भूमि विकास नियम में बदलाव की तैयारी ….

भूमि विकास नियम में बदलाव की तैयारी ….
जमीन के साथ अब निर्माण की अनुमति भी होगी ट्रांसफर, रेल-मेट्रो से 30 मीटर छोड़कर ही कोई निर्माण हो सकेगा

जल्द ही मप्र में जमीन के साथ निर्माण की अनुमति भी ट्रांसफर हो जाएगी। अब तक जमीन खरीदने के बाद उसके लेआउट की अनुमति अलग से लेनी होती थी। अब ऐसा नहीं होगा। हालांकि यदि लेआउट प्लान बदला तो दोबारा अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा रेसीडेंशियल या कमर्शियल भवन बनाने के लिए 0.25 अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) भी मिल सकेगा। यानी लोग तय निर्माण से 25% ज्यादा निर्माण कर सकेंगे।

इस एफएआर के इस्तेमाल के लिए अतिरिक्त फ्लोर निर्माण की अनुमति भी मिल जाएगी। हालांकि, ये राहत ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) सर्टिफिकेट के जरिए खरीदनी पड़ेगी। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने भूमि विकास नियम-2012 में 5 बड़े संशोधन किए हैं। इस संशोधन का ड्राफ्ट तैयार है। इसका जल्द ही नोटिफिकेशन जारी होगा।

नोटिफिकेशन के बाद दावे-आपत्ति के लिए महीनेभर का वक्त दिया जाएगा। इसके आधार पर अंतिम प्रकाशन होगा। इसके बाद सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित जमीन पर जमीन मालिक को टीडीआर सर्टिफिकेट जारी होगा। जरूरत पड़ने पर वह पोर्टल पर टीडीआर बेच सकेंगे। यदि उस क्षेत्र की मांग ज्यादा हुई तो टीडीआर पर दाम भी ज्यादा मिल सकते हैं। ऐसे ही डेवलपर्स अपने प्रोजेक्ट में टीडीआर सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर अतिरिक्त निर्माण कर सकेंगे।

छोटे शहरों में अब 15 मीटर चौड़ी सड़क पर भी खुल सकेंगे पेट्रोल पंप

1 अब प्रदेशभर में रेलवे और मेट्रो लाइन से 30 मीटर का क्षेत्र छोड़कर ही काेई विकास कार्य किया जा सकेगा।

2 छोटे शहरों में अब 15 मी. चौड़ी सड़क पर भी पेट्रोल पंप खुल सकेंगे। अभी तक 18 मीटर सड़क का प्रावधान था।

3 औद्योगिक निर्माण के लिए 1.5 के फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को बढ़ाकर 2 किया जाएगा।

4 अब जमीन के साथ ही निर्माण की अनुमति भी ट्रांसफर हो जाएगी। इससे दोबारा लेआउट की अनुमति लेने की जरूरत नहीं।

5 टीडीआर के जरिए 0.25 का अतिरिक्त निर्माण करने योग्य बिल्डअप एरिया यानी एफएआर मिलेगा।

नियम में संशोधन से… सरकार को मिलेगा 1500 करोड़ का इंसेंटिव मिल सकता है

केंद्र के अर्बन रिफॉर्म (शहरी सुधारकार्य) के कारण भूमि विकास नियम में संशोधन किए जा रहे हैं। इसके लिए केंद्र ने एक गाइडलाइन जारी की है। यानी गाइडलाइन के अनुरूप बदलाव करने पर हर राज्य को केंद्र से इंसेंटिव मिलता है। सूत्रों के मुताबिक, इस नियम में संशोधन करने पर मप्र को केंद्र से 1500 करोड़ तक का इंसेंटिव मिल सकता है।

तीन माह पहले पोर्टल शुरू, लेकिन इस पर ​सिर्फ इंदौर के प्रोजेक्ट ही अपलोड

मप्र सरकार ने 3 महीने पहले टीडीआर पोर्टल https://dtcp.mp.gov.in/TDR/Web/ शुरू किया है। लेकिन इस पोर्टल पर अब तक इंदौर शहर के प्रोजेक्ट ही अपलोड हो पाए हैं। भूमि विकास नियम में हुए संशोधन का अंतिम प्रकाशन होने के बाद टीडीआर खरीदने-बेचने की प्रक्रिया इसी पोर्टल के जरिए होगी। इसके लिए सर्टिफिकेट के तौर पर यूनिट्स मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *