कहीं जामताड़ा न बन जाए राजस्थान का ये शहर!

कहीं जामताड़ा न बन जाए राजस्थान का ये शहर!

3 महीने में 615 साइबर ठग अरेस्ट, 100 करोड़ से अधिक की ठगी

देशभर में साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच राजस्थान के डीग में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. यहां 61 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने करीब 100 करोड़ रुपये की ठगी की थी. इस कार्रवाई से क्षेत्र में ठगी के मामलों में कमी आई है.

कहीं जामताड़ा न बन जाए राजस्थान का ये शहर! 3 महीने में 615 साइबर ठग अरेस्ट, 100 करोड़ से अधिक की ठगी

सांकेतिक तस्वीर

देशभर में साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अब जालसाज न सिर्फ भोले भाले लोगों को अपना निशाना बनाते हैं. बल्कि, पुलिस और जज तक से ठगी के मामले सामने आ चुके हैं. अब राजस्थान के भरतपुर के डीग में साइबर ठगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है, जो अब झारखंड के जमाताड़ा की तरह बनता जा रहा है, जहां डिजिटल धोखाधड़ी हाईलेवल पर है और यहां से साइबर ठगी के बहुत मामले सामने आते हैं.

दरअसल, डीग गोपालगढ़ के गांव हेवतका और नावदा की घेराबंदी कर 48 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही 13 नाबालिगों हिरासत में भी लिया है. इस तरह से एक साथ करीब 61 साइबर ठगों को पुलिस ने पकड़ा. पिछले तीन महीने में डीग शहर से 615 ठगों को पकड़ा जा चुका है. ये साइबर ठग अब तक करीब 100 करोड़ की ठगी लोगों से कर चुके हैं.

61 ठगों को किया गिरफ्तार

अब पुलिस ने जिन 61 ठगों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 33 स्मार्ट फोन, 65 फर्जी सिम कार्ड, 22 एटीएम कार्ड, चेक बुक्स, एचडीएफसी बैंक की स्वैप मशीन, दो लग्जरी कार और बाइक जब्त की गई है. जब इनकी जांच की गई तो सामने आया कि उनके बैंक अकाउंट्स से करोड़ों का ट्रांजेक्शन किया गया है. अभी भी इनके अकाउंट्स की जांच की जा रही है.

बैंक अकाउंट्स की हो रही जांच

पहाड़ी डीएसपी गिर्राज मीणा के नेतृत्व में पकड़े गए 61 साइबर ठगों के बैंक खातों और चल-अचल संपत्तियों की जांच की जा रही है. ये जानकारी आईजी कैलाश बिश्नोई ने दी. ये ठग किराए पर अकाउंट्स लेकर ठगी की रकम उनमें जमा कराते थे. जांच में सामने आया कि इनमें से एक ठग को पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है. तब आरोपी को अलवर में 20 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

ऑनलाइन ठगी का लोकेशन डेटा

डीग में जनवरी 2024 में ऑनलाइन ठगी का लोकेशन डेटा 21.7 प्रतिशत था, जो अब घटकर सिर्फ 3 प्रतिशत रह गया है. पहले यहां के कई गांवों से फर्जी बैंक कॉल, सोशल मीडिया फ्रॉड और ऑनलाइन ठगी की लगातार शिकायतें आ रही थीं. पुलिस ने तकनीकी जांच और मोबाइल सर्विलांस की मदद से इन ठगों के नेटवर्क का पता लगाया और उन पर कार्रवाई की. ये आरोपी चोरी या फर्जी सिम कार्ड लेकर व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ओएलएक्स जैसी साइटों पर कम दाम में मोबाइल बेचने या गरीबों की मदद का झांसा देकर लोगों को ठगते थे.

 

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