ड्रग्स माफिया शेख पर फिर से पिट-एनडीपीएस लगाने की तैयारी !

Delhi: ड्रग्स माफिया शेख पर फिर से पिट-एनडीपीएस लगाने की तैयारी, देश में पहली बार इसी पर ही लगी थी ये धारा

सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड और वित्त मंत्रालय ने इस एक्ट के सेक्शन-11 के तहत, दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके तहत पुलिस शेख को बिना किसी केस के दो वर्ष तक हिरासत में रख सकती है। 

पुलिस दिल्ली के ड्रग्स के सबसे बड़े माफिया शराफत शेख के खिलाफ फिर से पिट-एनडीपीएस लगाने की तैयारी कर रही है। दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस ने शेख के खिलाफ दूसरी पिट-एनडीपीएस लगाने का प्रस्ताव दिल्ली पुलिस मुख्यालय को भेज दिया है। बताया जा रहा है कि शराफत शेख फिर से ड्रग की सप्लाई में लिप्त हो गया है। हाल ही में असम पुलिस एक केस में उसे निजामुद्दीन इलाके से गिरफ्तार करके ले गई है।

शराफत शेख वह ड्रग माफिया है, जिसके खिलाफ देश में पहली बार पिट-एनडीपीएस लगाई थी। इसके लिए विशेष कानून बनाया गया था। स्वापक औषधि और मन प्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम, 1988 (पिट-एनडीपीएस) इस सख्त कानून के तहत एक साल के लिए शराफत शेख तिहाड़ जेल में रहा।
शेख को बिना किसी केस के दो वर्ष तक हिरासत में रख सकती है पुलिस
सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड और वित्त मंत्रालय ने इस एक्ट के सेक्शन-11 के तहत, दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके तहत पुलिस शेख को बिना किसी केस के दो वर्ष तक हिरासत में रख सकती है। दक्षिण-पूर्व जिले ने ये विशेष धारा लगाने के लिए भेजे गए प्रस्ताव में कहा है कि शराफत शेख फिर से ड्रग की तस्करी में शामिल हो गया है। ऐसे में वह फिर से अपना नेटवर्क खड़ा कर सकता है। इस प्रस्ताव को गृहमंत्रालय को भेजा जाएगा। यहां से मंजूरी मिलने के बाद ड्रग माफिया के खिलाफ पिट-एनडीपीएस लगाई जा सकेगी।
पांचवीं पास आरोपी ने आधी जिंदगी जेल में गुजारी 
मात्र पांचवीं पास शराफत शेख ने अपनी आधी जिंदगी जेल में गुजारी है। बाकी बची जिंदगी वह देश की युवा पीढ़ी को तबाह करने में गुजार रहा है। राष्ट्रीय राजधानी के इस खतरनाक ड्रग स्मगलर के खिलाफ दिल्ली के अलग-अलग थानों में ड्रग स्मग्लिंग, आर्म्स एक्ट, मारपीट तक के करीब 35-36 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन थाने में सबसे ज्यादा मामले दर्ज हैं।  शराफत वर्ष 1977 में दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक ढाबे पर नौकरी करता था। छह महीने में ही उसने वहां से नौकरी छोड़ दी। वर्ष 1987 में मामूली से झगड़े में गिरफ्तार हुआ था। तब पहली बार जेल में बंद रहने के दौरान शराफत की मुलाकात ड्रग सप्लायर इनायत से हुई। इसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 35-40 साल से उसका राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के इलाके में ड्रग के खतरनाक कारोबार पर एकछत्र राज रहा है।

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