3 साल से एक तहसील में जमे 33 पटवारी हटाए…शिकायत में थे 183 नाम, कार्रवाई कुछ पर ही

भोपाल जिले की एक तहसील में पिछले तीन वर्षों से जमे हुए 33 पटवारियों को हटा दिया गया हैं, साथ ही 4 राजस्व निरीक्षकों (RI) का भी तबादला किया गया हैं। इन अधिकारियों को अब दूसरी तहसीलों या हल्कों में स्थानांतरित किया गया हैं। इस कार्रवाई को स्थानांतरण नीति के पालन और राजस्व व्यवस्था में पारदर्शिता के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि शेष नामों पर कार्रवाई कब और कैसे होगी।
सांसद शर्मा ने उठाया था मुद्दा
भोपाल के सांसद आलोक शर्मा ने करीब 8 महीने पहले प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था। उनका कहना था कि लंबे समय से एक ही जगह पर पदस्थ पटवारी भ्रष्टाचार और पक्षपात की जड़ बन सकते हैं, इसलिए इन्हें हटाया जाना जरूरी है।
शिकायत में थे 183 नाम, कार्रवाई कुछ पर ही
सूत्रों के मुताबिक, सांसद शर्मा ने कलेक्टर को 183 पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों की सूची सौंपी थी। लेकिन, अब तक उस सूची में से आधे से भी कम अधिकारियों पर कार्रवाई हुई हैं। प्रशासन की इस आंशिक कार्रवाई को लेकर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। भोपाल में एक ही तहसील में वर्षों से जमे पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों को लेकर उठे सवालों के बाद भी प्रशासनिक कार्रवाई अधूरी नजर आ रही है।
तीन तहसीलों पर मुख्य फोकस
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हुजूर तहसील: कुल 104 पटवारी हल्के, 84 नाम सूची में
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बैरसिया तहसील: कुल 103 हल्के, 84 नाम सूची में
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कोलार तहसील: कुल 24 हल्के, 15 नाम सूची में
खबर अपडेट की जा रही
भोपाल की एक ही तहसील में 3 साल से जमे 33 पटवारियों को हटा दिया गया है। 4 राजस्व निरीक्षकों के भी तबादले किए गए हैं। इन्हें एक तहसील या हल्के से दूसरी तहसील में भेजा गया है। भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने करीब 8 महीने पहले प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप के सामने यह मुद्दा उठाया था।
हालांकि, सांसद शर्मा ने जितने पटवारियों की लिस्ट कलेक्टर को सौंपी थी, उसमें से आधे भी नहीं हटाए गए हैं। कुल 183 पटवारी और RI (राजस्व निरीक्षक) की लिस्ट तैयार की गई थी।
इन पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों को हटाया…


कई 23 साल से एक ही तहसील में पदस्थ
सांसद शर्मा ने पहले जो लिस्ट सौंपी थी, उस पर नजर डाली जाए तो ऐसे कई पटवारी ऐसे हैं, जिन्हें एक ही तहसील में 23 साल हो चुके हैं। इनमें पटवारी भगवत सिंह धनगर, नरेंद्र बचोतिया, योगेंद्र कुमार सक्सेना, धर्मेंद्र सिंह कुशवाह, नासिर उद्दीन, महेश कुमार बंकरिया, मनोहर सिंह राजपूत, नई अहमद, सदाशिव गौड़, रेणू पटेल, नीलिमा नागर, रमेश शर्मा, प्रदीप गौर, अर्चना भटनागर, जयेंद्र चंदेलकर, मंगलेश खंडेलवाल, मुकुल सराठे, प्रियंका सिलावट, दीक्षा शर्मा, अभिषेक शर्मा, अंकुर साहू, शिवाजी मिश्रा, आलोक इंदौरिया, प्रीति गुप्ता आदि के नाम सामने आए थे।
इनमें से कई के नाम मंगलवार को जारी हुई लिस्ट में भी है। बता दें कि सांसद ने हुजूर-बैरसिया तहसील के 84-84 और कोलार तहसील के 15 पटवारियों की लिस्ट दी थी। इन्हें 3 साल से ज्यादा अवधि एक ही तहसील या हल्के में हो गई। जानकारी के अनुसार, हुजूर तहसील में 104, बैरसिया तहसील में 103 और कोलार तहसील में 24 पटवारी हल्के है।

बीजेपी सांसद बोले थे- इनके कारण ऑफिस बदनाम हो रहा
पिछले साल 20 सितंबर को प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप ने भोपाल में पहली समीक्षा बैठक की थी। इसमें सांसद शर्मा ने उन्हें 3 साल या इससे अधिक समय से एक ही हल्के में जमे पटवारियों की लिस्ट सौंपी थी। उन्होंने कहा था कि भोपाल में सालों से कई RI और पटवारी एक ही हल्के में 8 से 15 साल से जमे हैं।
इनके कारण ऑफिस बदनाम होता है। उनकी शिकायतें भी मिलती हैं। उन्हें वल्लभ भवन के आला अफसरों का संरक्षण है। कइयों की जमीन है। उन्हें हटाने के लिए लिस्ट सौंपी है।

3 साल में हल्का बदलने का नियम
भोपाल में करीब 222 पटवारी हैं। वहीं, राजस्व निरीक्षकों की संख्या लगभग 35 है। नियमानुसार 3 साल में पटवारी का हल्का बदल देना चाहिए। लेकिन भोपाल में कई तो एक ही हल्के में 8 साल या इससे ज्यादा समय से पदस्थ हैं। वहीं उन्हें तहसील में पदस्थ हुए 5 से 23 साल तक बीत चुके हैं।
बीच में हल्का बदलवाने के बाद वे फिर से पुराने हल्के में पदस्थ हो जाते हैं। बताया जाता है कि कई पटवारियों की शिकायत भी जनप्रतिनिधियों तक पहुंची थी। इस वजह से सांसद ने यह मुद्दा उठाया था।
