5 साल में रोड एक्सीडेंट में 7.77 लाख मौतें ?

5 साल में रोड एक्सीडेंट में 7.77 लाख मौतें …
UP सबसे आगे; गडकरी ने कहा था- दुनिया में सड़क हादसों में भारत का रिकॉर्ड सबसे खराब
2018 से 2022 के डेटा के आधार पर रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री ने ‘रोड एक्सीडेंट इन इंडिया, 2022’ रिपोर्ट जारी की है।

देश में 5 साल में सड़क हादसों में 7.77 लाख मौतें हुई हैं। सबसे ज्यादा 1.08 लाख मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं। इसके बाद तमिलनाडु 84 हजार मौत और महाराष्ट्र 66 हजार मौत के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं।

अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से जारी किए गए 2018 से 2022 के डेटा के आधार पर रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री ने ‘रोड एक्सीडेंट इन इंडिया, 2022’ रिपोर्ट जारी की है।

इसके मुताबिक, 2021 में देश में सड़क हादसों में 1,53,972 मौतें हुई थीं, जो 2022 में बढ़कर 1,68,491 हो गईं।

बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 12 दिसंबर को कहा था कि दुनिया में सड़क हादसों को लेकर सबसे खराब रिकॉर्ड हमारा है। जब भी मैं किसी अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में शामिल होने जाता हूं और वहां सड़क हादसों को लेकर बात होती है, तो मैं अपना मुंह छुपाने की कोशिश करता हूं।

 

2022 में देश में 4.61 लाख रोड एक्सीडेंट हुए

रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में देश में कुल 4,61,312 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें से 1,55,781 (33.8%) जानलेवा थे। इन हादसों में 1,68,491 लोगों की मौत हुई और 4,43,366 लोग घायल हुए। 2021 की तुलना में 2022 में कुल सड़क हादसों में 11.9% का इजाफा हुआ, जबकि सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में 9.4% और घायलों की संख्या में 15.3% की बढ़ोतरी हुई।

  

2022 में 33% हादसे नेशनल हाईवे पर हुए

सड़क दुर्घटनाओं और मौतों के आंकड़ों से पता चलता है कि देश के कुल सड़क नेटवर्क का सिर्फ 5% हिस्सा हाईवे है, लेकिन इन पर 55% से ज्यादा हादसे होते हैं, जिनमें कुल मौतों में से 60% से ज्यादा मौतें होती हैं। 2022 में, कुल दुर्घटनाओं का 32.9% और कुल मौतों का 36.2% नेशनल हाईवे पर हुईं।

 

गडकरी ने कहा था- सड़क हादसे कम करने का लक्ष्य था, ये और बढ़ गए

लोकसभा में सड़क हादसों पर चर्चा के दौरान गडकरी ने कहा था कि स्वीडन रोड एक्सीडेंट को जीरो पर ले आया है और भी बहुत से देशों ने इसे कम किया है।

मैं बहुत ट्रांसपेरेंट हूं इसलिए बता रहा हूं कि जब मैंने सड़क परिवहन मंत्रालय का जिम्मा संभाला था, तो मैंने 2024 तक सड़क हादसों और इससे होने वाले मौतों को 50% कम करने का लक्ष्य रखा था।

एक्सीडेंट कम करना तो भूल जाइए, मुझे तो ये स्वीकार करने में भी कोई शर्म नहीं है कि ये बढ़ गए हैं। इसलिए किसी भी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में सड़क हादसों पर चर्चा होने पर मैं मुंह छिपाने की कोशिश करता हूं।

गडकरी बोले- मुझे दुर्घटनाओं का अनुभव है

प्रश्नकाल के दौरान सवाल का जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में हालात तब बदलेंगे, जब इंसानी व्यवहार और समाज में बदलाव आएगा और कानून के प्रति सम्मान होगा। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि कुछ साल पहले उनके और उनके परिवार का एक बड़ा सड़क हादसा हुआ था, जिसमें उन्हें लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘भगवान की कृपा से मैं और मेरा परिवार बच गए। मुझे दुर्घटनाओं का व्यक्तिगत अनुभव है।​​​​’

संसद में प्रश्नकाल के दौरान सड़क हादसों पर सवालों का जवाब देते केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी।
संसद में प्रश्नकाल के दौरान सड़क हादसों पर सवालों का जवाब देते केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी।

सड़क पर ट्रकों की पार्किंग से बढ़ते हैं हादसे

गडकरी ने कहा कि सड़कों पर ट्रकों की पार्किंग दुर्घटनाओं का बड़ा कारण है और कई ट्रक लेन अनुशासन का पालन नहीं करते। गडकरी ने बताया कि उन्होंने भारत में बस की बॉडी के निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि बस की खिड़की के पास एक हथौड़ा होना चाहिए, जिससे दुर्घटना की स्थिति में खिड़की को आसानी से तोड़ा जा सके।

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