Agrit Patrika Campaign …… against cyber terrorists !
अग्रित पत्रिका सस्थान पैनल को आपका एक फोन तोड़ सकता है साइबर ठगों का मायाजाल
साइबर आतंकियों के खिलाफ ग्वालियर की निर्णायक लड़ाई शुरू। साइबर ठगी रोकने के लिए अग्रित पत्रिका सस्थान ने बनाई हेल्पलाइन। यहां मशीन नहीं इंसान सुनेंगे आपकी समस्या और करेंगे समाधान। साथ ही आपको बचाएंगे साइबर ठगी व डिजिटल अरेस्ट होने से।
- साइबर एक्सपर्ट रहेंगे अपने फोन पर उपलब्ध
- साइबर ठगों का फोन आने पर ले सकते हैं मदद
- एक्सपर्टों को एक फोन बचाएगा आपको ठगी से
ग्वालियर। साइबर अपराधियों से लड़ने के लिए नईदुनिया तैयार है। सैकड़ों, हजारों किलोमीटर दूर बैठकर एक फोन पर लोगों के जीवनभर की कमाई पल-भर में लूटने वाले साइबर ठगों के हौसले पस्त करेंगे नईदुनिया पैनल के साइबर एक्सपर्ट। पैनल में शामिल एक्सपर्ट ठगों की एक-एक हरकत से वाकिफ हैं।
देश के अलग-अलग राज्यों में कई शातिर ठगों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में इनकी बड़ी भूमिका रही है। साइबर अपराधियों के खिलाफ छेड़ी गई इस लड़ाई में ग्वालियर को हर कदम पर नईदुनिया पैनल के साइबर एक्सपर्ट का साथ मजबूती से मिलेगा।
अग्रित पत्रिका सस्थान द्वारा शुरू किए गए अभियान ठगों को ठेंगा में एक्सपर्ट एक फोन पर हर समय उपलब्ध रहेंगे। अगर आपके पास कोई संदिग्ध फोन आता है और आपको लगता है कि आप किसी ठग के बिछाए जाल में फंस सकते हैं या आपके साथ साइबर अपराध हुआ है और अब तक आप यह नहीं समझ पाए हैं, आखिर मदद कहां मिलेगी..तो आप नईदुनिया साइबर पैनल के विशेषज्ञों को फोन कर सकते हैं।
आपका एक फोन ठगों के मायाजाल को तोड़ सकता है। आइए..जानते हैं साइबर ठगों के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार शहर के इन साइबर एक्सपर्ट के बारे में। यहां हम आपको इनके नाम और मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराएंगे। साइबर अपराधियों से बचने के लिए आप इन्हें बेहिचक फोन पर संपर्क कर सकते हैं।
- अग्रित पत्रिका सस्थान यह पहल समाज हित में है। पूरा विश्वास है, यह अभियान साइबर अपराध से बचने के लिए जागरुकता में नए आयाम स्थापित करेगा। इसमें मैं पूरी तरह से नईदुनिया के साथ हूं। हर समय आम लोगों को साइबर अपराध से बचाने के लिए तैयार हूं।
मुकेश नारोलिया, इंस्पेक्टर, राज्य साइबर सेल
- मोबाइल नंबर- 9406702729
- साइबर अपराधियों के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है सतर्कता। इस बारे में अभी भी लोगों में जागरुकता की कमी है, लोगों को जागरुक करने और उन्हें साइबर अपराधियों से बचाने के लिए मैं हमेशा तैयार हूं। मुझे कभी भी फोन कर सकते हैं। अगर आपको लगता है आप डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो सकते हैं या कोई अन्य साइबर अपराध आपके साथ हो सकता है तो जरूर बात करें।
धर्मेंद्र शर्मा, सब इंस्पेक्टर, साइबर क्राइम विंग
- मोबाइल नंबर- 8770095760
- साइबर अपराधियों के खिलाफ नईदुनिया द्वारा शुरू किए गए इस अभियान में हम मजबूती के साथ साइबर अपराधियों के खिलाफ खड़े होंगे। शहर को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। चाहें जागरुकता की बात हो या साइबर अपराध का शिकार लोगों को किसी तरह की मदद की आवश्यकता है मैं हमेशा साथ हूं।
कुलभूषण सिंह, साइबर ला एक्सपर्ट
- मोबाइल नंबर 8989016656
- डिजिटल एक तरह का साइकोलाजिकल अरेस्ट है। इसमें अक्सर लोग सम्मोहित जैसे हो जाते हैं। कई बार ऐसे मामलों में महिलाएं पीड़ित होती हैं और वह आसानी से हर किसी को अपनी बात नहीं बता पातीं। मैं हमेशा मदद के लिए तैयार हूं। नईदुनिया द्वारा आम जन के हित में यह अनूठा प्रयास किया गया है।
डा.प्रियंका शर्मा, मनोचिकित्सक एवं एसोसियेट प्रोफेसर, जीआरएमसी
- मोबाइल नंबर- 8009396460
- 5- लोगों को जागरुक करने से लेकर साइबर अपराध का शिकार हुए लोगों की मदद के लिए तैयार हैं। इसी तरह से सभी एक साथ होकर साइबर अपराधियों के खिलाफ खड़े होंगे तो जागरुकता इस स्तर तक आ जाएगी, पलक झपकते ही हम फ्राड काल को पकड़ लेंगे। इनसे डरना नहीं है इनसे मुकाबला करना है।
चातक वाजपेयी, साइबर एक्सपर्ट
- मोबाइल नंबर- 9407156698
अग्रित पत्रिका सस्थान अभियान से आप भी जुड़ सकते हैं, काल करें अग्रित पत्रिका सस्थान के साइबर ठगी के खिलाफ अभियान में आप भी जुड़ सकते हैं। दूसरों की मदद करने के लिए हाथ उठा सकते हैं। अभियान से जुड़ने व अपना सहयोग देने के लिए आप अग्रित पत्रिका सस्थान के मोबाइल नंबर9425949285 पर काल करें।
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सेक्सटॉर्शन, सिम ब्लॉक से लेकर फर्जी जॉब के नाम पर साइबर अपराधी सक्रिय, बचें 10 ऑनलाइन ठगी से
सावधान। ऑनलाइन की दुनिया में बड़े खतरे हैं। साइबर ठग अलग-अलग रूप में सक्रिय हैं। कभी न्यूड वीडियो कॉल के नाम पर ब्लैकमेलिंग कर रहे हैं, तो कभी कानून का डर दिखाकर लूट रहे हैं ऑनलाइन। देश में साइबर क्राइम के कारण लोगों का बड़ी संख्या में आर्थिक नुकसान हो रहा है। आइए जानते हैं साइबर ठगों की ठगी के 10 तरीकों के बारे में और यह भी जानें कि इनसे कैसे बचा जा सकता है।
नई दिल्ली। इंटरनेट के बिना जिंदगी आसान नहीं है। चाहे वह मोबाइल का बिल जमा करना हो, रिचार्ज करना हो, सबके लिए इंटरनेट चाहिए ही। डिजिटल पेमेंट भी इंटरनेट के बिना संभव नहीं है। देश में बड़ी आबादी ऑनलाइन पेमेंट पर निर्भर हो चुकी है। इसी के साथ साइबर ठग भी ठगी के नए-नए तरीकों के साथ लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं।
2024 में लोकसभा में राष्ट्रीयकृत बैंकों (मुख्यतया एसबीआई) और अन्य निजी बैंकों के खाताधारकों के साथ पिछले पांच वर्षों में हुई साइबर धोखाधड़ी के कारण हुए नुकसान के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने बताया, “क्रेडिट कार्ड्, एटीएम/डेबिट कार्ड्स और इंटरनेट बैंकिंग की श्रेणी में फ्रॉड की वजह से पिछले पांच वित्तीय वर्ष में (एक लाख रुपये और उससे ऊपर की रकम) क्रमश: FY19-20 में 44.22 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 20-21 में 50.10 करोड़ रुपये, 2021-22 में 80.33 करोड़ रुपये, 2022-23 में 69.68 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 23-24 में 177.05 करोड़ रुपये रहा।”
आज बात करेंगे ऑनलाइन ठगी के 10 ऐसे तरीकों के बारे में, जिनसे सतर्क रहकर हम अपने बैंक अकाउंट को खाली होने से बचा सकते हैं।
ऑनलाइन सेक्सटॉर्शनऑनलाइन सेक्सटॉर्शन के शिकार कई व्यक्ति मान-सम्मान के डर से आत्महत्या कर चुके हैं। दरअसल, ऐसे केसों में वॉट्सऐप पर मैसेज और न्यूड वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को फंसाया जाता है। शिकार व्यक्ति का वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया जाता है। उससे पैसे की मांग की जाती है। पैसे नहीं देने पर करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों को वीडियो भेजने की धमकी दी जाती है। कई बार देखने को आया है कि शिकार व्यक्ति डर के मारे पैसे दे भी देते हैं। ऐसे केस में तुरंत पुलिस की मदद लेनी चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट कहा चुका है कि सेक्सटॉर्शन एक महत्वपूर्ण सामाजिक खतरा है और अक्सर गंभीर मनोवैज्ञानिक आघात का कारण बनता है।
‘9’ या ‘0’ नंबर का फ्रॉडट्राई या साइबर क्राइम विभाग से खुद को अधिकारी बताकर ठग लोगों को कॉल कर रहे हैं। इसके बाद वे यूजर की निजी जानकारी के गलत इस्तेमाल का हवाला देकर उसे डराते हैं और ‘9’ या ‘0’ दबाने को कहते हैं। इससे कॉल दूसरे व्यक्ति के पास ट्रांसफर हो जाती। वह शख्स उनको पुलिस अधिकारी या ट्राई अधिकारी बनाकर डाराता है और कॉल तीसरे शख्स के पास ट्रांसफर करता है। इस तरह से पीड़ित ‘डिजिटल अरेस्ट’ का शिकार हो जाता है।
गैस कनेक्शन काटने के नाम परजिन शहरों में लोगों के घरों में पीएनजी यानी पाइप्ड नेचुरल गैस कनेक्शन हैं, उन्हें फेक मैसेज भेजकर धोखाधड़ी की जा रही है। गैस कनेक्शन कटने का मैसेज पढ़कर उपभोक्ता तुरंत दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करता है, जिसके बाद ठगी का सिलसिला चल पड़ता है। उपभोक्ताओं को भेजने वाले मैसेज में लिखा होता है, “प्रिय आईजीएल यूजर, आज रात 9:30 बजे आपका गैस कनेक्शन काट दिया जाएगा। क्योंकि पिछले महीने का बिल अपडेट नहीं है। कृपया हमारे ऑफिस पर संपर्क करें : ………., धन्यवाद।”
प्रोविडेंट फंड मैच्योर करने के नाम पर ठगीसाइबर ठग के निशाने पर रिटायर कर्मी भी रहते हैं। स्कैमर्स सबसे पहले रिटायर लोगों का डेटा इकट्ठा करते हैं। इसके बाद उन्हें कॉल करके बैंक अकाउंट अपडेट करने को कहते हैं। जिसके बाद सेवानिवृत्त कर्मी के मोबाइल पर आए ओटीपी को लेकर अकाउंट खाली कर देते हैं।
दोस्त या फैमिली मेंबर बनकर मदद मांगनाकई बार ऐसे केस भी देखने को आए हैं, जिसमें लोगों की फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे मांग गए हैं। अपने फेक अकाउंट की शिकायत संबंधित सोशल मीडिया कंपनी से करके बंद करवाया जा सकता है। यदि आपके नाम पर कोई फ्रॉड हो गया है तो साइबर क्राइम की वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर जरूर शिकायत करें।
जॉब के नाम पर फर्जीवाड़ाकभी एयरपोर्ट पर नौकरी तो कभी पेंसिल पैकिंग के नाम पर भी खूब फर्जीवाड़ा होता है। कई बार देखने को मिला है कि साइबर ठग बेरोजगारों को निशाना बनाने के लिए जॉब से जुड़े फर्जीवाड़े का इस्तेमाल करते हैं। विश्वास न्यूज को कई लोगों ने बताया कि उन्हें एयरपोर्ट पर भर्ती के नाम से मैसेज आया। जब, उन्होंने दिए गए नंबर पर संपर्क किया तो उनसे उनके आधार कार्ड मांगा गया और रजिस्ट्रेशन के लिए पैसे की मांग की गई। पैसे देने के बाद पता चला कि उनके साथ फ्रॉड हो चुका है। इसी तरह घर बैठे पेंसिल पैकिंग के नाम पर भी बहुत से लोगों को शिकार बनाया जा चुका है। इसमें पेंसिल पैंकिंग का काम देने के बाद पैसे वसूले गए।
इंश्योरेंस रिन्यूवल के नाम परलाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के नाम पर भी लोगों को शिकार बनाया जाता है। इसमें लोगों को कॉल करके बताया जाता है कि आपका पुराना इंश्योरेंस बंद होने वाला है, क्योंकि इसका प्रीमियम बाकी है। प्रीमियम जमा करने के लिए दबाव डाला जाता है। ऐसे मामलों में अनजान नंबर से आपके पास भी इंश्योरेंस कंपनी के नाम से कॉल आए तो पहले वेरिफाई कर लें।
‘कौन बनेगा करोड़पति’ के नाम परचर्चित टेलीविजन शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के नाम पर कई बार फर्जी मैसेज से लोगों को शिकार बनाया गया है। इसमें 25 लाख की लॉटरी जीतने की बधाई देते हुए एक वॉट्सऐप नंबर पर संपर्क करने के लिए कहा जाता है। इसके बाद धोखाधड़ी का खेल शुरू होता है। कॉल करने वाले को बताया जाता है कंपनी की ओर से आपके मोबाइल नंबर को लॉटरी जीतने पर 25 लाख दिया जाएगा। इसके लिए कुछ कागज, बैंक डिटेल मांगे जाते हैं। इसके बाद लोग आसानी से इसके शिकार बन जाते हैं।
केबीसी से जुड़ी विश्वास न्यूज की खास रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
बिजली बिल जमा करने के नाम परदेश के कई हिस्सों में ऐसे अपराधी भी सक्रिय हैं, जो मैसेज या वॉट्सऐप भेजकर तुरंत बिजली बिल जमा करने को कहते हैं। ऐसा नहीं करने पर बिजली कनेक्शन काटने की धमकी देते हैं। इस चक्कर में कई लोगों ने अपने पैसे गंवा चुके हैं। यदि आपको कभी ऐसा मैसेज आए तो सबसे पहले यह पुष्टि कर लें कि क्या वाकई में आपका कोई बिजली बिल जमा है। ऑनलाइन या पास के बिजली केंद्र में जाकर पता किया जा सकता है। कभी भी किसी अनजान नंबर पर कॉल न करें। इसके अलावा मैसेज के साथ भेजे गए लिंक पर क्लिक न करें। बिल हमेशा अधिकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से या करीबी बिजली घर में जाकर जमा करें।
कूरियर के नाम परकई बड़ी कूरियर कंपनी के नाम पर लोगों को कॉल करके डराया जाता है। कई केस में देखने को मिला है कि साइबर ठग ऐसे मामलों में लोगों को कॉल करके खुद को कूरियर कंपनी का आधिकारी बताते हैं। ऐसे ठग पार्सल में गैरकानूनी सामान का डर दिखाकर लोगों को झांसे में लेकर बैंक अकाउंट खाली कर सकते हैं। हमेशा याद रखें कि यदि आपने कभी कोई कूरियर नहीं मंगाया है तो ऐसी कॉल करने वालों की शिकायत पास के साइबर क्राइम थाने में करें।
बचाव के लिए ये करें– कभी भी किसी अनजान नंबर से आए लिंक या पीडीएफ पर क्लिक न करें।
– अनजान नंबर के वीडियो कॉल को रिसीव न करें।
– ईमेल में आए अटैचमेंट या लिंक को ओपन न करें।
– लालच में न फंसे।
– अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे बैंक डिटेल, सीवीवी, जन्मतिथि, ओटीपी किसी अपरिचित के साथ शेयर न करें।
– आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे सरकारी कागजात को सुरक्षित स्थान पर रखें।
– अपने कार्ड में हमेशा लिमिट चसेट कीजिए।
– हमेशा मजबूत पासवर्ड रखें।
यदि फ्रॉड के शिकार हो गए हैं, तो ये करें
- सबसे पहले स्थानीय पुलिस स्टेशन या साइबर थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराएं।
- साइबर क्राइम की वेबसाइट पर जाकर तुरंत कम्प्लेन करें।
- साइबर क्राइमे से जुड़ी हेल्प लाइन 1930 पर कॉल करें
एक्सपर्ट की रायसेंटर फॉर रिसर्च ऑन साइबर क्राइम एंड साइबर लॉ के चेयरमैन और साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल कहते हैं, “यदि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने के लिए आपसे कहा जाता है, तो सावधान रहने की आवश्यकता है। इसके अलावा यदि किसी भी मैसेज या कॉल के जरिए आपसे पैसे की मांग की जाती है, तो तुरंत पुलिस में शिकायत करें। घबराने की जरूरत नहीं है।”