गाजियाबाद जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में चल रहे धोखाधड़ी के केस में अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई दूसरी कोर्ट में स्थानांतरित कर दिए जाने की अपील ठुकराए जाने पर मंगलवार की दोपहर वकीलों ने भारी हंगामा कर दिया। आरोप है कि अपील ठुकराए जाने से गुस्से में आए वकीलों ने जिला जज से न केवल बदसलूकी की बल्कि हमले का भी प्रयास किया। जिला जज को किसी तरह कड़ी सुरक्षा में कोर्ट से निकालकर चैंबर तक पहुंचाया गया। इसके बाद वकीलों का गुस्सा पुलिस पर फूट पड़ा। उन्होंने पहले पुलिस पर पथराव किया, जिसमें दरोगा राजेश गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके सिर में गहरी चोट आई है।
पुलिस ने लाठीचार्ज कर वकीलों को खदेड़ा
कोर्ट में जगह-जगह तोड़फोड़ की। कचहरी स्थिति पुलिस चौकी में आग लगा दी। चौकी का पूरा सामान जल गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर वकीलों को खदेड़ा। इससे कचहरी में अफरा-तफरी मच गई। वकीलों ने न्यायिक कार्य बंद कर दिया। चौकी फुंक जाने के बाद आसपास के थानों की फोर्स बुलाकर पूरी कचहरी को पुलिस छावनी में तबदील कर दिया गया। यह बवाल सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक चला। पूरी कचहरी को पुलिस छावनी बना दिया गया।
लाठीचार्ज में 25-30 वकील घायल हुए
गाजियाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव का कहना है कि वह और उनके साथी जिला जज की कोर्ट में धोखाधड़ी के आरोपी बुलरेज की अग्रिम जमानत का विरोध करने के लिए आए थे। उन्होंने जज से कहा कि या तो याचिका पर सुनवाई करें या केस किसी और कोर्ट में ट्रांसफर कर दें। यादव का आरोप है कि इसी पर जिला जज भड़क गए और उन्होंने पुलिस बुला ली। पुलिस ने कोर्ट रूम में ही वकीलों पर लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज में 25-30 वकील घायल हुए हैं। इनमें पांच महिला वकील हैं।
वकील ने दर्ज कराया था धोखाधड़ी का मुकदमा, अग्रिम जमानत पर थी सुनवाई
जिस मुकदमे में आरोपी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बवाल हुआ, वह कविनगर थाने में दो अक्तूबर को अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने दर्ज कराया था। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर यह केस दर्ज किया था। इसमें जितेंद्र सिंह का आरोप है कि उनकी और उनके साथी की 90 लाख की संपत्ति को फर्जी एग्रीमेंट बनाकर बेच दिया गया। एफआईआर में नौ लोग नामजद किए गए थे। एफआईआर में डासना नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन हाजी आरिफ अली, गुलरेज आलम, रिजवान अली, हसमुद्दीन, मोहम्मद फहीम, नसरुद्दीन, फातिमा परवीन, जफरुद्दीन और खुर्शीदन के नाम हैं। इस मामले में आरोपियों को 28 अक्तूबर तक अग्रिम जमानत मिल गई। 29 यानी मंगलवार को सुनवाई हो रही थी।
अधिवक्ताओं बोले- जिला जज ने कराया लाठी चार्ज
अधिवक्ता मनोज नागवंशी ने बताया कि एक केस की सुनवाई के लिए वह अदालत में मौजूद थे। नाहर सिंह यादव व अन्य अधिवक्ताओं के साथ ही जिला जज से कहासुनी होने लगी। इसी दौरान जनपद न्यायाधीश ने फोन करके पुलिस बुलाकर लाठी चार्ज करा दिया। इसमें कई महिला अधिवक्ता भी घायल हो गईं।न्यायाधीश ने जानबूझकर किया विवाद
अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने कहा कि जिला जज कई बार सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं से यह कह चुके थे कि वह गाजियाबाद से दुखी हैं, यहां से जाना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने जानबूझकर विवाद किया, जिससे उनका ट्रांसफर हो सके।
अचानक पुलिस भांजने लगी लाठियां
अधिवक्ता अजीत कुमार ने बताया कि सीनियर चैंबर में थे। वह एक केस की सुनवाई की स्थिति की जानकारी लेने गए थे। अदालत में पहुंचने पर काफी हंगामा हो रहा था। इसी दौरान अचानक पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। किसी तरह से बचकर न्यायालय से बाहर निकले।बार और बेंच के लिए शर्मनाक स्थिति
अधिवक्ता डॉ.राजकुमार चौहान ने कहा कि यह घटना बार और बेंच के लिए शर्मनाक है। बार और बेंच को इस तरह की घटनाओं से बचना चाहिए। अधिवक्ता और न्यायाधीश दोनों समाज के आइना हैं। दोनों को धैर्य और संयम से काम लेना चाहिए।
वकीलों ने कोर्ट से कुर्सियां उठाकर फेंकी…. खिड़कियों के शीशे तोड़े
कोर्ट के नाजिर संजीव गुप्ता की ओर से दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि वकीलों ने कोर्ट की खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। सुरक्षा जांच के लिए लगाई गई डीएफएमडी मशीन को तोड़ दिया। पुलिस चौकी में लगी सीसीटीवी की सर्वर मशीन को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद चौकी में आग लगा दी। कचहरी चौकी के प्रभारी संजय सिंह की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में बताया गया है कि वकीलों ने पथराव किया। पथराव में कई कोर्ट के दरवाजे और खिड़कियां टूट गईं। आगजनी से चौकी का सारा समान जलकर राख हो गया। केंद्रीय अर्धसैनिक बल और पीएसी को बुलाना पड़ा।
वकीलों के खिलाफ कविनगर थाने में दो केस दर्ज कराए गए हैं। एक कोर्ट नाजिर संजीव गुप्ता की ओर से दर्ज कराया गया है। इसमें नाहर सिंह यादव, अभिषेक यादव, दिनेश यादव नामजद और 40 से 50 अज्ञात हैं। दूसरा मुकदमा दरोगा संजय कुमार की ओर से दर्ज कराय गया। इसमें 50 अज्ञात वकील आरोपी हैं। दोनों मुकदमों में बलवे, सरकारी काम में बाधा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराएं लगाई गई हैं।
वकीलों ने जिला जज से बदसलूकी की। इसके बाद पथराव और आगजनी की। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ले लिए हैं– दिनेश कुमार पी.,अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, गाजियाबाद
बहस से बवाल तक
सुबह 11:20 बजे: जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई
सुबह 11:30 बजे: जिला जज ने केस को स्थानांतरित करने से मना किया तो वकील विरोध करने लगे।
सुबह 11:35 बजे से 11:40 तक: जज और वकीलों में बहस होती रही।
सुबह 11:40 बजे: कचहरी परिसर में तैनात पुलिस कोर्ट रूम में पहुंची। डीसीपी व एसीपी भी पहुंचे और वकीलों को समझाने का प्रयास किया ।
सुबह 11:50 बजे: वकीलों ने कोर्ट रूम से जिला जज के चैंबर में जबरन घुसने का प्रयास किया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर वकीलों को खदेड़ा।
दोपहर 12:05 बजे: कुछ वकील दूसरी ओर कचहरी चौकी पहुंच गए और आगजनी व तोड़फोड़ की।
दोपहर 12:20 बजे: पांच थानों की पुलिस, पीएसी, सीएपीएफ मौके पर पहुंची। वकीलों को खदेड़ा।
दोपहर 12:50 बजे: कचहरी की सड़कों पर नजर आ रहे सभी वकीलों को पुलिस ने बाहर कर दिया।