उन्नाव रेप कांड : सीबीआई ने दो आईपीएस और एक आईएएस के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की

उन्नाव के बहुचर्चित माखी रेप कांड की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने एक आईएएस और दो आईपीएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। आईएएस अफसर जिले में डीएम रहे हैं तो दोनों आईपीएस जिले के पुलिस कप्तान रहे हैं।

सीबीआई इसी मामले में उन्नाव के विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई समेत अन्य आरोपियों को दोषी ठहरा चुकी है। सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर सेंगर को आजीवन कारावास की सजा भी हो चुकी है। सजा होने के कारण उनकी विधानसभा की सदस्यता भी खत्म कर दी गई थी।

जांच के दौरान इन अफसरों की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर सीबीआई ने शासन को पत्र भेजा है। माखी कोतवली के तत्कालीन थानाध्यक्ष इस मामले में पहले ही दोषी ठहराए जा चुके हैं। वह भी जेल में हैं।

क्या है पूरा मामला
उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया था। मामले की जांच सीबीआई ने की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह मामला उत्तर प्रदेश से दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था और वहीं पूरी सुनवाई भी हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। दोषी कुलदीप सिंह सेंगर (53) को तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर 2019 को रेप के मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने सेंगर पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर की यूपी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई।

इसके अलावा उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर समेत सात अन्य को दस साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इस मामले में सेंगर और उनके भाई अतुल सेंगर को पीड़िता के परिवार को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश भी दिया है।

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