भारतीय संविधान में किन-किन देशों की कौन सी खूबी शामिल की गई ?

ब्रिटेन का कैबिनेट सिस्टम, अमेरिका से अधिकार, जानें भारतीय संविधान में किन-किन देशों की कौन सी खूबी शामिल की गई

Constitution Day of India 2024: आजादी के बाद अंग्रेजों के बनाए कानून देशवासियों पर थोपे गए थे. इससे निजात पाने के लिए अपना संविधान तैयार किया गया. इसमें दूसरे देशों के अच्छे तत्वों को भी शामिल किया गया और इस संविधान को 26 नवंबर 1949 को अपना लिया गया. तभी हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है.जानिए, भारतीय संविधान में किन-किन देशों का क्या योगदान है और यह कैसे तैयार किया गया.

ब्रिटेन का कैबिनेट सिस्टम, अमेरिका से अधिकार, जानें भारतीय संविधान में किन-किन देशों की कौन सी खूबी शामिल की गई

भारतीय संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अपना लिया गया, तब से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है.

अंग्रेजों से आजादी की जंग जीतने के बाद 15 अगस्त 1947 को देश स्वाधीन तो हो गया पर इसे चलाने के लिए नियम-कानून की जरूरत महसूस हुई. अंग्रेजों के बनाए कानून देशवासियों पर थोपे गए थे. इससे निजात दिलाने के लिए अपना कानून बनाने का फैसला किया गया. इसके लिए संविधान सभा का गठन किया गया. इस सभा ने तमाम देशों के संविधान और कानूनों का अध्ययन करने के बाद अपना संविधान तैयार किया. इसमें दूसरे देशों के अच्छे तत्वों को भी शामिल किया गया और इस संविधान को 26 नवंबर 1949 को अपना लिया गया. तभी हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है.

ऐसे तैयार किया गया संविधानसंविधान सभा के पहले सभापति सच्चिदानन्द सिन्हा थे. बाद में डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद को सभापति चुनाव गया. बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्मात्री समिति का अध्यक्ष बनाया गया था. संविधान सभा ने अपने देश की विविधता को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग प्रावधानों को शामिल कर संविधान का मसौदा तैयार किया. इस दौरान अलग-अलग देशों के कई संविधान का मूल्यांकन भी किया. उनमें से जो बेहतरीन चीजें थीं, उन्हें अपने मसौदे में शामिल किया और इस तरह से दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान तैयार हुआ. इसे तैयार करने में दो साल 11 महीने और 18 दिन लगे.

26 जनवरी 1950 को हुआ था लागूसंविधान सभा जब इस बात पर सहमत हो गई कि अब नियम-कानून पूरी तरह से तैयार हो गए हैं तो 26 नवंबर 1949 को सभी सदस्यों ने इसके प्रारूप पर अपने-अपने हस्ताक्षर कर दिए. तभी से संविधान को अपना लिया गया. हालांकि, इसे लागू किया गया था 26 जनवरी 1950 को यानी संविधान को अपनाए जाने के दो महीने बाद. इसीलिए तारीख 26 ही रखी गई, क्योंकि दो महीने पहले इसी तारीख को संविधान अपनाया गया था. संविधान बनाने वाले महापुरुषों के योगदान को रेखांकित करने के लिए 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है, जबकि 26 जनवरी के महत्व को गणतंत्र दिवस मनाकर रेखांकित किया जाता है.

ब्रिटेन से लिया कैबिनेट सिस्टम और सिंगल सिटीजनशिपभारतीय संविधान में शामिल कई तत्व दूसरे देशों से लिए गए हैं. इनमें सबसे पहले ब्रिटेन का नाम आता है. ब्रिटेन से आजादी के बाद संविधान सभा ने उसके संविधान का अध्ययन किया तो ऐसे कई तत्व मिले, जो हमारे देश के लिए काफी मुफीद थे. अलिखित संविधान वाले ब्रिटेन से हमने संसदीय सरकार, कानून का शासन, विधायी प्रक्रिया, एकल नागरिकता पद्धति, विशेषाधिकार रिट, कैबिनेट सिस्टम, संसदीय विशेषाधिकार और द्विसदन की व्यवस्था अपने संविधान में शामिल की है.

आयरलैंड-अमेरिका से लिए अधिकार और महाभियोगइसके अलावा हमने आयरलैंड के संविधान से राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए सदस्यों का नामांकन और राष्ट्रपति के चुनाव का तरीका अपनाया है. वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका से भारतीय संविधान में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के कार्य, राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया, नागरिकों के मौलिक अधिकार, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, संविधान की प्रस्तावना और न्यायिक समीक्षा को अंगीकार किया है.

केंद्र की शक्तियां कनाडा से आईकनाडा के संविधान से हमने संघीय शासन व्यवस्था का वर्तमान स्वरूप अंगीकार किया, जिसमें राज्यों की तुलना में केंद्र अधिक शक्तिशाली होती है. केंद्र में निहित शक्तियां, राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति का केंद्र का अधिकार और सुप्रीम कोर्ट का सलाहकार क्षेत्राधिकार हमने कनाडा से ही लिया है. ऑस्ट्रेलिया के संविधान से हमने समवर्ती सूची की अवधारणा, व्यापार और वाणिज्य की स्वतंत्रता और संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की व्यवस्था को अपने संविधान का हिस्सा बनाया है.

इन देशों का भी अहम योगदानतत्कालीन सोवियत संघ के संविधान से हमने नागरिकों के मौलिक कर्तव्य, भारतीय संविधान की प्रस्तावना में बताए गए न्याय के आदर्श को लिया को फ्रांस के संविधान से प्रस्तावना में निहित स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों और गणतंत्र की अवधारणा को समाहित किया. आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों का निलंबन जर्मनी की देन है. राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव और संविधान में संशोधन की प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से ली गई है. कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया की अवधारणा को हमने जापान से अंगीकार किया है.

इसके अलावा साल 1935 में बनाए गए भारत सरकार अधिनियम से हमने राज्यपाल के कार्यालय की व्यवस्था, संघीय योजना, न्यायतंत्र, लोकसेवा आयोग, आपातकालीन प्रावधान और प्रशासनिक विवरण को अपने संविधान में शामिल किया है

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