मप्र को नए साल में नहीं मिलेंगे 60 आईएएस और 55 आईपीएस

भोपाल । अगले साल मप्र को करीब 60 आईएएस नहीं मिल सकेंगे, क्योंकि केंद्र सरकार ने कड़ा वित्तीय अनुशासन लागू करते हुए नए पदों के सृजन से लेकर सभी तरह की नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। नतीजे में वर्ष 2021 में होेने वाला आईएएस कैडर रिव्यू नहीं हो सकेगा, जिससे नए पद सेंक्शन नहीं होंगे। इसका असर आईपीएस और आईएफएस पर भी पडेÞगा। केंद्रीय सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन (एक्सपेंडीचर) ने 4 सितंबर को एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया है। इसमें कड़ा वित्तीय अनुशासन लागू करने के लिए नए पदों के सृजन और सभी तरह की नियुक्तियों पर रोक की बात कही गई है। इसकी कॉपी पीएम के प्रमुख सचिव, सलाहकार, कैबिनेट सचिव, सीईओ नीति आयोग सहित सभी वित्तीय सलाहकारों को भी भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि यह रोक सरकारी भर्तियों के साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों, स्वायत्तशासी निकायों आदि पर भी लागू होगी। साथ ही जुलाई 2020 तक विज्ञापित पदों पर यदि भर्ती नहीं हो सकी है, तो अब भर्ती नहीं होगी। इसका असर मध्यप्रदेश में प्रस्तावित लगभग 70 से 80 हजार भर्तियों पर भी पडेÞगा, जिनमें संविदा शिक्षक, आरक्षक, पटवारी, क्लास-3 और क्लास-4 की भर्तियां शामिल हैं।

नए पद भी नहीं हो सकेंगे सेंक्शन 

वत्तीय अनुशासन के कारण नई भर्तियों के साथ ही नए पद भी सेंक्शन नहीं हो सकेंगे। इससे आईएएस के 2016 के बाद 2021 में प्रस्तावित कैडर रिव्यू में संभावित 60 से 65 पोस्ट नहीं बढ़ सकेंगी। इसी तरह रिव्यू के बाद आईपीएस के मौजूदा 166 पदों को बढ़ाकर 221 करने की मांग ठंडे बस्ते में जाने से करीब 55 से 63 पद सेंक्शन नहीं होंगे। हालांकि आईएफएस पर असर नहीं पडेगा, क्योंकि नए पदों के सृजन का प्रस्ताव नहीं है, बल्कि रिव्यू के जरिए पदनाम परिवर्तन आदि ही होना है। वहीं अखिल भारतीय सेवाओं का कैडर रिव्यू स्थगित होने का सीधा असर राज्य प्रशासनिक और राज्य पुलिस सेवा के प्रमोशन पर भी पडेÞगा।

 सभी संवर्गों पर पड़ेगा असर 

वित्तीय स्थिति के मद्देनजर अभी तो सभी तरह की भर्तियों पर रोक रहेगी। स्वाभाविक तौर पर इसका असर सभी संवर्गों पर पडेÞगा। – आईसीपी केशरी, पे्रसीडेंट, आईएएस एसोसिएशन

केंद्र्र का आदेश वित्तीय अनुशासन को लेकर है। ऐसे में हम तो कैडर रिव्यू का प्रपोजल भेजेंगे। इसके बाद सरकार को तय करना होगा। – विजय यादव, प्रेसीडेंट, आईपीएस एसोसिएशन्

आईएफएस का कैडर रिव्यू 2020 में ड्यू होने से पहले ही प्रपोजल विभाग की ओर से भेजा चुका है। इसमें नए पद नहीं मांगे गए, बल्कि वर्तमान पदों की ही समीक्षा करके परिवर्तन की अनुमति संबंधी फाइल वित्त विभाग में है। – राजेश श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मप्र

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