Gurugram में 5000 मकान होंगे सील ?

हरियाणा के नया गुरुग्राम में 5000 हजार मकान व शोरूम सील किए जाएंगे। कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई डीएलएफ फेज एक से पांच के बीच की जाएगी। अदालत ने दो महीने के भीतर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस आदेश से लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। लोगों को डर है कि अब उनके लग्जरी घर व शोरूम मिट्टी में मिल जाएंगे।

Hero Image
नया गुरुग्राम में 5000 हजार मकानों को सील किया जाएगा…
  1. डीएलएफ फेज एक से पांच के बीच 5000 से अधिक मकानों पर होगी सीलिंग।
  2. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने दो माह के भीतर कार्रवाई के दिए आदेश।
  3. स्थानीय अदालत भी लंबित मामलों में सुनवाई का मौका देकर 2 माह के भीतर करे निपटान।
नया गुरुग्राम। नया गुरुग्राम में डीएलएफ फेज एक से पांच के बीच 5000 से अधिक मकानों पर सीलिंग की तलवार लटक गई है। डीएलएफ फेज एक से पांच के बीच मकानों में अवैध निर्माण और संचालित व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर एक याचिका में सुरक्षित रखे फैसले को बृहस्पतिवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की तरफ से सख्त लहजे में सुनाया गया है।
इस मामले में न्यायमूर्ति सुरेशवर ठाकुर और विकास सूरी ने दो माह के भीतर सभी मकानों पर कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं और 19 अप्रैल को उच्च न्यायालय में एक्शन टेकन रिपोर्ट को लेकर हलफनामा दायर करने के भी आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के बाद डीएलएफ इलाके में हड़kप मचा हुआ है।
लग्जरी शोरूम व घरों पर लटकी तलवार
डीएलएफ की मुख्य सड़कों जिसमें गोल्फ कोर्स रोड, एमजी रोड समेत डीएलएफ फेज एक से पांच की इंटरनल सड़कों पर स्थित रिहायशी मकानों में अवैध निर्माण कर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इन मकानों में बड़े-बड़े शोरूम से लेकर गाड़ियों तक के शोरूम खुल गए हैं। अब इन पर सीलिंग की तलवार लटक गई है।

(डीएलएफ फेज टू में अवैध निर्माण के चलते रिहायशी मकानों के बाहर चस्पा किए गए नोटिस। जागरण फोटो)

डीएलएफ फेज तीन, चार और पांच में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 3000 से अधिक मकानों को भी बड़ा झटका लगा है। इन मकानों में जमकर अवैध निर्माण किया गया है। स्टिल्ट पार्किंग के साथ छह से आठ मंजिल तक का निर्माण कर लिया है, जिसकी वजह से बिजली, पानी, सीवर का इंफ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। ऐसे में अब इन मकानों पर भी सीलिंग की तलवार चलेगी।
दो माह में मामलों का करना होगा निपटारा
उच्च न्यायालय ने मामले में प्रदेश सरकार के वकील की दलीलों को ध्यान में रखते हुए सिविल कोर्ट में चल रहे सभी मामलों में एक सुनवाई का मौका देते हुए दो माह के भीतर निपटान करने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही आगे भी ऐसे मामलों में हस्तक्षेप न करने के आदेश दिए हैं।
(गोल्फ कोर्स रोड स्थित डीएलएफ फेस एक के रिहायशी प्लाट पर बनी व्यावसायिक इमारत। जागरण फोटो)


हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट एक्ट की धारा 15 के तहत डीटीपीई की कार्रवाई में सुनवाई करने या कोई भी राहत देने का सिविल कोर्ट का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है।
डीएलएफ सिटी आरडब्ल्यूए ने दायर की थी याचिका
डीएलएफ सिटी रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से साल 2021 में उच्च न्यायालय में डीएलएफ फेज एक से पांच के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध निर्माणों को लेकर जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि अवैध रूप से निर्मित बहुमंजिला इमारतों को गिराया जाए, गैरकानूनी रूप से जारी किए गए आक्युपेशन सर्टिफिकेट रद किए जाएं और संबंधित भवन मालिकों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएं।
इमारतें वैद्य होने के नियमों से बाहर

डीटीपीई की तरफ से कोर्ट में दी गई रिपोर्ट के हिसाब से इन निर्माणों को वैध बनाने की कोई संभावना नहीं है क्योंकि ये जोनिंग नियमों और हरियाणा भवन कोड 2017 का उल्लंघन करते हैं। ऐसे में अब इन इमारतों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।

कॉलोनी का नाम अवैध निर्माण व्यावसायिक इस्तेमाल
डीएलएफ फेज एक 170 106
डीएलएफ फेज दो 352 78
डीएलएफ फेज तीन 438 99
डीएलएफ फेज चार 77 54
डीएलएफ फेज पांच 18 03
कुल 1055 340

डीएलएफ फेज एक से पांच के बीच करीब 2693 ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मकान है, जिनमें अवैध निर्माण और अन्य नियमों का उल्लंघन किया गया है। कोर्ट में जमा की गई रिपोर्ट के बाद भी विभाग की तरफ से किए गए एडिशनल सर्वे में नियमों के उल्लंघन वाले मकानों की संख्या ओर बढ़ गई है जिसके हिसाब से विभाग की तरफ से नोटिस दिए जा रहे हैं।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश प्राप्त हो गए हैं। विभाग की तरफ से आदेश का अध्ययन किया जा रहा है। कोर्ट के दिशा-निर्देश अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। – अमित मधोलिया, डीटीपीई, टाउन प्लानिंग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *