मध्य प्रदेश में 25% तो छत्तीसगढ़ में 13.6% सब्जियों में घातक लेड की मात्रा, FSSAI की रिपोर्ट में खुलासा
मध्य प्रदेश में 25% तो छत्तीसगढ़ में 13.6% सब्जियों में घातक लेड की मात्रा, FSSAI की रिपोर्ट में खुलासा
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (FSSAI) की तरफ से सब्जियों की क्वालिटी का पता लगाने के लिए राजधानी भोपाल, इंदौर, सतना और जबलपुर से 250 नमूने लिए थे. इनमें 25 प्रतिशत सब्जियों के नमूनों में हेवी मेटल्स की घातक मात्रा पाई गई. जबकि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से लिए सैंपल्स में 13.06 प्रतिशत की कमी मिली.
भोपाल: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बिक रही सब्जियों में लेड और कैडमियम की घातक मात्रा है, जो सेहत के लिए हानिकारक है. इस बात का खुलासा भारत की फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (FSSAI) की एक नई रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मध्य प्रदेश में पत्ते वाली सब्जियों को छोड़कर अन्य में लेड की सीमा 100 माइक्रोग्राम किलोग्राम है. जबकि टमाटर में 600 माइक्रोग्राम तो भिंडी में 1000 माइक्रोग्राम है. वहीं, छत्तीसगढ़ की सब्जियों में लेड और कैडमियम की मात्रा 13.6 प्रतिशत है.
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (FSSAI) की तरफ से सब्जियों की क्वालिटी का पता लगाने के लिए राजधानी भोपाल, इंदौर, सतना और जबलपुर से 250 नमूने लिए थे. इनमें 25 प्रतिशत सब्जियों के नमूनों में हेवी मेटल्स की घातक मात्रा पाई गई. जबकि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से लिए सैंपल्स में 13.06 प्रतिशत की कमी मिली.
स्वास्थ्य पर होगा यह असर
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लेड, कैडमियम, मर्करी और आर्सेनिक जैसे हेवी मेटल्स अधिक मात्रा में शरीर के लिए घातक होते हैं. इससे किडनी खराब हो सकती है. साथ ही नर्वस सिस्टम और हड्डियों की बीमारियां हो सकती हैं.
सब्जियों में ये जहर आया कहां से ?
सब्जियों में ये जहरीले तत्व कीटनाशकों के इस्तेमाल, मिट्टी में आई खराबी और गंदे पानी से खेती करने पर आते हैं. ये देश के किसी एक शहर या गांव की कहानी नहीं है, बल्कि ये पूरे देश में हो रहा है. लेड, कैडमियम, आर्सेनिक और पारा जैसे तत्व अगर ज्यादा मात्रा में शरीर में चले जाएं तो ये आपको मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार कर सकते हैं और इनमें से कुछ तत्व तो जानलेवा ही होते हैं.