क्या पश्चिम बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन?

बिहार में चुनावों के बाद हर किसी की नजर अब पश्चिम बंगाल की ओर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस ओर इशारा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल ही पश्चिम बंगाल में हिंसा की आशंका जाहिर की थी, इसे तुरंत बाद ही भाजपा नेता दिलीप घोष के वाहन पर अलीपुरद्वार में पत्थर फेंके गए। उनकी गाड़ी के शीशे चकनाचूर हो गए। इस बीच संभावना जताई जा रही है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है और ममता को चुनाव से पहले कर्सी छोड़नी पड़ सकती है।

इस संबंध में पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने बताया कि ममता बनर्जी जितनी अमानवीय सीएम हैं वैसी नेता भारत में कभी नहीं देखी गई। संविधान निर्माताओं ने सोचा नहीं था कि भारत में ऐसी भी सीएम आएगी जो रोज संविधान की तौहीन करेगी। 130 भाजपा नेताओं को मारा गया है। पुलिस और प्रशासन के दम पर वे सत्ता में बैठी हैं। बाबुल सुप्रियो के अनुसार ममता बनर्जी ने वे सभी क्वालिफिकेशन पा ली हैं जिनके आधार पर केंद्र सरकार वहां राष्ट्रपति शासन लगा सकती है। लेकिन इस पर फैसला केंद्र को ही लेना है।

सुप्रियो ने कहा कि तीन दशकों के लेफ्ट के आतंक के बाद ममता ने बंगाल को लेफ्ट के खिलाफ आशा दिखाई थी। लेकिन ममता वही कर रही हैं जिसका विरोध करती थीं। आम चुनाव में सिर्फ बंगाल की हिंसा ही चर्चा में रहती है। वे हिंसा के लिए पुलिस का इस्तेमाल करती हैं।सीधे शब्दों पर कहें तो बंगाल में पुलिस की शह पर हिंसा होती है। चुनाव आते जाते रहेंगे लेकिन मौत का खेल नहीं होना चाहिए।

क्या ओवैसी भाजपा की बी टीम हैं

असदुद्दीन ओवैसी एक पार्टी के लीडर हैं। वे जहां चाहें चुनाव लड़ सकते हैं। उन्हें भाजपा की बी टीम कहना लूजर्स का ही काम है। जो जनता के सामने हार जाते हैं वे ही ऐसी बातें करते हैं। ममता बनर्जी ने मुसलमानों से वोट लेने के अलावा उनके लिए किया क्या है? यही कारण है कि ममता और कांग्रेस को ओवैसी का डर है। लेकिन पश्चिम बंगाल की जनता सोच चुकी है कि उन्हें अब ममता नहीं चाहिए।

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