146 साल पहले बने स्टेशन पर 17 लाख की आबादी निर्भर ?
- 1878 में महाराजा जयाजीराव शिंदे ने कराया था निर्माण
- 1940 में हुआ था ग्वालियर रेलवे स्टेशन का पुर्ननिर्माण
- जब स्टेशन बना एक ट्रैक था, अब चाैथी लाइन की तैयारी
ग्वालियर। ग्वालियर रेलवे स्टेशन का निर्माण 1878 में हुआ था। तब सिंगल लाइन थी, अब चाैथी लाइन बिछाने का काम शुरू हाे चुका है। 146 साल पुराना यह स्टेशन 17 लाख की आबादी का एकमात्र सहारा है, क्याेंकि यहां काेई सेटेलाइट स्टेशन ही नहीं है। बिरला नगर स्टेशन काे विकसित किया जा सकता था, लेकिन रेलवे अफसर ताे दूर जनप्रतिनिधियाें ने भी कभी इस पर ध्यान नहीं दिया।
जबकि यदि शहरी आबादी की बात करें ताे वह भी करीब 17 लाख है। 146 साल पहले बने स्टेशन पर इतनी बड़ी आबादी का भार है। भाेपाल, इंदाैर ने समय रहते सेटेलाइट स्टेशन डवलप करने पर ध्यान दिया, जबकि ग्वालियर में बिरला नगर स्टेशन शहर में ही स्थित था, लेकिन कभी इसे विकसित करने पर फाेकस नहीं किया गया। यदि इस स्टेशन काे सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित किया हाेता ताे मुख्य स्टेशन पर काफी हद तक लाेड कम हाे गया हाेता।
ब्लाक का प्राेग्राम फायनल हाेते ही चलेगी ट्रेन
- ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर निर्माण कार्य चल रहा है। यहां निर्माण कार्य के लिए ब्लाक की जरुरत है। गत दिवस रेलवे के पीसीओएम सरत चंद्रायन और वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक अखिल शुक्ला ग्वालियर आए थे। यहां उन्हाेंने केपीसी कंपनी सेे ब्लाक का फाइनल प्राेग्राम मांगा है। सूत्राें की मानें ताे ब्लाक का प्राेग्राम फायनल हाेने के बाद कैलारस मेमू और भिंड-इटावा पैसेंजर का संचालन करीब दाे माह के लिए बिरला नगर से किया जा सकता है।
- दरअसल ग्वालियर स्टेशन पर निर्माण कार्य के दाैरान हुए हादसाें में अब तक एक की माैत और दाे लाेग घायल हाे चुके हैँ। यदि अब भी मुख्य स्टेशन से लाेड कम नहीं हुआ ताे दुर्घटना की आशंका बनी ही रहेगी। इसी वजह से बिरला नगर से ट्रेनाें का संचालन शुरू कर मुख्य स्टेशन से लाेड कम करने पर विचार किया जा रहा है।