ग्वालियर में स्वच्छ सर्वेक्षण की हकीकत ?
दो दिन बाद देश में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 का सर्वे शुरू होने जा रहा है। पहली बार ग्वालियर नगर निगम को 10 लाख की आबादी से ज्यादा वाले नगर निगमों में सिर्फ 46 निगमों से मुकाबला करना होगा। इस सूची में ग्वालियर निगम को शामिल कर 47 निगम होंगे। नई टूल किट हाल में केंद्रीय शहरी आवास मंत्रालय ने जारी की है।
उसके मापदंडों के मुताबिक अभी बहुत काम करने की जरूरत है। पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, कलेक्टर रुचिका चौहान, आयुक्त संघ प्रिय की स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर बैठक हो चुकी है। तब भी हालात सुधरने के नाम नहीं है। सड़कों पर सीवर फैल रहा है। सड़कें खुदी पड़ी हैं, उनमें पेच रिपेयर तक नहीं हो रहा है।
सूखा-गीला कचरा अलग-अलग जिम्मेदार अमला शहरवासियों से नहीं करा पा रहा है। निगम अफसरों को चिंता सरकारी और निजी स्कूलों में स्वच्छता और शौचालय की सता रही है। क्योंकि जिन 79 स्कूलों को निगम ने चुना है। वहां भी बुनियादी सुविधा तक नहीं है।
नई टूल किट में 12500 अंक की परीक्षा होने जा रही है। अभी तक दो फेस ही पूरे हुए है। अब तीसरे और चौथे फेस का सर्वे होना है। ये सर्वे मार्च के महीने में कभी-भी हो सकता है। वक्त कम और काम ज्यादा है। तब भी बैठकों से निकल रहे निर्देश मैदानों में दिखाई नहीं दे रहे है।
अग्नि परीक्षा… ये करना है जरूरी
1. रोड में गड्ढे, पेच रिपेयर नहीं फूलबाग चौराहे से पड़ाव चौराहे तक की सड़क खुदी पड़ी है। शिंदे की छावनी पर गड्ढे हैं। ऐसी ही स्थिति बेटी बचाओ तिराहा से गुढा-गुढी का नाका, पदमा स्कूल तिराहे से हनुमान टॉकीज तिराहे तक की सड़क की है। 2.सड़कों से धूल ही धूल निगम ने लाखों रुपए खर्च कर सड़कों की डस्ट साफ करने के लिए मशीनें खरीदी थी, लेकिन इसके बाद भी सिटी सेंटर पुल, झांसी रोड, सचिन तेंदुलकर मार्ग आदि सड़कों के किनारे और फुटपाथों पर धूल ही धूल पड़ी है। 3. वाटर बॉडी की सफाई के लिए निगम पर मशीन नहीं: निगम ने सर्वे के लिए कटोराताल, बैजाताल और लक्ष्मण तलैया वाटर बॉडी को शामिल किया गया है। बैजाताल में अभी काम चल रहा है। ये सर्वे में दिक्कत कर सकता है। वाटर बॉडी की गंदगी को साफ करने के लिए मशीनें चाहिए। वे नहीं है। 4. सड़कों पर बहता सीवर: सर्वे में सीवर ओवर फ्लो नहीं होना चाहिए। जबकि शहर में ऐसे हालात हैं कि मोती तबेला में 10 दिन से सीवर लाइन चोक होने से पानी सड़क पर फैल रहा है। इससे सड़क भी खराब हो चुकी है। 5. सेनेट्री पेड मशीन जरूरी निगम ने 79 स्कूल का चयन किया है। इन सभी में छात्राओं के शौचालय अलग होना चाहिए। उसमें सेनेट्री पेड मशीन होना जरूरी है। शौचालयों में बुनियादी सुविधा जरूरी है।

समय रहते सुधार नहीं किया तो मिलेंगे कम अंक
- स्कूल में स्वच्छता और शौचालयों में बुनियादी सुविधा: 250 अंक
- दो स्वच्छता लक्षित इकाई, जहां कचरा नहीं होना चाहिए:100 अंक
- कचरा सेग्रीगेशन 100%- 400 अंक
- 76 सामुदायिक शौचालय में बुनियादी सुविधा: 750 अंक
- सड़कों में सुधार- 100 अंक
कसावट तेज कर दी है, अब लापरवाहों पर एक्शन लूंगा मैंने गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण को ध्यान में रखकर बैठक ली। उनका पूरा ध्यान रहा कि 12500 नंबर की परीक्षा में हमें एक-एक नंबर कैसे मिलेगा। अभी मेरी प्राथमिकता स्वच्छता सर्वेक्षण के सर्वे की है। एक-एक नंबर पाने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है और करेंगे भी। यदि निगम के जिम्मेदार अधिकारी एचओ से लेकर ऊपर तक कहीं लापरवाह दिखते हैं तो सख्त एक्शन लूंगा। -संघ प्रिय, आयुक्त ननि