ओंकारेश्वर में 2195 करोड़ से बनेगा अद्वैत लोक !
ओंकारेश्वर में अद्वैत लोक के निर्माण के लिए मोहन यादव सरकार ने बजट स्वीकृत कर दिया है। मंगलवार को इंदौर में हुई कैबिनेट मीटिंग में 2195 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है। अद्वैत लोक का निर्माण आदिगुरू शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा के परिसर में होगा।
खास बात यह है कि डेढ़ साल पहले विधानसभा चुनाव 2023 की आचार संहिता लगने से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रतिमा अनावरण के साथ इस अद्वैत लोक के निर्माण के लिए भूमिपूजन भी कर दिया था।
अद्वैत लोक का निर्माण दो चरणों में प्रस्तावित था। पहले चरण में 108 फीट ऊंची आदिगुरू शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित हो चुकी है। वहीं दूसरे चरण में आचार्य शंकर के जीवन और दर्शन पर केंद्रित अद्वैत लोक संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा। इंदौर में आयोजित कैबिनेट बैठक में अद्वैत लोक संग्रहालय के निर्माण के लिए दो हजार 2195 करोड़ रूपए की स्वीकृति मिली है।
अद्वैत लोक के प्रमुख आकर्षण
आचार्य के जीवन पर आधारित 7 डायोरमा, अद्वैत परंपरा को प्रदर्शित करते हुए अद्वैत नौका विहार, सृष्टि की उत्पत्ति, लय एवं विलय को दर्शाने के लिए आधुनिक 3डी डोम प्रोजेक्शन गैलरी, आचार्य के जीवन पर आधारित फिल्म एवं फिल्म के प्रदर्शन के लिए 500 की क्षमता का हाई स्क्रीन थिएटर होगा।
आचार्य के योगदान एवं कृतियों को प्रदर्शित करती हुई वीथिकाएं, सनातन परंपरा को प्रदर्शित वीथिकाएं, शक्ति गैलरी, सन्यास गैलरी, ध्यान केंद्र, कला वीथिका, अन्नपूर्णा, कलाग्राम आदि हैं। अद्वैत लोक संग्रहालय में आचार्य शंकर के जीवन और दर्शन को विभिन्न आधुनिक और नवीन तरीकों से प्रस्तुत किया जाएगा। संग्रहालय में पारंपरिक भारतीय कला और वास्तुकला की विशेषता देखने को मिलेगी।
पंचायतन मंदिर, निदिध्यासन केंद्र ध्यान केंद्र
खास शैली में निर्मित इस मंदिर में पांच देवताओं की पूजा की जाएगी। वे हैं शिव, विष्णु, गणेश, देवी और सूर्य। इस मंदिर में देवताओं और आचार्य शंकर की मूर्ति स्थापित की जाएगी। प्रतिमा के नीचे के स्थान का उपयोग ध्यान केंद्र के रूप में किया जाएगा। यह शांति के लिए एक नैसर्गिक स्थल होगा।
वेदांत का सरलीकरण उपनिषदों की कहानियों और संवादों के साथ-साथ श्री यंत्र का रहस्य और ओंकारेश्वर का महत्व विभिन्न मंत्रमुग्ध प्रभावों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। तीसरे चरण में आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की स्थापना होगी। एकात्म धाम को एकात्मता के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।