जजों की संपत्ति पर सन्नाटा …13% हाईकोर्ट जजों ने की संपत्ति सार्वजनिक ?
जजों की संपत्ति पर सन्नाटा, Supreme Court के फैसले पर 13% हाईकोर्ट जजों ने की संपत्ति सार्वजनिक
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर नकदी मिलने के प्रकरण के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजाें की संपत्ति सार्वजनिक करने का फैसला किया है लेकिन देश के 24 हाईकोर्ट के कुल 762 कार्यरत जजों में से 6 हाईकोर्ट के केवल 95 (12.46 फीसदी) जजों ने अपनी संपत्ति वैबसाइट पर सार्वजनिक की है
Supreme Court on High Courts: सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजाें की संपत्ति सार्वजनिक करने का फैसला किया है लेकिन देश के 24 हाईकोर्ट के कुल 762 कार्यरत जजों में से 6 हाईकोर्ट के केवल 95 (12.46 फीसदी) जजों ने अपनी संपत्ति वैबसाइट पर सार्वजनिक की है।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर नकदी मिलने के प्रकरण के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजाें की संपत्ति सार्वजनिक करने का फैसला किया है लेकिन देश के 24 हाईकोर्ट के कुल 762 कार्यरत जजों में से 6 हाईकोर्ट के केवल 95 (12.46 फीसदी) जजों ने अपनी संपत्ति वैबसाइट पर सार्वजनिक की है। राजस्थान और मध्यप्रदेश सहित 18 हाईकोर्टाें के एक भी जज की संपत्ति सार्वजनिक नहीं की गई है। हाईकोर्टाें की वैबसाइटों का अवलोकन करने पर यह तस्वीर उभरी है। सुप्रीम कोर्ट की एक अप्रेल को हुई फुल कोर्ट की बैठक में संपत्ति सार्वजनिक करने के निर्णय के बाद केरल हाईकोर्ट के 44 में से 41 जजों ने वैबसाइट पर संपत्ति का खुलासा कर दिया है।
इन हाईकोर्टों के जजों की संपत्ति सार्वजनिक
हाईकोर्ट | कुल जज | संपत्ति सार्वजनिक |
केरल | 44 | 41 |
पंजाब-हरियाणा | 53 | 30 |
हिमाचल | 12 | 11 |
दिल्ली | 36 | 7 |
मद्रास | 65 | 5 |
छत्तीसगढ़ | 16 | 1 |
30 सुप्रीम कोर्ट जजों ने किया खुलासा
सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के 33 में से 30 जजों ने चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को अपनी संपत्ति का खुलासा कर दिया है। तकनीकी समस्याओं और फाॅर्मेट के कारण फिलहाल सुप्रीम कोर्ट जजों की संपत्ति वैबसाइट पर सार्वजनिक नहीं हुई है।
कानूनन जरूरी नहीं
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जजों के वेतन एवं सेवा शर्ताें संबंधी कानूनों में उनके संपत्ति घोषित करने संबंधी कोई प्रावधान नहीं हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के प्रस्तावों और जजों की आचार संहिता के बारे में 1997 में जारी ‘री-स्टेटमेंट ऑफ वेल्यूज ऑफ ज्यूडीशियल लाइफ’ में इसे स्वैच्छिक बनाया गया है।
संसदीय समिति की है सिफारिश
लोक शिकायत तथा विधि एवं न्याय संबंधी संसद की स्थायी समिति ने अगस्त 2023 में कहा था कि न्यायाधीशों को अपनी संपत्ति और देनदारियों का खुलासा करना होगा। समिति ने कहा कि जनता को सांसदों या विधायकों के रूप में चुनाव लड़ने वालों की संपत्ति जानने का अधिकार है तो यह जजों को इसकी आवश्यकता नहीं होने का तर्क गलत है।