खिलौना उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनेगा भारत, बढ़ेगा निर्यात

बजट 2025 से चीन को चुनौती: खिलौना उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनेगा भारत, बढ़ेगा निर्यात

खिलौना उद्योग के लिए केंद्र सरकार 21 विशिष्ट कार्य बिंदुओं पर कार्य कर रही है। इसके तहत खिलौना उत्पादन के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार की जा रही है।

Budget 2025 to pose challenges before China India will become global hub of toy production boost in exports
सांकेतिक तस्वीर …

चीन को चुनौती देने के लिए ‘नेशनल एक्शन प्लान’ के तहत भारत को वैश्विक खिलौना उत्पादन केंद्र बनाया जाएगा। नई योजना ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड का प्रतिनिधित्व करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले, नए और टिकाऊ खिलौने का उत्पादन करेगा। इससे न सिर्फ आयात की निर्भरता घटेगी बल्कि आयात भी बढ़ेगा। बता दें कि भारत का चीन से खिलौनों का आयात  वित्त वर्ष 2013 में करीब 1855 करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2024 में करीब 355 करोड़ रुपये रह गया।

    • इससे भारत के खिलौना आयात में चीन की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2013 में 94 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2024 में 64 प्रतिशत रह गई। यह परिवर्तन अंतरराष्ट्रीय खिलौना बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाता है।

21 बिंदुओं पर हो रहा काम
खिलौना उद्योग के लिए केंद्र सरकार 21 विशिष्ट कार्य बिंदुओं पर कार्य कर रही है। इसके तहत खिलौना उत्पादन के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत खिलौनों पर मूल सीमा शुल्क में वृद्धि, घटिया आयातों पर अंकुश, प्रत्येक आयात खेप का नमूना परीक्षण, खिलौनों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी करना और क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से समर्थन शामिल है।

भारत में 16,000 करोड़ रुपये का खिलौना बाजार

    • 10 साल में खिलौना विनिर्माण इकाई दोगुनी हुई
    • 94% तक खिलौनों का आयात करता था भारत साल 2013 में
    • 2025 में विश्व में खिलौना बाजार के 35 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना
    • 20 % किया गया बुनियादी सीमा शुल्क ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले (आईएफपीडी) पर। पहले यह 10 प्रतिशत ही था
  • 16 उपाय सुझाए गए हैं टियर-२ शहरों में बुनियादी ढांचे की उपलब्धता को बढ़ाने और उद्योगों के साथ सहयोग करने के लिए

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