MP कैडर के 18 IAS अफसरों को करनी होगी ट्रेनिंग !

MP कैडर के 18 IAS अफसरों को करनी होगी ट्रेनिंग
केंद्र में पदस्थ 11 और एमपी में काम कर रहे सात अफसरों को मिड करियर ट्रेनिंग जरूरी

एमपी कैडर के 18 अधिकारियों को केंद्र सरकार ने मिड करियर ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होने के निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के इन अधिकारियों में से सात अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं, जबकि बाकी एमपी में ही पदस्थ हैं।

मिड करियर ट्रेनिंग का यह प्रोग्राम 7 अप्रैल से 25 अप्रैल तक चलेगा। मिड करियर ट्रेनिंग पूरी करना अनिवार्य किया गया है क्योंकि यह आईएएस अफसरों को जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड, सुपर टाइम स्केल और 28 साल की सेवा के बाद मिलने वाली वेतन वृद्धि के लिए मेंडेटरी है।

डीओपीटी (केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय) के सचिव पी.के. मिश्रा ने इस संबंध में एमपी के चीफ सेक्रेटरी समेत अन्य राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि जनवरी 2007 से शुरू हुए मिड करियर ट्रेनिंग प्रोग्राम की अनिवार्यता के बावजूद कई राज्यों में इसका पालन नहीं हो रहा है।

इसके लिए हर अधिकारी को तीन अवसर दिए जाते हैं। कैडर कंट्रोल अथॉरिटी द्वारा बिना ट्रेनिंग के ही कई अधिकारियों को वेतन में वृद्धि का लाभ दिया गया है, जो आईएएस सर्विस पे रूल्स 2007 के अनुसार सही नहीं है।

जाइंट सेक्रेटरी छवि भारद्वाज ने जारी की सूची

एमपी कैडर की अधिकारी और केंद्र में जाइंट सेक्रेटरी छवि भारद्वाज ने इस ट्रेनिंग को लेकर लिखे पत्र में कहा है कि मिड करियर ट्रेनिंग के फेज-पांच का 16वां दौर 7 अप्रैल से 25 अप्रैल 2025 तक होगा। इसके लिए 1998 बैच के अफसरों को पहला अवसर, 1997 बैच के अफसरों को दूसरा अवसर और 1993, 1994, 1995, 1996 बैच के अफसरों को तीसरा और अंतिम अवसर मिलेगा।

भारद्वाज के अनुसार, जिन अधिकारियों के पास रिटायरमेंट में तीन महीने से कम का समय है, उन्हें ट्रेनिंग में शामिल नहीं किया जाएगा। इस ट्रेनिंग में दिसंबर 2028 से पहले रिटायर होने वाले अफसरों को शामिल नहीं किया जा रहा है।

जिन अफसरों के नाम सिलेक्ट हुए हैं, उनके नॉमिनेशन की प्रक्रिया 15 मार्च तक पूरी करने के लिए कहा गया है। इसके बाद, 25 मार्च तक संबंधित अधिकारी को रिपोर्ट देनी होगी कि वह ट्रेनिंग के लिए 6 अप्रैल तक मसूरी पहुंच जाएगा।

देश भर के कुल 245 आईएएस अफसर इस ट्रेनिंग शेड्यूल में शामिल किए गए हैं।

ट्रेनिंग के लिए एमपी के इन अधिकारियों को बुलाया

  • मनोज गोविल (1991)
  • पंकज अग्रवाल (1992)
  • दीप्ति गौड़ मुखर्जी (1993)
  • रश्मि अरुण शमी (1994)
  • विवेक अग्रवाल (1994)
  • पल्लवी जैन गोविल (1994)
  • संजय कुमार शुक्ला (1994)
  • हरिरंजन राव (1994)
  • मनीष रस्तोगी (1994)
  • अमित राठौर (1996)
  • फैज अहमद किदवई (1996)
  • नीतेश कुमार व्यास (1996)
  • संजीव कुमार झा (1996)
  • मनीष सिंह (1997)
  • सुखवीर सिंह (1997)
  • आकाश त्रिपाठी (1998)
  • मुकेश चंद्र गुप्ता (1998)
  • निकुंज श्रीवास्तव (1998)

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