ग्वालियर : 10 साल में बदले 639 सुरक्षाकर्मी ?

10 साल में बदले 639 सुरक्षाकर्मी:व्यापमं व्हिसल ब्लोअर आशीष की सुरक्षा पर बवाल

आशीष की सुरक्षा में 639 सुरक्षा कर्मियों को बदला गया है। बुधवार रात को आशीष घर से गायब हो गए। उनके पिता ने झांसी रोड थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। गुरुवार की शाम आशीष के परिजन ने कंट्रोल रूम पर फोन कर वापस आने की सूचना दर्ज कराई। गुमशुदगी में अभी आशीष के बयान नहीं हुए हैं।

ग्वालियर में फर्जी डॉक्टरों को लेकर व्यापमं घोटाले का खुलासा कर चर्चा में आए आशीष चतुर्वेदी को 2014 में राज्य सुरक्षा समिति की अनुशंसा पर सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी। यह सुरक्षा 10 साल से जारी है, लेकिन सुरक्षा को लेकर बवाल कई बार उठा है।

कई बार आशीष ने सुरक्षा गाडों की शिकायत कर उन्हें बदलवाया है। एक्टिविस्ट की सुरक्षा में पूर्व में तैनात रहे आरक्षक देवेंद्र सिंह ने विगत सप्ताह जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी। देवेंद्र के पुत्र व पुत्री ने गिरवाई थाने में आशीष की शिकायत की थी।

21 सुरक्षाकर्मी कर चुके आशीष की शिकायत….

आशीष की सुरक्षा में तैनात रह चुके 21 सुरक्षा कर्मियों ने उन पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए खुद को उनकी सुरक्षा की ड्यूटी से हटाने का आवेदन रक्षित निरीक्षक को दिया। इसके बाद सुरक्षा कर्मी बदले गए। थाना प्रभारी सुरेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि देवेंद्र की बेटी नेहा व पुत्र अमन ने मौखिक शिकायत की है और कहा कि पिता ऐसे खुदकुशी नहीं कर सकते। अभी बयान दर्ज नहीं किए हैं। आरआई रंजीत सिंह ने बताया कि आशीष द्वारा शिकायत किए जाने पर 4 जनवरी को देवेंद्र को उनके यहां ड्यूटी से हटाया गया था।

इन्होंने की शिकायत्त

पृथ्वीराज गीणा, धर्मेंद्र सिंह, अमन चौधरी, हरिशचंद्र सिंह, जितेंद्र सिंह, अंसार अली, जयेंद्र सिंह, रवि थापा, इदरीश, बदन सिंह, भारत सिंह, प्रहलाद दास, सियाराम शर्मा, रिषभ दीक्षित, शैलेंद्र कुमार, रविंद्र सिंह, राजेंद्र शर्मा, राकेश राज, हरिओम शर्मा, लोकेंद्र सिंह, जितेंद्र सिंह भदौरिया लिखित में आशीष पर अभद्रता का आरोप लगा चुके हैं।

पूर्व में भी सुरक्षाकर्मियों ने शिकायत की हैं, जांच कर रहे

एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए पीएसओ ने शिकायत की थी, जिसकी जांच की जा रही है। पूर्व में भी सुरक्षाकर्मी शिकायत करते रहे हैं। एक्टिविस्ट की सुरक्षा में अब तक 639 सुरक्षा कर्मियों को बदला गया है। – रंजीत सिंह सिकरवार, रक्षित निरीक्षक

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