इंदौर। स्वच्छता में देश में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के बाद इंदौर ने भिक्षावृत्ति जैसी गंभीर सामाजिक समस्या का समाधान करने में उल्लेखनीय कार्य किया है। यह देश का पहला शहर है, जिसने सुनियोजित रणनीति से भिक्षुक मुक्त बनने का लक्ष्य हासिल किया है।

इस मॉडल को अन्य शहरों में लागू करने के लिए 11 जुलाई को इंदौर में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में 100 शहरों के 350 से अधिक अधिकारी भाग लेंगे।

800 भिक्षुक अब आमदनी कर रहे अर्जित

बता दें कि इंदौर जिला प्रशासन ने भिक्षुकों के पुनर्वास और रोजगार से जोड़ने के प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 800 भिक्षुक अब आमदनी अर्जित कर रहे हैं। इस पहल से बच्चों को स्कूलों में दाखिला भी कराया गया है।