प्रेमविवाह से आहत पिता ने खुद को गोली मारी !
झांसी रोड पर दवा व्यवसायी ने बेटी के प्रेम विवाह और कोर्ट के फैसले से आहत होकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में बेटी को जिम्मेदार ठहराया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
- बेटी हर्षिता ने आनंद से प्रेम विवाह किया।
- कोर्ट ने हर्षिता को पति के साथ भेजा।
- सुसाइड नोट में संविधान को दोषी ठहराया।
ग्वालियर। झांसी रोड इलाके में बीजासेन माता मंदिर के पास रहने वाले दवा व्यवसायी ऋषिराज जायसवाल (52) ने लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। बेटी हर्षिता ने पड़ोसी युवक आनंद प्रजापति के साथ घर से भागकर प्रेम विवाह कर लिया था।
उसे दस्तयाब किए जाने के बाद कोर्ट ने भी बेटी को ससुराल भेजने के निर्देश दिए थे। इससे आहत होकर उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं उसके (आनंद के) पूरे परिवार को मार सकता हूं, लेकिन अपनी बेटी को कैसे मारूं। भारत का संविधान गलत है, जो लड़कियों के बालिग होने पर पिता से उसके सारे अधिकार छीन लेता है।
बताया जाता है कि जबसे बेटी गई थी, तब से ऋषिराज रातभर सो नहीं पाते थे। खाना भी छोड़ दिया था। बुधवार रात को कमरे में चले गए थे। परिजन को लगा कि वह सो गए। रात करीब तीन बजे अलमारी में रखी बंदूक से कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली लगते ही माथे के ऊपर का पूरा हिस्सा ही उड़ गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो उसमें एक पेज का सुसाइड नोट मिला।
दोनों को मार भी सकता था, लेकिन बेटी को कैसे मारूं
- मैं उन दोनों (आनंद और हर्षिता) को मार सकता हूं, लेकिन मैं अपनी लड़की को कैसे मारूं। भारत का संविधान गलत है, जो लड़कियों के बालिग होने पर पिता से उसके सारे अधिकार छीन लेता है। वो वकील जो कुछ पैसे के लिए एक परिवार की बलि तक चढ़ा देते हैं। उनकी भी तो बेटियां होती हैं। वे कुछ नहीं सोचते, एक पिता का दर्द।
- एक पूरा परिवार नष्ट हो गया। समाज में कुछ नहीं बचता उसका। रेणु (पत्नी) पूर्वक (बेटा) का ख्याल रखना और अपना भी। हर्षिता गलत किया बेटा। उसके (आनंद) परिवार को मार सकता हूं, लेकिन पूर्वक और अपनी पत्नी रेणु की खातिर नहीं मार पा रहा हूं। मेरी मौत के जिम्मेदार सिर्फ आनंद और हर्षिता हैं।
(जैसा कि सुसाइड नोट में लिखा)
आनंद ने लगाई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका
- ऋषिराज को कुछ दिन पहले ही पता लग गया था कि बेटी हर्षिता पड़ोसी आनंद प्रजापति से बात करती है। उसे रोका तो दोनों घर से भाग गए। परिजन ने झांसी रोड थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने हर्षिता का दस्तयाब कर परिजन के सुपुर्द कर दिया।
- आनंद ने कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई, जिसमें उसने हर्षिता को पत्नी बताते हुए आवेदन लगाया कि मायके वाले उसके पास नहीं आने दे रहे। मंगलवार को मामले में कोर्ट में हर्षिता ने आनंद को पति बताते हुए कहा कि वह उसी के साथ जाना चाहती है।
- हर्षिता के बयान के बाद कोर्ट ने उसे उसके पति के साथ जाने का आदेश दिया। तभी से ऋषिराज घर पर खूब रोए थे। घटना के बाद आनंद के पिता के साथ ऋषिराज के परिवारवालों ने मारपीट की। पुलिस और पड़ोसियों ने हस्तक्षेप कर बचाया।