाव के दौरान ही पाला बदला था और वह सपा के टिकट पर मिर्जापुर से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे. ज्योति बिंद पेशे से डॉक्टर हैं और मुंबई में रहती हैं. बताया जाता है कि रमेश बिंद ने मिर्जापुर में अपनी बेटी ज्योति के नाम पर एक हॉस्पिटल भी खोला है.

कटेहरी सीट से शोभावती वर्मा

कटेहरी सीट लालजी वर्मा के सांसद बनने की वजह से खाली हुई थी. यहां से सपा ने सांसद लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को टिकट दिया है. इस सीट से कई दावेदार थे, लेकिन लालजी वर्मा ने अपनी परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट देने का वीटो लगा दिया था. शोभावती वर्मा लंबे समय से जनता के बीच में जुड़ी हैं. शोभावती वर्मा दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं और अंबेडकरनगर की जिला पंचायत अध्यक्ष भी रही हैं.

सबसे चर्चित सीट मिल्कीपुर

10 सीटों में से सबसे अधिक चर्चित मिल्कीपुर सीट पर भी सपा ने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. इस सीट से अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा गया है. अयोध्या से चुनाव जीतने की वजह से अवधेश प्रसाद, सपा के पोस्टर बॉय बन गए हैं और सपा की कोशिश है कि एक बार फिर अवधेश प्रसाद के जरिए बीजेपी को अयोध्या में पटखनी दी जाए. हालांकि, मिल्कीपुर की लड़ाई सपा के लिए सबसे कठिन नजर आ रही है.

इन सीटों पर उतारे प्रत्याशी

वहीं सपा ने फूलपुर सीट से मुस्तफा सिद्दीकी को अपना प्रत्याशी बनाया है. प्रतापपुर से विधायक रह चुके मुस्तफा सिद्दीकी को 2022 में भी सपा ने फूलपुर से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह 3 हजार से कम वोटों से चुनाव हार गए थे. पांच महीने पहले ही मुस्तफा सिद्दीकी के बेटे का इंतकाल हो गया था. उनको सांत्वना देने खुद अखिलेश यादव पहुंचे थे. फिलहाल, सपा ने चार सीटों कुंदरकी, खैर, गाजियाबाद और मीरापुर सीट पर प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है.

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