तोड़फोड़, लाठीचार्ज… पथराव: गाजियाबाद कोर्ट में बहस से बवाल तक ?

तोड़फोड़, लाठीचार्ज… पथराव: गाजियाबाद कोर्ट में बहस से बवाल तक, इसलिए वकीलों ने किया था हंगामा; तस्वीरें

गाजियाबाद कोर्ट में वकीलों ने जमकर हंगामा किया। आरोप है कि जगह-जगह तोड़फोड़ की। कचहरी स्थिति पुलिस चौकी में आग लगा दी। चौकी का पूरा सामान जल गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर वकीलों को खदेड़ा। इससे कचहरी में अफरा-तफरी मच गई। 

गाजियाबाद जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में चल रहे धोखाधड़ी के केस में अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई दूसरी कोर्ट में स्थानांतरित कर दिए जाने की अपील ठुकराए जाने पर मंगलवार की दोपहर वकीलों ने भारी हंगामा कर दिया। आरोप है कि अपील ठुकराए जाने से गुस्से में आए वकीलों ने जिला जज से न केवल बदसलूकी की बल्कि हमले का भी प्रयास किया। जिला जज को किसी तरह कड़ी सुरक्षा में कोर्ट से निकालकर चैंबर तक पहुंचाया गया। इसके बाद वकीलों का गुस्सा पुलिस पर फूट पड़ा। उन्होंने पहले पुलिस पर पथराव किया, जिसमें दरोगा राजेश गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके सिर में गहरी चोट आई है। 
Ghaziabad court fight From debate to uproar in Ghaziabad court lawyers created ruckus Police lathicharge
पुलिस ने लाठीचार्ज कर वकीलों को खदेड़ा
कोर्ट में जगह-जगह तोड़फोड़ की। कचहरी स्थिति पुलिस चौकी में आग लगा दी। चौकी का पूरा सामान जल गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर वकीलों को खदेड़ा। इससे कचहरी में अफरा-तफरी मच गई। वकीलों ने न्यायिक कार्य बंद कर दिया। चौकी फुंक जाने के बाद आसपास के थानों की फोर्स बुलाकर पूरी कचहरी को पुलिस छावनी में तबदील कर दिया गया। यह बवाल सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक चला। पूरी कचहरी को पुलिस छावनी बना दिया गया। 
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लाठीचार्ज में 25-30 वकील घायल हुए
गाजियाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव का कहना है कि वह और उनके साथी जिला जज की कोर्ट में धोखाधड़ी के आरोपी बुलरेज की अग्रिम जमानत का विरोध करने के लिए आए थे। उन्होंने जज से कहा कि या तो याचिका पर सुनवाई करें या केस किसी और कोर्ट में ट्रांसफर कर दें। यादव का आरोप है कि इसी पर जिला जज भड़क गए और उन्होंने पुलिस बुला ली। पुलिस ने कोर्ट रूम में ही वकीलों पर लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज में 25-30 वकील घायल हुए हैं। इनमें पांच महिला वकील हैं।
 
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वकील ने दर्ज कराया था धोखाधड़ी का मुकदमा, अग्रिम जमानत पर थी सुनवाई  
जिस मुकदमे में आरोपी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बवाल हुआ, वह कविनगर थाने में दो अक्तूबर को अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने दर्ज कराया था। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर यह केस दर्ज किया था। इसमें जितेंद्र सिंह का आरोप है कि उनकी और उनके साथी की 90 लाख की संपत्ति को फर्जी एग्रीमेंट बनाकर बेच दिया गया। एफआईआर में नौ लोग नामजद किए गए थे। एफआईआर में डासना नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन हाजी आरिफ अली, गुलरेज आलम, रिजवान अली, हसमुद्दीन, मोहम्मद फहीम, नसरुद्दीन, फातिमा परवीन, जफरुद्दीन और खुर्शीदन के नाम हैं। इस मामले में आरोपियों को 28 अक्तूबर तक अग्रिम जमानत मिल गई। 29 यानी मंगलवार को सुनवाई हो रही थी। 
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अधिवक्ताओं बोले- जिला जज ने कराया लाठी चार्ज
अधिवक्ता मनोज नागवंशी ने बताया कि एक केस की सुनवाई के लिए वह अदालत में मौजूद थे। नाहर सिंह यादव व अन्य अधिवक्ताओं के साथ ही जिला जज से कहासुनी होने लगी। इसी दौरान जनपद न्यायाधीश ने फोन करके पुलिस बुलाकर लाठी चार्ज करा दिया। इसमें कई महिला अधिवक्ता भी घायल हो गईं।न्यायाधीश ने जानबूझकर किया विवाद
अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने कहा कि जिला जज कई बार सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं से यह कह चुके थे कि वह गाजियाबाद से दुखी हैं, यहां से जाना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने जानबूझकर विवाद किया, जिससे उनका ट्रांसफर हो सके।

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