ग्वालियर : बदहाल सड़क …गुणवत्ता पर ठेकेदारों की मनमानी ?

बदहाल सड़क:गुणवत्ता पर ठेकेदारों की मनमानी, अफसरों ने बंद की निगम लैब ताकि निजी में हो जांच
  • 3 साल की गारंटी वाली रोड पहली बारिश में हुई खराब

शहर में सड़कों की गुणवत्ता की जांच करने के लिए नगर निगम ने एक करोड़ रुपए के उपकरण खरीदकर टेस्टिंग लैब तैयार कराई। सालभर में 100 करोड़ से अधिक के निर्माण कार्य कराने वाले निगम की टेस्टिंग लैब पर ताला लटक रहा है। मौजूदा स्थिति में लगभग 20 करोड़ के निर्माण कार्य गतिशील हैं।

हालांकि निगम के अफसर टेस्टिंग लैब को शुरू करने के लिए कभी तैयार नहीं हुए। प्रोजेक्ट उत्थान की राशि से डेढ़ दशक पहले शुरू की गई लैब पर अधिकांश समय ताला ही लटका रहा। हाल ही में जनकार्य विभाग के जिम्मेदारों ने एक करोड़ रुपए की राशि से खरीदे उपकरणों को बस स्टैंड के एक कमरे में रखवा दिए हैं। यही वजह है कि निगम में चल रहे निर्माण कार्य और सड़कों के सैंपल की जांच निजी लैब में कराकर इतिश्री कराई जा रही है।

निगम संग्रहालय के पास बने ऑफिस में टेस्टिंग लैब बनाई है। जिम्मेदारों की अरुचि के चलते लैब पर ताला लटका है। अफसर लोकायुक्त की जांच की आड़ लेकर उक्त कार्य को करने से बच रहे है। मटेरियल की जांच ऐसी स्थिति में लोक निर्माण विभाग और एमआईटीएस जैसे संस्थान से कराना चाहिए। इससे इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी।

ये होता फायदा

  • निगम की प्रयोगशाला में मटेरियल की जांच जल्दी होती।
  • रिपोर्ट जल्दी आने पर निर्माण कार्य की गुणवत्ता के बारे में जानकारी सटीक मिलेगी।
  • यदि रिपोर्ट में गड़बड़ी भी होती है, तो उसकी जांच हो सकती है।

नगर निगम की प्रयोगशाला को चालू कराया जाएगा

यदि नगर निगम की प्रयोगशाला बंद पड़ी हुई है। मैं इस मामले को खुद चेक कराऊंगा। उसे चालू भी कराया जाएगा, जिससे निर्माण मटेरियल के सैंपलों की जांच हो सकेगी। -अमन वैष्णव, आयुक्त ​ननि

तीन साल की गारंटी वाली सड़कें पहली बारिश में भी नहीं टिकतीं

निगम द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। सर्वाधिक शिकायतें सड़क को लेकर हैं। निगम द्वारा जिन सड़कों का निर्माण 3 साल की गारंटी के साथ कराया था, वे पहली बारिश भी नहीं झेल पातीं। पार्षदों का आरोप हैं कि अफसरों की मिलीभगत से ठेकेदार गुणवत्ता को लेकर मनमाने तरीके से प्रमाण पत्र बनवा लेते हैं।

निगम ने टेस्टिंग लैब के लिए 1 करोड़ रुपए से खरीदे थे उपकरण

निगम ने खुद की प्रयोगशाला के लिए एक करोड़ रुपए की राशि का सामान खरीदा था। इसमें डामर टेस्टिंग मशीन, कंक्रीट क्यूब टेस्टिंग, वेट मशीन, तापमान मापने के लिए थर्मामीटर आदि सामान खरीदा। इसे अब बस स्टैंड पर एक कमरे में रखवा दिया है।

20 करोड़ रुपए से ज्यादा के चल रहे निर्माण कार्य

निगम के नगरीय क्षेत्र में वर्तमान में 20 करोड़ रुपए से ज्यादा के निर्माण कार्य चल रहे है। उनमें े नई सड़क, राजपायगा रोड और चौपाटी फूलबाग से बसंत विहार मार्ग पर डामर का काम हुआ। वहीं वार्डों में आरसीसी की सड़कें, नाला निर्माण के कार्य आदि चल रहे है। इनके मटेरियल की सैंपलिंग उक्त प्रयोगशाला नहीं होने के कारण बाहर कराना पड़ रही है।

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