सैनिटरी पैड से परफ्यूम तक पर्यावरण के लिए खतरा ?

सैनिटरी पैड से परफ्यूम तक पर्यावरण के लिए खतर 
वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे पर जानिए, कैसे टूथपेस्ट और वॉशिंग पाउडर मार रहे हैं पृथ्वी को

क्या आप पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं?

शायद आपको लगता हो- बिल्कुल नहीं।

आप कह सकते हैं कि आपने कभी कोई पेड़ नहीं काटा। प्लास्टिक की थैलियों के बजाय जूट बैग इस्तेमाल करते हैं। बिजली बचाते हैं और हफ्ते में दो दिन गाड़ी के बजाय साइकिल का इस्तेमाल करते हैं।

ये सभी आदतें अच्छी हैं। लेकिन आपके घर में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली कई ऐसी चीजें हैं जो पर्यावरण के लिए खासी नुकसानदेह हैं, मगर आप इनके बारे में शायद नहीं जानते।

आज विश्व पर्यावरण दिवस है।

चलिए, आपको बताते हैं आपके घर में इस्तेमाल होने वाली ऐसी 5 चीजों के बारे में जो दरअसल प्रदूषण का बड़ा कारण हैं।

1. एडहेसिव टेप: बढ़ाते हैं प्लास्टिक कचरा, गत्ते की रिसाइकिलिंग भी नहीं होने देते बच्चों के स्कूल प्रोजेक्ट हों, बर्थ-डे गिफ्ट रैप करना हो या कोई सामान पैक करना हो, हर घर में एडहेसिव टेप का ही इस्तेमाल होता है। ये टेप पर्यावरण के लिए खासा नुकसानदेह है।

कैसे, यूं समझिए-

कैसे कम कर सकते हैं एडहेसिव टेप का इस्तेमाल

  • बहुत जरूरी होने पर ही इसका इस्तेमाल करें।
  • कागज वाला बायोडिग्रेडेबल टेप इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • पैकिंग के लिए जूट की रस्सी या पुराने कपड़े की पटि्टयां इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन ऑर्डर करते समय ईको-फ्रेंडली पैकिंग वाली कंपनियों से सामान मंगवाएं।

2. टूथपेस्ट: प्लास्टिक की ट्यूब और केमिकल्स से दोहरा नुकसान

बचपन से हम सुनते आ रहे हैं कि दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए। लेकिन किसी ने ये नहीं बताया कि टूथपेस्ट कितना इस्तेमाल करना चाहिए और इससे नुकसान क्या है। टूथपेस्ट पर्यावरण के लिए कैसे नुकसानदेह है,

यूं समझिए-

कैसे कम कर सकते हैं टूथपेस्ट से नुकसान

  • एक बार में मटर के दाने जितना (1-2 ग्राम) टूथपेस्ट ही इस्तेमाल करें।
  • टूथपेस्ट खत्म होने के बाद ट्यूब को काटकर साफ करें। रीयूज या रिसाइकल करें।
  • टूथपेस्ट खरीदते समय लेबल पढ़ें और केमिकल फ्री टूथपेस्ट इस्तेमाल करें।
  • नीम, लौंग, बेकिंग सोडा या चारकोल जैसी प्राकृतिक चीजों से बने टूथपेस्ट इस्तेमाल करें।

3. परफ्यूम: खुशबू से फैल रहा है कारों जितना पॉल्यूशन

परफ्यूम या डि-ओडोररेंट का इस्तेमाल आज बहुत ही आम है। लेकिन खुशबू बढ़ाने का ये इंतजाम दरअसल पॉल्यूशन बढ़ा रहा है।

कैसे, यूं समझिए-

परफ्यूम से पर्यावरण को कैसे बचाएं

  • प्राकृतिक परफ्यूम्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • परफ्यूम की बोतल खाली हो जाए तो उसे साफ कर रीयूज करें।
  • रोजाना 1-2 स्प्रे (0.5ml) से ज्याद परफ्यूम न लगाएं। इससे VOCs का एमिशन कम होगा और परफ्यूम भी लंबे समय तक चलेगा।

4. कपड़े धोने के साबुन: कपड़े साफ करने वाले कर रहे पर्यावरण को गंदा

कपड़े धोने के लिए हर घर में किसी न किसी तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल होता ही है। चाहे पाउडर हो, बार, या लिक्विड…ये सभी पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

समझिए कैसे-

डिटर्जेंट से कैसे बचाएं पर्यावरण

  • इको-फ्रेंडली वॉशिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।
  • मशीन के बजाय हाथ से कपड़े धोने में माइक्रोप्लास्टिक कम निकलेंगे।
  • मशीन से कपड़े धोएं तो उसमें एक फिल्टर लगवा सकते हैं जो माइक्रोप्लास्टिक को वाटर सिस्टम में जाने से रोक ले।

5. सैनिटरी पैड: हाइजीन के लिए जरूरी, मगर पर्यावरण के लिए खतरा

माहवारी के दौरान सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल महिलाओं के लिए जरूरी है। ये ऐसा प्रोडक्ट है जिसने महिलाओं की सेहत सुधारने में बहुत मदद की है। लेकिन इसका साइड इफेक्ट पर्यावरण को झेलना पड़ता है।

समझिए, कैसे-

कैसे कम करें सैनिटरी पैड्स का खतरा

  • सैनिटरी पैड्स का डिस्पोजल बाकी कचरे से बिल्कुल अलग करें।
  • बाकी कचरे में न मिलाने से वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट्स में इन्हें अलग करना और इकट्‌ठा करना आसान होगा।
  • सैनिटरी पैड्स को खुले में न फेंकें और ना ही जलाएं।

पर्यावरण को बचाने के लिए बदलें अपनी आदतें

अब आप उन 5 चीजों के बारे में जानते हैं जो आप आमतौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं और अनजाने में ही पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

तो फिर विश्व पर्यावरण दिवस पर इन चीजों के इस्तेमाल से जुड़ी आदतें बदलिए, ताकि पृथ्वी का भविष्य सुरक्षित हो सके।

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