नोएडा : प्राधिकरण ने CBI को दी 112 बिल्डर प्रोजेक्ट की जानकारी..नोएडा में सबवेंशन स्कीम के तहत किया घोटाला !

प्राधिकरण ने CBI को दी 112 बिल्डर प्रोजेक्ट की जानकारी:​​​​​​​नोएडा में सबवेंशन स्कीम के तहत किया घोटाला, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रही जांच
सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय। - Dainik Bhaskar
सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने सबवेंशन स्कीम घोटाले में 112 बिल्डिर प्रोजेक्ट की डिटेल जानकारी प्राधिकरण से मांगी थी। जिसे प्राधिकरण ने सीबीआई को दिया है। इनमें से अधिकांश के ग्रेटरनोएडा और ग्रेनो वेस्ट के नामचीन बिल्डर है। इन बिल्डरों ने बैंकों के साथ मिलकर बायर्स को लोन दिलाया और पैसा अन्य योजनाओं में डायवर्ट किया या नहीं इसकी जांच सीबीआई कर रही है। इन बिल्डरों ने तो बैंक में किस्त जमा की और न ही ब्याज।

दरअसल सु्प्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई बिल्डरों और बैंकों के गठजोड़ की जांच कर रही है। कोर्ट ने 29 अप्रैल को सीबीआई जांच का आदेश देते हुए प्राधिकरणों को कहा था कि वह सीबीआई को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए अपने यहां नोडल अधिकारी की नियुक्ति करे। कोर्ट के आदेश आने के बाद नोएडा प्राधिकरण ने अकाउंट अधिकारी संजीव दत्ता को नोडल अधिकारी नियुक्त किया।

प्राधिकरण ने दी जानकारी

प्राधिकरण से सीबीआई ने पहले नौ बिल्डरों की जानकारी मांगी थी। अब 112 बिल्डर प्रोजेक्ट की जानकारी मांगी है। प्राधिकरण ने सीबीआई को प्रोजेक्ट से संबंधित स्वीकृत पत्र, ले आउट प्लान, बकाया, रजिस्ट्री , के अलावा इनके को डेवलपर्स की जानकारी दी है। जिसे प्राधिकरण फाइल के रूप में सीबीआई को दे रहा है। बता दे इससे पहले प्राधिकरण स्पोर्टस सिटी से संबंधित सभी प्रकार की फाइलिंग जानकारी सीबीआई को दे चुका है।

बिलडर 2014 में लाए थे सबवेंशन स्कीम

नोएडा, ग्रेटर नोएडा में सब वेंशन स्कीम के तहत लाई गई ग्रुप हाउसिंग योजनाओं की शुरुआत वर्ष 2014 के आसपास हुई थी। योजना में धांधली के लिए कुछ बिल्डरों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंकों से लोन पास कराए। बैंकों ने बिना मूल्यांकन और निरीक्षण के रकम जारी कर दी। अधिकारियों के अनुसार, बिल्डर और बैंक के बीच अघोषित समझौते के तहत बैंकों ने बिल्डरों को लोन की पूरी राशि दे दी।

शर्तों के तहत फ्लैट का कब्जा मिलने तक बिल्डर को ही ईएमआई का भुगतान करना था, लेकिन कुछ समय बाद बिल्डरों ने ईएमआई देनी बंद कर दी और खरीदारों को फ्लैट भी नहीं दिए। इससे खरीदारों पर ईएमआई का बोझ आ गया और बड़ी संख्या में खरीदार डिफॉल्टर हो गए। कुछ वर्षों बाद इन योजनाओं को लाने वाले अधिकांश बिल्डर दिवालिया हो गए।

40 परियोजनाओं के बायर्स हुए डिफाल्टर

नोएडा-ग्रेनो समेत एनसीआर की करीब 40 परियोजनाओं में हजारों फ्लैट खरीदार फंसे हुए हैं। सीबीआई स्पोर्ट्स सिटी मामले की भी जांच कर रही सीबीआई नोएडा में स्पोर्ट्स सिटी घोटाले की भी जांच कर रही है। बीते एक महीने में तीन-चार बार सीबीआई की टीम प्राधिकरण के दफ्तर आ चुकी है। टीम ने स्पोर्ट्स सिटी की सेक्टर-78, 79, 150 और 152 में आवंटित हुए भूखंडों की भी मौके पर जाकर जांच की। सीबीआई इन जगहों का ड्रोन से भी सर्वे कर चुकी है।

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