मध्य प्रदेश: मदरसे को बदनाम कर रहे फिरकापरस्त, उषा ठाकुर पर जमीअत-ए-उलेमा का पलटवार
असम (Assam) की तर्ज पर मदरसे बंद करने के मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री उषा ठाकुर (Usha Thakur) के बयान पर मुस्लिम संगठनों ने विरोध दर्ज कराया है. जमीअत-ए-उलेमा के प्रदेश अध्यक्ष हाजी हारून ने कहा है कि किसी भी मदरसे में आतंकवाद नहीं पढ़ाया जाता है मदरसों में अच्छी तालीम दी जाती है, जिसे भी शक हो वह जाकर मदरसे में देख ले. उन्होंने कहा कि मदरसों ने भी हिंदुस्तान की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि कुछ फिरकापरस्त लोग मदरसों को बदनाम कर रहे हैं.
हाजी हारून ने कहा, “मदरसे से जुड़े लोगों ने हमेशा देश में अमन और भाई-चारे का माहौल बनाने की कोशिश की है. जिन भी फिरकापरस्त लोगों को इसमें शक है वो एक बार मदरसा जाएं और खुद सच्चाई देंखे. आंतकवाद से जुड़ी घटनाओं में मदरसे के किसी भी शख्स का नाम नहीं आया है. हमने हमेशा देश का मान-सम्मान बढ़ाने का काम किया है.”
वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सूबे में सत्तारूढ़ भाजपा 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को होने वाले उपचुनावों के प्रचार को सांप्रदायिक एजेंडे की तरफ मोड़ने का प्रयास कर रही है. अध्यात्म और संस्कृति मंत्री ने अपने बयान में मदरसों को सरकारी खजाने से मिलने वाली आर्थिक सहायता बंद किए जाने की पैरवी की है. उन्होंने यह दावा भी किया कि देश के सारे कट्टरवादी और आतंकवादी मदरसों में पले-बढ़े हैं.
‘धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता पनपा रही’
ठाकुर ने कहा, “बच्चे, बच्चे और विद्यार्थी, विद्यार्थी होते हैं. इसलिए मेरा मानना है कि सभी धर्मों के विद्यार्थियों को सामूहिक रूप से समान शिक्षा दी जानी चाहिए. धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता पनपा रही है और विद्वेष का भाव फैला रही है.”
‘जम्मू-कश्मीर को आतंक की फैक्ट्री बनाकर रख दिया’
उन्होंने कहा, “वे (मदरसे) कौन-सी संस्कृति पढ़ा रहे हैं? यदि आप इस देश के नागरिक हैं, तो आप देखिए कि सारे कट्टरवादी और सारे आतंकवादी मदरसों में पले और बढ़े हैं. जम्मू-कश्मीर को आतंकवादियों की फैक्ट्री बनाकर रख दिया गया था.”