वीडियो विज्ञापन बैन और होर्डिंग का साइज भी फिक्स… एक्शन मोड में BMC
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मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने पूरे शहर में अधिकृत होर्डिंग्स पर अपनी निगरानी कड़ी कर दी है. खासकर मानसून से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ताकि दोबारा ऐसा हादसा न हो. बीएमसी ने नई नीति के तहत कार्रवाई शुरू की है, जिसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं. होर्डिंग के आकार से लेकर बीमा तक की नीति बनाई गई है.

मुंबई के घाटकोपर में पिछले साल अवैध होर्डिंग गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने अब पूरे शहर में अधिकृत होर्डिंग्स पर अपनी निगरानी कड़ी कर दी है. खासकर मानसून से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ताकि दोबारा ऐसा हादसा न हो. बीएमसी ने नई नीति के तहत कार्रवाई शुरू की है, जिसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं. होर्डिंग के आकार से लेकर बीमा तक की नीति बनाई गई है.
बीएमसी ने सितंबर 2024 से अब तक शहरभर से 1,963 अवैध विज्ञापन, पोस्टर, बैनर और झंडे हटाए, जिनमें 576 राजनीतिक और 473 धार्मिक होर्डिंग्स शामिल हैं. अकेले आज़ाद मैदान क्षेत्र से 750 से अधिक हटाए गए है.मुंबई में फिलहाल 1,025 वैध होर्डिंग्स हैं, इनमें 573 बिना लाइट, 382 लाइट वाले और 70 डिजिटल LED होर्डिंग्स हैं, जिनसे BMC को हर साल करीब ₹100 करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है.
वहीं नई होर्डिंग नीति 2024, अगस्त से लागू हुई है, जो 2008 की पुरानी नीति को हटाकर लाई गई है. इसका लक्ष्य है शहर की सौंदर्यता और नागरिकों की सुरक्षा बनाए रखना.अब सभी वैध होर्डिंग्स के लिए स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है और बिना सर्टिफिकेट वाले लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे.
डिजिटल होर्डिंग्स पर नए नियम –
- वीडियो विज्ञापन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे.
- केवल 8 सेकंड तक स्थिर चित्र ही दिखाए जा सकते हैं.
- रात 11 बजे के बाद सभी डिजिटल होर्डिंग्स बंद करनी होंगी, ताकि प्रकाश प्रदूषण न हो.
नई होर्डिंग नीति के तहत
- किसी भी होर्डिंग का अधिकतम आकार 40×40 फीट होगा.
- ट्रैफिक सिग्नल से 25 मीटर और राष्ट्रीय महत्व की मूर्तियों से 50 मीटर के भीतर होर्डिंग नहीं लगाई जा सकती.
- हर होर्डिंग एजेंसी को ₹5 लाख से ₹1 करोड़ तक का बीमा कराना होगा.
- हर 3 महीने में लाइसेंस रिन्यू कराना अनिवार्य किया गया है.दुर्घटना होने पर पूरी जिम्मेदारी होर्डिंग एजेंसी की होगी.
- बीएमसी ने सभी जोन को निर्देश दिए हैं कि हर होर्डिंग की संरचनात्मक समीक्षा की जाए और परमिट प्रक्रिया को पारदर्शी व डिजिटल किया जाए.