ब्रह्मोस से लेकर आकाश तक, भारत किन देशों को सबसे ज्यादा कर रहा है मिसाइल की सप्लाई
ब्रह्मोस से लेकर आकाश तक, भारत किन देशों को सबसे ज्यादा कर रहा है मिसाइल की सप्लाई
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास सैन्य हथियारों के निर्यात के लिए लगभग 21,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर है. भारत की सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियां लगभग 100 देशों को हथियार निर्यात कर रही हैं.
ये आंकड़ा न सिर्फ इस देश की तकनीकी विशेषज्ञता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक रक्षा बाजार में उसकी बढ़ती भूमिका को भी उजागर करता है.
ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं कि भारत किन देशों में और कौन सी मिसाइल सबसे ज्यादा सप्लाई कर रहा है.
भारत किस तरह के रक्षा उत्पाद निर्यात कर रहा है?
भारत के पास हथियारों की 2.6 बिलियन डॉलर की ऑर्डर बुक है. अमेरिका, फ्रांस, और आर्मेनिया के लिए भारत हथियार निर्यात में अग्रणी है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास सैन्य हथियारों के निर्यात के लिए लगभग 21,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर है. भारत की सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियाँ करीब 100 देशों को विभिन्न प्रकार के हथियार और उपकरण निर्यात कर रही हैं।
क्या है ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस मिसाइल एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे भारत और रूस के बीच संयुक्त विकास के तहत विकसित किया गया है. इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है. यह मिसाइल तेज गति, सटीकता, और बहु उपयोगिता के लिए जानी जाती है.
ब्रह्मोस मिसाइल की गति लगभग 2.8 से 3.0 मैक (ध्वनि की गति से लगभग 2.8 से 3 गुना तेज) होती है, जिससे यह दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइलों में से एक है. इसकी रेंज 300 किमी से 600 किमी तक होती है, जिससे यह विभिन्न लक्ष्यों पर प्रभावी ढंग से हमला कर सकती है.
किन देशों को ब्रह्मोस मिसाइल सप्लाई कर रहा भारत
1. फिलीपींस- इंडोनेशिया ने सबसे पहले साल 2018 में नई दिल्ली में हुए आसियान-भारत कमेमोरेटिव समिट में भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की इच्छा जताई है. हालांकि वो डील नहीं हो पाई और साल 2022 की शुरुआती महीने में भारत और फिलीपींस के बीच ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को लेकर 37.496 करोड़ डॉलर का समझौता हुआ. इस समझौते के साथ ही फिलीपींस भारत से यह मिसाइल खरीदने वाला पहला आसियान देश बना. दोनों देशों के बीच हुए समझौते में तीन ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल बैटरी शामिल हैं. यह सौदा फिलीपींस के रक्षा बलों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर दक्षिण चीन सागर में बढ़ते सुरक्षा खतरे के संदर्भ में.
2. सिंगापुर- फिलीपींस के बाद अब सिंगापुर भी भारत से ब्रह्मोस मिसाइल को खरीदने में रुचि दिखा रहा है. सिंगापुर अपनी रणनीतिक स्थिति और क्षेत्रीय सुरक्षा के कारण इस मिसाइल को खरीदना चाहता है.
3. मलेशिया- मलेशिया ने भी ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में चर्चा की है और भारत से इसे खरीदने की योजना बना रहा है. यह सौदा दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगा.
कितना खतरनाक है आकाश वायु रक्षा प्रणाली
आकाश एक एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे भारत ने विकसित किया है. यह एक मीडियम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) है. जिसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन के हवाई हमलों को रोकना है. आकाश प्रणाली को भारतीय वायु सेना द्वारा विकसित किया गया है और यह अपने उच्च प्रौद्योगिकी वाले सिस्टम के लिए जानी जाती है.
किन देशों को आकाश डिफेंस सिस्टम सप्लाई कर रहा भारत
1. आर्मेनिया- इस देश ने साल 2022 में 15 आकाश-1एस सिस्टम के लिए $720 मिलियन का ऑर्डर दिया था. जो कि भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा डेवलप किये गए इस एयर डिफेंस सिस्टम की पहली अंतरराष्ट्रीय बिक्री थी. आकाश-1एस आर्मेनिया को हवाई खतरों, जैसे लड़ाकू विमानों, गाइडेड मिसाइलों और ड्रोन के खिलाफ प्रभावी ढंग से बचाव करने में सक्षम बनाएगा.
आकाश मिसाइल के अलावा आर्मेनिया ने भारत से डोर्नियर-228 विमान भी खरीदे हैं जो आर्मेनिया की टोही और निगरानी क्षमता को बढ़ाती है. इसी विमान की मदद से आर्मेनिया हवाई क्षेत्र की निगरानी और नियंत्रण ज्यादा प्रभावी ढंग से कर पा रहा है.
इसके अलावा भारत ने आर्मेनिया से नाइट-विजन गॉगल्स, तोपखाने और गोला-बारूद, एंटी-टैंक गाइडेड रॉकेट, बुलेट-प्रूफ जैकेट और कई छोटे हथियार भी निर्यात किए किए हैं. ये सिस्टम सामूहिक रूप से आर्मेनिया को एक ज्यादा आधुनिक डिफेंस सिस्टम प्रदान करते हैं.
2. ब्राजील- ब्राजील ने भी आकाश प्रणाली के लिए रुचि दिखाई है. दोनों देशों के बीच सह-उत्पादन और सह-विकास के लिए वार्ता चल रही है, जिससे भारत और ब्राजील के रक्षा संबंधों में मजबूती आएगी.
अन्य प्रमुख ग्राहक देश
1. इंडोनेशिया- इंडोनेशिया ने भी भारतीय मिसाइल प्रणालियों में रुचि दिखाई है. यह दक्षिण-पूर्व एशिया में भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी के लिए एक प्रमुख बाजार बन सकता है.
2. मध्य पूर्व के देश- भारत मध्य पूर्व के कई देशों को भी अपनी मिसाइल प्रणाली की सप्लाई कर रहा है. उदाहरण के लिए, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के साथ भारत के रक्षा संबंध मजबूत हो रहे हैं, और इन देशों में भारतीय मिसाइलों की मांग बढ़ रही है.
हथियारों के निर्यात में क्या है भारत का लक्ष्य?
भारत ने पिछले कुछ सालों में रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई सक्रिय कदम उठाए हैं. वित्तीय वर्ष 2024 में इस देश की वार्षिक रक्षा उत्पादन लगभग 1.27 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया था, जो कि पिछले साल के 1.09 ट्रिलियन रुपये की तुलना में 16.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी है. यह एक अच्छा संकेत है, क्योंकि इससे पता चलता है कि भारत ने अपने रक्षा उत्पादन लक्ष्यों में प्रगति की है.
वित्तीय वर्ष 2029 तक भारत का लक्ष्य 3 ट्रिलियन रुपये का वार्षिक रक्षा उत्पादन हासिल करना है, और अब तक वह इस लक्ष्य का 40 प्रतिशत से अधिक हासिल कर चुका है.
रक्षा उद्योग का विस्तार
भारत के रक्षा उद्योग ने पिछले कुछ सालों में तेजी से विस्तार किया है. यहां 16 डिफेंस पब्लिक सेक्टर की कंपनियां हैं, और इसके अलावा 430 लाइसेंस प्राप्त कंपनियां और 16,000 छोटे, और मध्यम उद्यम भी शामिल हैं. वित्तीय वर्ष 2015 के बाद से, उत्पादन की मूल्य में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है. इसमें निजी क्षेत्र का योगदान भी 21 प्रतिशत है.
भविष्य की संभावनाएं
भारत के लिए यह समय बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह अपने रक्षा निर्यात को और बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. आने वाले वर्षों में, भारत और अधिक देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ा सकता है, जो उसके सामरिक लक्ष्यों के लिए लाभदायक होगा.