पीओके को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद और जगदगुरु रामभद्राचार्य आमने-सामने
पीओके को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद और जगदगुरु रामभद्राचार्य आमने-सामने, जानिए क्या है मामला?
ज्योतिष मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कश्मीर में धारा 370 को बहाल करने की मांग की थी। इसका जगदगुरु रामभद्राचार्य ने विरोध किया था।
ज्योतिष मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि रामभद्राचार्य जी कह रहे हैं कि अविमुक्तेश्वरानंद को राजनीति की एबीसीडी नहीं आती है। एबीसीडी अंग्रेजी का शब्द है। कखग भी कह सकते थे तो उनके मुख से ज्यादा अच्छा लगता कि भारत का विद्वान कुछ कह रहा है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर के मामले में समस्या क्या है? समस्या यह है कि भारत कहता है यह हमारा अंग है और पाकिस्तान कहता है यह हमारा अंग है। जब दो लोग किसी एक वस्तु पर दावा करते हैं तो प्रमाण की जरूरत पड़ जाती है। अब भारत को भी प्रमाण देना है और पाकिस्तान को भी प्रमाण देना है। भारत क्या प्रमाण देगा? अभी तक तो हमारे पास बड़ा प्रमाण था कि यह हिंदुस्तान का हिस्सा है, इसलिए यहां पर हिंदू कानून लागू है। रणबीर दंड संहिता जो राजा रणवीर के समय लागू की गई थी। मगर अब वहां से इसे हटा दिया गया है।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की थी धारा 370 बहाल करने की मांग
दरअसल हाल ही में ज्योतिष मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था कि कश्मीर में धारा 370 को बहाल किया जाए। धारा 370 लागू रहने के दौरान कश्मीर में रणबीर दंड संहिता लागू थी। रणबीर दंड संहिता के तहत गो हत्या, गो हत्या के लिए प्रेरित करना, गोमांस रखना और गोमांस का व्यापार करना, इन सब में मृत्यु दंड का प्रावधान था। धारा 370 रहने के दौरान गोहत्या नहीं होती थी। अब वहां गोहत्या होने लगी है। जब धारा 370 हटाना ही था तो यह देखकर हटाना था।
जगदगुरु रामभद्राचार्य ने किया था बयान का विरोध
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के बयान का जगदगुरु रामभद्राचार्य ने विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि अभी एक व्यक्ति का बयान आया है, जिससे मैं काफी दुखी हुआ। वह व्यक्ति खुद को शंकराचार्य कहता है। मैं कहूंगा कि वह शंकराचार्य भी नहीं है, यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। उस व्यक्ति ने बयान दिया कि कश्मीर में धारा 370 बहाल कर दी जाए। धारा 370 कोई खिलौना नहीं है जो इसे बहाल कर दिया जाए। ऐसे लोगों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।