एमपी में 28 विधानसभा सीटों के लिए 66.37 प्रतिशत
मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तहत मंगलवार को शाम छह बजे तक कुल 66.37 प्रतिशत मतदान हुआ. यह 2018 विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर हुए औसत मतदान की तुलना में 6.65 प्रतिशत कम है.
पिछले विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर औसतन 72.93 प्रतिशत मतदान हुआ था. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इन 28 विधानसभा क्षेत्रों में 0.06 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 28 सीटों पर औसतन 66.22 प्रतिशत मतदान हुआ था.
कहां हुआ सबसे अधिक और कम मतदान
प्रदेश में शाम छह बजे तक सबसे अधिक मतदान धार जिले की बदनावर सीट पर सबसे अधिक 81.26 प्रतिशत तथा सबसे कम मतदान ग्वालियर पूर्व सीट पर 42.99 प्रतिशत हुआ. इसके अलावा शाम छह बजे तक आगर मालवा में 80.54 प्रतिशत, अंबाह में 51.65 प्रतिशत, अनूपपुर में 67.60 प्रतिशत, अशोक नगर में 69.79 फीसदी, बमोरी में 77.51 प्रतिशत, भांडेर में 71.59 प्रतिशत, ब्यावरा में 80.01 प्रतिशत, डबरा में 57.10 प्रतिशत, दिमनी में 57.50 प्रतिशत, गोहद में 52.88 प्रतिशत, ग्वालियर में 49.77 प्रतिशत, हाटपिपल्या में 80.84 फीसदी, जौरा में 66 फीसदी, करेरा में 72.11 फीसदी, बड़ा मलहरा में 68.06 प्रतिशत, मंधाता में 73.44 प्रतिशत, मेहगांव में 58.13 प्रतिशत, मुरैना में 57.80 प्रतिशत, मुंगावली में 73.15 प्रतिशत, नेपानगर में 72.65 फीसदी, पोहरी में 70.05 प्रतिशत, सांची में 68.87 फीसदी, सांवेर में 74.34 प्रतिशत, सुमावली में 53.36 प्रतिशत, सुरखी में 70.55 प्रतिशत, सुवासरा में 79.97 प्रतिशत मतदान हुआ.
एक अधिकारी ने बताया, ‘प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए आज कुल 66.37 प्रतिशत मतदान हुआ है. यह शाम छह बजे का आंकड़ा है. अंतिम तौर पर इस आंकड़े में कुछ बदलाव हो सकता है.’
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान सुबह सात बजे कोविड-19 के रोकथाम के दिशा निर्देशों के साथ शुरु हुआ और शाम छह बजे तक चला. राज्य के 19 जिलों में शाम छह बजे तक 66.28 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.
अधिकारी ने बताया कि मतदान का अंतिम घंटा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों तथा संदिग्ध मरीजों के लिये निर्धारित किया गया था.
उन्होंने बताया कि उपचुनाव में प्रदेश के 12 मंत्रियों सहित 355 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला होगा.
केन्द्रीय मंत्री तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में किया मतदान
वहीं केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में मतदान किया.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ईवीएम पर फिर उठाए सवाल
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने ईवीएम पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं और उनका कहना है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है. वहीं मतपत्र से मतदान की वकालत की है.
दिग्विजय ने कहा कि तकनीकी युग में विकसित देश ईवीएम पर भरोसा नहीं करते पर भारत व कुछ छोटे देशों में ईवीएम से चुनाव होते हैं. विकसित देश क्यों नहीं कराते? क्योंकि उन्हें ईवीएम पर भरोसा नहीं है. क्यों? क्योंकि जिसमें चिप है वह हैक हो सकती है.
28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, बहुमत के लिए भाजपा को नौ सीटों की जरूरत
मध्य प्रदेश की 25 सीटों पर मौजूदा कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने की वजह से उपचुनाव हुए. जबकि तीन अन्य सीटों पर मौजूदा विधायकों के निधन की वजह से उपचुनाव की जरूरत पड़ी.
इन चुनावों में प्रदेश के 12 मंत्रियों समेत कुल 355 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया. सत्ताधारी बीजेपी के पास 107 विधायक हैं और उसे बहुमत के लिये नौ और सीटों की जरूरत है जबकि कांग्रेस के पास सदन में 87 विधायक हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार हालांकि, इन सीटों पर मायावती के नेतृत्व वाली बसपा एवं कुछ अन्य छोटे राजनीतिक दलों के साथ-साथ निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं, लेकिन अधिकांश सीटों पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस एवं बीजेपी के बीच ही होने की उम्मीद है