गड्ढों से भरा रास्ता, दिन भर धूल से वास्ता

 गड्ढों से भरा रास्ता, दिन भर धूल से वास्ता

एजी पुल मार्ग पर स्टार्म वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट के लिए खोदाई तो कर दी, लेकिन सड़क नहीं बनाई। ऐसे में वाहन गुजरते हैं तो धूल उडती है। रस्‍म अदायगी के लिए ठेकेदार ने पानी का छिडकाव कराता है। लेकिन ये नाकाफी साबित होता है।

  1. पुल से निकलने वाले वाहन चालकों को कर रहे बेहाल
  2. काल्पी ब्रिज के पास कचरे में लगाई आग
  3. ड़ा और डीडी नगर में हालत अब भी खराब

 ग्वालियर। बसंत विहार से एजी पुल मार्ग पर स्टार्म वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट के लिए खोदाई तो कर दी, लेकिन सड़क नहीं बनाई। अब नीचे से उठने वाली धूल मिट्टी पुल के ऊपर से गुजरने वाले वाहन चालकों की आंखों में किरकिरी बन रही है। साथ ही नाक के रास्ते यही धूल शरीर में भी पहुंच रही है।

हालांकि ठेकेदार ने बुधवार को औपचारिकता के लिए पानी का छिड़काव तो कराया, लेकिन इसमें भी कंजूसी बरती गई। इससे अब भी सड़क से धूल के गुबार उठ रहे हैं। उधर शहर में जलता कचरा भी प्रदूषण का ग्राफ तेजी से बढ़ा रहा है। काल्पी ब्रिज पर तो कई स्थानों पर एक साथ कचरा जलने से हर तरफ धुआं-धुआं हो गया।

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18 करोड़ की लागत का स्टार्म वाटर प्रोजेक्ट नगर निगम की पीआईयू सेल के अंतर्गत है। ठेकेदार ने फूलबाग चौपाटी से माधव नगर के गेट के आगे तक पाइप लाइन बिछा दी है। अफसर इस काम के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं, इसके बाद ही सड़क निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

धूल-मिट्टी बढ़ा रही प्रदूषण का ग्राफ

केवल बसंत विहार से एजी पुल मार्ग ही नहीं डीडी नगर में भी सड़कों पर उड़ने वाली धूल मिट्टी परेशानी बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार, कलेक्टर रुचिका चौहान भी जब निरीक्षण करने पहुंची थीं तो उनको यहां धूल मिट्टी उड़ती मिली थी। इसके बाद ही यहां साफ सफाई कराने के निर्देश दिए गए थे, क्योंकि प्रदूषण मापने के जो मीटर लगे हैं, यदि उसके आसपास ही यह हालत होगी तो एक्यूआइ तो बढ़ा हुआ ही दिखाई देगा। हालांकि इसमें अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है। गुरुवार को भी डीडी नगर में पीएम 10 का स्तर 302, सिटी सेंटर पर 176 और महाराज बाड़े पर 204 दर्ज हुआ है। वहीं पीएम 2.5 का स्तर डीडी नगर में 128, सिटी सेंटर में 103 और बाड़े पर 130 दर्ज हुआ है।

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काल्पी ब्रिज पर जलाया कचराकाल्पी ब्रिज के नीचे लोगों ने अलग-अलग जगह करीब तीन-चार स्थानों पर कचरे को जमा करके आग लगा दी थी। इससे यहां हर तरफ धुआं उड़ता दिखाई दे रहा था। स्थानीय लोगों ने इसके फोटो भी लिए हैं।

जब काम पूरा हो गया तो सड़क बनाना चाहिए, यहां से रोज निकलने के कारण अब आंखों में पानी आने लगा है। अब तो लगता है कि जब तक सड़क नहीं बनती एक किमी घूमकर ही जाना होगा।

 वाहन चालक।

मैं तो पुल से होते हुए जा रहा था, लेकिन नीचे की धूल मिट्टी ऊपर तक उड़कर आ रही है। इससे तो अच्छा खासा स्वस्थ्य व्यक्ति भी बीमार हो जाएगा।

, वाहन चालक।

इस सड़क पर काफी दिनों बाद आया हूं, लेकिन बहुत बुरी हालत है। मैंने सफेद कपड़े पहने थे, इसलिए इतनी धूल मिट्टी देख पहले ही लौट आया।

 वाहन चालक।

मुझे प्रतिदिन आफिस वर्क से इस मार्ग से गुजरने पड़ता है। यहां उड़ने वाली धूल मिट्टी के कारण घर जाकर रात को ठंड में नहाना पड़ता है, वर्ना आंख और मुंह में मिट्टी जाने से बहुत भारीपन लगता है।

वाहन चालक।

वहां पर लगातार पानी का छिड़काव कराया जा रहा है, लेकिन काम चल रहा है। थोड़ी-बहुत दिक्कत तो होगी। जब तक मिट्टी का जमाव ठीक से नहीं होता, तब तक डामरीकरण नहीं कराया जा सकता।

जेपी पारा, अधीक्षण यंत्री, नगर निगम, ग्वालियर।

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