कलेक्टर का आदेश-नियमित जांच,हकीकत-आरटीओ निकले न दल ?

 बच्चों पर बेफिक्री: कलेक्टर का आदेश-नियमित जांच,हकीकत-आरटीओ निकले न दल

20 नवंबर को जब माधवनगर चोराहे पर बस में स्‍कूल बस में आग लगी थी। हालांकि बच्‍चे सकुशल बच गए थे। घटना के बाद कलेक्‍टर ने एक समिति बनाकर जांच के निर्देश दिए थे। लेकिन सात दिन के बाद भी समिति ने जांच शुरू नहीं की। यहां तक कि कोई अफसर बाहर नहीं निकले।

Gwalior News: बच्चों पर बेफिक्री: कलेक्टर का आदेश-नियमित जांच,हकीकत-आरटीओ निकले न दलकलेक्टर का आदेश-नियमित जांच,हकीकत-आरटीओ निकले न दल। सांकेतिक चित्र।
  1. माधवनगर गेट पर बस में आग लगने की घटना के बाद कलेक्टर ने बनाई थी समिति
  2. पुलिस व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को भी चिंता नहीं, नहीं होती जांच
  3. जिले में सैकडों वाहन दौड रहे हैं और वाहनों की हकीमत देखने कोई नहीं आता

ग्वालियर: स्कूली वाहनों में जाने वाले नौनिहालों को लेकर जिम्मेदार कितने चिंतित हैं, यह पिछले सात दिनों में सामने आ गया। 20 नवंबर को माधवनगर गेट पर स्कूली बस में आग लगने की घटना के बाद खुद कलेक्टर रुचिका चौहान ने आदेश जारी किए थे कि अब नई कमेटी रोज स्कूली बसों की जांच करेगी और कार्रवाई करेगी।

जांच-कार्रवाई तो दूर दफ्तरों से न तो क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी निकले और न कमेटी ने कार्रवाई की। स्कूली वाहनों में कितनी सुरक्षा है अथवा खतरे में सफर है, यह जांच पड़ताल भी सड़कों पर नहीं हो रही है। यह नौबत तब है जब जिले की कलेक्टर ने आदेश दिया है। ग्वालियर में रोजाना सैकड़ों वाहन दौड़ रहे हैं, लेकिन हकीकत देखने वाला कोई नहीं है।

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क्या है कलेक्टर का आदेशकलेक्टर रुचिका चौहान ने 21 नवंबर को आदेश जारी किया था। आदेश में लिखा था कि 20 नवंबर को बच्चों को छोड़ने जा रही एक स्कूली बस में आग लगने की घटना घटित हुई है। इसके पूर्व भी एक अन्य स्कूली बस में आग लगने की घटना घटित हो चुकी है। अतः स्कूली छात्र-छात्राओं की जान-माल की रक्षा तथा उक्त घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु सभी स्कूली वाहनों की जांच कराया जाना आवश्यक हो गया है। स्कूली वाहनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन में निर्देश हैं और परिवहन आयुक्त की ओर से भी विस्तृत दिशा निर्देश गए हैं। जिले के अन्तर्गत संचालित समस्त स्कूल-कालेज वाहनों की नियमित जांच के लिए संयुक्त दल गठित किया जाता है। दल को चार होमगार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। समस्त स्कूल-कालेज वाहनों की नियमित जांच कराना तथा नियम विरुद्ध संचालित वाहनों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी तथा की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरकर्ता को एक माह की समय सीमा में प्रस्तुत करेंगे।

यह बनाया है जांच दल

  1. क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ग्वालियर (पदेन)
  2. उप पुलिस अधीक्षक (यातायात) ग्वालियर (पदेन)
  3. क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ग्वालियर (पदेन)
  4. जिला आपूर्ति नियंत्रक ग्वालियर (पदेन)
  5. प्रभारी, संभागीय परिवहन सुरक्षा जांच दल (पदेन)

यह है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन-परिवहन आयुक्त का आदेशnaidunia_image

  1. स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए।
  2. स्कूल बस के अग्र एवं पृष्ठ भाग पर “स्कूल बस” लिखा होना चाहिए। यदि अनुबंधित बस हो तो बस पर “आन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए।
  3. बस में प्राथमिक उपचार के लिए फर्स्ट एड बाक्स होना अनिवार्य है।
  4. बस में निर्धारित मानक के अनुसार गति नियंत्रक यंत्र (एसएलडी) होना आवश्यक है।
  5. स्कूल बसों में खिड़कियों पर समानांतर (हारिजेन्टल) ग्रिल्स होना अनिवार्य है।
  6. वाहन में अग्निशमन यंत्र की सुविधा होना चाहिए। स्कूल का नाम एवं दूरभाष क्रमांक अंकित हो।
  7. प्रवेश एवं निर्गम के लिए अलग अलग दो दरवाजे होना चाहिए।
  8. स्कूल बस के दरवाजों पर लगे ताले ठीक एवं ऑटोमेटिक स्थिति में हों।

स्कूली वाहनों की जांच के लिए कमेटी का गठन हो चुका है। स्कूल संचालकों की बैठक हाल ही में ली गई है जिसमें उन्हें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। चालकाें के लिए आंखों की जांच का शिविर लगवा रहे हैं। दो तीन दिन में कार्रवाई शुरू की जाएगी।

विक्रमजीत सिंह कंग, आरटीओ, ग्वालियर

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