संविधान निर्माण में ब्राह्मणों का अहम योगदान’ !

Constitution: ‘संविधान निर्माण में ब्राह्मणों का अहम योगदान’, जस्टिस दीक्षित बोले-मसौदा समिति में थे तीन सदस्य

जस्टिस दीक्षित ने कहा कि संविधान की मसौदा समिति के सात सदस्यों में से तीन अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, एन गोपालस्वामी अयंगर और बीएन राव ब्राह्मण थे। ब्राह्मणों पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि इस शब्द को जाति के बजाय वर्ण से जोड़ा जाना चाहिए। 
Karnataka HC judge Krishna S Dixit says Brahmins important role in Constitution making
संविधान …
कर्नाटक हाईकोर्ट के जज कृष्ण एस दीक्षित ने संविधान निर्माता डॉ बीआर आंबेडकर के एक कथन का हवाला देते हुए संविधान निर्माण में ब्राह्मणों के योगदान का उल्लेख किया।
जस्टिस दीक्षित ने अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा की स्वर्ण जयंती समारोह में कहा, डॉ. आंबेडकर ने एक बार भंडारकर इंस्टीट्यूट में कहा था कि यदि बीएन राव ने संविधान का मसौदा तैयार नहीं किया होता तो इसे तैयार होने में 25 साल और लग जाते। जस्टिस दीक्षित ने कहा कि संविधान की मसौदा समिति के सात सदस्यों में से तीन अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, एन गोपालस्वामी अयंगर और बीएन राव ब्राह्मण थे। ब्राह्मणों पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि इस शब्द को जाति के बजाय वर्ण से जोड़ा जाना चाहिए। वेदों का वर्गीकरण करने वाले वेदव्यास मछुआरे के पुत्र थे और रामायण लिखने वाले महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जाति-जनजाति से थे। उन्होंने कहा, क्या हमने उन्हें नीची नजर से देखा है? हम सदियों से भगवान राम की पूजा करते आए हैं और उनके मूल्यों को संविधान में सम्मलित किया गया है। 

समुदाय को एकजुट करने के लिए ऐसे आयोजन जरूरी : जस्टिस श्रीशानंद
जस्टिस वी. श्रीशानंद ने कहा, कई लोग प्रश्न करते हैं कि ऐसे वक्त में जब लोग भोजन और शिक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तब ऐसे बड़े आयोजनों की क्या जरूरत है। लेकिन ये आयोजन समुदाय को एक साथ लाने और उससे जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आवश्यक हैं। ऐसे आयोजन क्यों नहीं किए जाने चाहिए?

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